बिहार में कृषि विकास दर पंजाब से ज्यादा,यहां किसान एनडीए के साथ-सुशील मोदी

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संवाददाता.पटना.पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में 45 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य है और 2 लाख मीट्रिक टन खरीद हो चुकी है। राज्य सरकार ने धान खरीद को सुगम बनाने के लिए जमीन के कागज (LPS) की अनिवार्यता समाप्त कर दी है और केंद्र सरकार ने धान के समर्थन मूल्य में 53 रुपये की वृद्धि कर इसे 1868 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।

गया जिले के वजीरगंज में भाजपा किसान जागरुकता अभियान को संबोधित करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि जब तक श्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, कोई भी ताकत न एमएसपी खत्म कर सकती है, न कोई कारपोरेट घराना किसान की जमीन पर कब्जा कर सकता है।उन्होंने कहा कि जो पार्टियां लोकसभा और विधानसभा से लेकर जिला परिषद तक के चुनाव में भाजपा को पराजित नहीं कर पातीं, वे सब मिल कर नये कृषि कानूनों पर किसानों को गुमराह करने में लगी हैं।

पूर्व उपमुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार में एनडीए सरकार ने 2006 में ही कृषि बाजार समिति कानून को खत्म कर किसानों को मंडी और बिचौलियों की जकडन से आजादी दिलायी। बिहार देश का पहला राज्य बना, जिसने किसानों को मंडी से मुक्ति दिला कर कहीं भी फसल बेचने के लिए बडा बाजार दिया।

उन्होंने कहा कि हमने 2008 में कृषि रोड मैप लागू किया, जिससे देश में बिहार सब्जी उत्पादन में चौथे और फल उत्पादन में आठवें स्थान पर पहुँच गया। किसान हितेषी नीतियों के कारण 2005 और  2015 के बीच जहां बिहार की कृषि विकास दर 4.5 फीसद रही, वहीं इस अवधि में पंजाब की कृषि विकास दर मात्र 1.6 फीसद रही।

उन्होंने कहा कि  बिहार के किसान एनडीए की नीति और नीयत पर भरोसा रखते हैं, इसलिए वे कृषि कानून के मुद्दे पर विपक्ष के बहकावे में नहीं आये। बिहार में उनका भारत बंद इसीलिए विफल रहा।

श्री मोदी ने बताया कि किसान सम्मान  निधि योजना, फसल नुकसान होने पर इनपुट सहायता और डीजल अनुदान के रूप में बिहार के 1 करोड 64 लाख किसानों के बैंक खाते में कुल 8592.95 रुपये सीधे डाले गए।

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