संवाददाता.पटना.भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी अपने ट्वीट में कहा कि यह कैसा किसान आंदोलन है, जिसमें टुकडे-टुकडे गैंग के शरजिल इमाम और कुछ शहरी नक्सलियों की रिहाई के साथ पुराने जम्मू-कश्मीर के लिए धारा -370 की बहाली जैसी अलगाववादी मांगों को हवा दी जा रही है?
श्री मोदी ने कहा कि जिन बातों से खेती का कोई वास्ता नहीं, उन बातों के लिए दिल्ली में किसान के नाम पर आंदोलन करने वाली भीड नारे क्यों लगा रही है? विरोध करने के लोकतांत्रिक अधिकार न तो असीमित हैं, न इसकी ओट में किसी को भारत विरोधी एजेंडा चलाने की छूट दी जा सकती है।
केंद्र सरकार ने दृढतापूर्क कहा है कि तीनों नये कृषि कानून वास्तविक किसानों के हित में हैं, इसलिए वापस नहीं होंगे, लेकिन कुछ संशोधन अवश्य किये जा सकते हैं।बिहार, यूपी सहित विभिन्न राज्यों के 15 किसान संगठनों ने मंडी से आजादी दिलाने वाले नये कृषि कानून का समर्थन कर गतिरोध दूर होने की उम्मीद बढायी।असली किसानों और उनके संगठनों के आगे बढने से ही समाधान होगा। पंजाब-हरियाणा के कुछ अमीर किसानों का संगठित अल्पमत देश के 80 फीसद किसानों के बहुमत की आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में बिहार का पहला कृषि रोड मैप लागू करने वाली एनडीए सरकार ने राज्य के सभी 38 जिलों में बदले मौसम के अनुरूप खेती करने का जो कार्यक्रम शुरू किया, उससे 1.5 लाख किसानों को नई तकनीक से साल में तीन फसलें उगाने में मदद मिलेगी। कृषि रोडमैप का यह तीसरा चरण किसानों की आय दोगुनी करने वाला एक सराहनीय कदम है। जिन लोगों ने कृषि के लिए अपने राज में कुछ नहीं किया, वे बंद, धरना-प्रदर्शन के जरिये केवल अपनी काहिली छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।