पर्यावरण संरक्षण से सभी जीव जंतुओं का जीवन सुरक्षित रहेगा-मुख्यमंत्री

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संवाददाता.पटना. मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान का मतलब है जल और हरियाली सुरक्षित है, तभी जीवन सुरक्षित है। नवंबर 2019 में बिलगेट्स यहां आए थे और बातचीत के दौरान जब उन्हें बिहार में पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी गई तो वे काफी इंप्रेश हुए थे। 24 नवंबर 2020 को यूनाइटेड नेशन में पर्यावरण संरक्षण के संबंध में हमको मैसेज देनी पड़ी थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए बापू ने बहुत पहले लोगों को जागरुक किया था। उन्होंने कहा था कि धरती आपकी जरुरत को पूरा करने में सक्षम है लालच को नहीं। बापू के द्वारा बताए गए सात सामाजिक पापों को सरकारी स्कूलों, सरकारी कार्यालयों में अंकित कराया गया है। अगर 5 प्रतिशत लोग भी इससे प्रभावित होंगे तो उसका समाज में सकारात्मक असर पड़ेगा। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत किए जा रहे कार्यों की तस्वीरों को भी सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाएं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अधिवेशन भवन में जल-जीवन-हरियाली दिवस के अवसर पर ‘जल-जीवन-हरियाली अभियान में जन-भागीदारी’ कार्यक्रम की शुरुआत पौधे में जल अर्पण कर किया। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ‘जल-जीवन-हरियाली अभियान में जन-भागीदारी’ विषय पर परिचर्चा में जीविका दीदी और संबद्ध विभाग के कुछ पदाधिकारियों ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के विभिन्न पहलुओं पर अपनी-अपनी बातें रखी हैं, उसके लिए उन्हें विशेष रुप से धन्यवाद देता हूं।

उन्होंने कहा कि जून, 2019 में विधानसभा में अधिकारियों की नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में मैंने पर्यावरण पर उत्पन्न संकट के संबंध में अपनी बातें रखते हुए कहा था कि पर्यावरण पर संकट है उसके लिए हमलोगों को काम करना होगा। राज्य में जलवायु परिवर्तन का प्रभाव दिखने लगा है। दक्षिण बिहार के साथ-साथ उत्तर बिहार में भी भूजल स्तर नीचे गिरने लगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की जनसंख्या अब बढ़कर 12 करोड़ से ज्यादा हो गई है। जब हमलोगों ने बिहार में कार्य संभाला था, उस समय प्रजनन दर 4.3 था, जो अब घटकर 3.2 हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद बिहार का हरित आवरण 9 प्रतिशत रह गया था। वर्ष 2010 में स्कूल के बच्चे-बच्चियों के द्वारा स्कूलों में पौधारोपण की शुरुआत करायी गई थी। वर्ष 2012 में हरियाली अभियान की शुरुआत की गई और 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया जिसके तहत 19 करोड़ से ज्यादा पौधारोपण किया गया। अधिक से अधिक वृक्षारोपण कराने के कारण अब बिहार का हरित आवरण हरित आवरण क्षेत्र बढ़कर 15 प्रतिशत हो गया है। 5 जून 2020 से 9 अगस्त 2020 तक 2 करोड़ 51 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य था लेकिन उससे अधिक 3 करोड़ 47 लाख पौधे लगाए गए। अब यह आंकड़ा बढ़कर 3 करोड़ 91 लाख हो गया है। इस साल हमलोगों ने 5 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा है। राज्य के हरित आवरण क्षेत्र को कम से कम 17 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए कार्य किया जा रहा है। सड़क, पोखर, तालाबों के किनारे भी वृक्षारोपण किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत 11 अवयवों को शामिल किया गया है। 7 अवयव जल संरक्षण से संबंधित है। एक अवयव हरियाली से, एक मौसम के अनुकूल फसल कार्यक्रम से, एक अवयव सौर ऊर्जा से और एक अवयव जागरुकता अभियान से संबंधित है। आज कल फसल अवशेषों को जलाने की प्रवृति बढ़ रही है, जो पर्यावरण के लिए घातक है। फसल अवशषों के प्रबंधन विषय पर वर्ष 2019 में पटना में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन किया गया था, जिसमें विशेषज्ञों के द्वारा कई महत्वपूर्ण बातें सामने आयी थीं। उन्होंने कहा कि पुआल न जलाने के लिए लोगों को समझाया जा रहा है, उससे होने वाले नुकसान के संबंध में बताया जा रहा है। पदाधिकारियों को पुआल नहीं जलाने के लिये लोगों को जागरुक करने को कहा गया है। मौसम के अनुकूल फसल कार्यक्रम की शुरुआत पहले 8 जिलों से की गई और बाद में बाकी के 30 जिलों में भी इसकी शुरुआत कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान यात्रा के दौरान लोगों में पर्यावरण के प्रति मैंने जागृति देखी थी। लोगों में जागृति का ही परिणाम है कि 19 जनवरी 2020 को जल-जीवन-हरियाली अभियान के पक्ष में 5 करोड़ 16 लाख से अधिक लोगों ने 18 हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबी मानव श्रृंखला बनायी।  कहा कि हर घर तक बिजली पहुंचा दी गयी है और अब सौर ऊर्जा के लिए काम किये जा रहे हैं। सौर ऊर्जा ही असली ऊर्जा है, जो सूर्य पर आधारित है। जब तक धरती और सूर्य रहेंगे, बिजली का संकट नहीं होगा। 1,56,881 सार्वजनिक पोखरों, आहरों, पईनों को तथा 3,577 कुओं को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। इनका जीर्णोद्धार भी कराया गया है। अतिक्रमण मुक्त कराने के बाद सार्वजनिक पोखरों, आहरों, पईनों के किनारे बसे लोगों को घर बनाने के लिए पैसा दिया जाएगा और उनको बसाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि गंगा जल उद्वह योजना के तहत बरसात में गंगा के पानी को स्टोर किया जाएगा और उसे शुद्ध कर पेयजल के रुप में बोधगया, गया, राजगीर और नवादा पहुंचाया जाएगा। राजगीर में ऑर्डिनेस फैक्ट्री के पास जल संरक्षण के लिए जो तालाब बना है वो अपने आप में अद्भुत है। अटल जी की सरकार में जार्ज साहब रक्षा मंत्री थे, उस वक्त ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के शिलान्यास के दौरान मैंने ही तालाब निर्माण का सुझाव दिया था। अगर दो वर्षों तक बारिश नहीं होगी, तब भी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री तथा वहां काम करने वालों के लिए पानी का संकट उत्पन्न नहीं होगा। वर्ष 2015 से ऑर्डिनेंस फैक्ट्री शुरु हो गया है। हमने अधिकारियों को सुझाव दिया है कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के पास जो तालाब हैं, उसको देखिए और उसी के तर्ज पर पहाड़ी इलाकों में जल संरक्षण के लिए तालाबों का निर्माण कराएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के लिए लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक किया जा रहा है। इसको लेकर हमलोगों ने तय किया है कि प्रत्येक माह के पहले मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली अभियान दिवस के रूप में मनाया जायेगा, जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत किए जा रहे कार्यों पर चर्चा होगी तथा आंकड़े लिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि अब तक 1 करोड़ 20 लाख परिवार सूमह से जुड़ चुके हैं। 10 लाख से अधिक जीविका समूह के निर्माण के लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। खुशी की बात है कि वर्ष 2021 के जनवरी माह के आज पहले मंगलवार से जल-जीवन-हरियाली अभियान में जनभागीदारी के रुप में परिचर्चा की शुरुआत की गई है। यह परिचर्चा आखिरी नहीं है बल्कि हर माह के पहले मंगलवार को अलग-अलग ढंग से जागृति और काम के लिए बैठक होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सिनेशन का काम शुरु हो गया है, फिर भी लोगों को कोरोना के प्रति सतर्क रहने की जरुरत है।

कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री का स्वागत ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने पौधा भेंटकर किया। कार्यक्रम के दौरान जल-जीवन-हरियाली अभियान की उपलब्धियों पर केंद्रित एक लघु फिल्म की प्रस्तुति की गई।कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री  रेणु देवी, ग्रामीण विकास मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्य सचिव दीपक कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चैधरी ने संबोधित किया।

इस अवसर पर ‘जल-जीवन-हरियाली अभियान में जन-भागीदारी’ विषय पर परिचर्चा में विशेष सचिव लघु जल संसाधन गोपाल मीणा, मुख्य वन संरक्षक, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन सुरेंद्र सिंह, मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य प्रक्षेत्र पटना अशोक कुमार, मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग नंदकुमार झा, अधीक्षण अभियंता, ब्रेडा खगेश चौधरी, उप निदेशक कृषि निदेशालय अनिल झा, आकाश संकुल संघ जयनगर (मधुबनी) की अध्यक्षा जीविका दीदी सईदा खातून ने अपने विचार रखे। मुख्यमंत्री ने इन सभी को शुभकामना स्वरुप प्रमाण पत्र एवं पौधा देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम में विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, संबद्ध विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे, जबकि वेबकास्टिंग एवं टेलीकास्टिंग के माध्यम से जनप्रतिनिधिगण, प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारीगण, जीविका दीदियां एवं गणमान्य व्यक्ति जुड़े थे।

 

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