बिहार भाजपा का डिजिटल जवाब-बिहार में ई बा..

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संवाददाता.पटना.एक गाना बना, बंबई में का बा? लिखनेवाला पूर्वांचल के बलिया का  डॉ. सागर और अभिनय करनेवाला बिहार के बेतिया का मनोज वाजपेयी। गाना हिट हो गया। फिर, इसकी पैरोडी बनी, ‘बिहार में का बा..’ जिसके जरिए एनडीए पर सवाल उठाया गया और पूछा गया कि आखिर  बिहार में इतने वर्षों की जुगलबंदी का परिणाम क्या है?

बिहार भाजपा के आइटी सेल ने इसका डिजिटल जवाब दिया है और आज पूरे दिन यह ट्रेंडिंग भी होता रहा। बीजेपी के तमाम छोटे-बड़े नेताओं, कार्यकर्ताओं ने तो इसे ट्वीट-रिट्वीट किया ही, आम जनता के सिर भी खूब जादू चढ़कर बोला- बिहार में ई बा- का। इसमें एक वीडियो प्रस्तुति के जरिए बिहार के गौरवशाली अतीत और आज के सच को दिखाया गया है। इसमें विकास के तमान कार्यों के साथ एक तरह से रिपोर्ट-कार्ड भी पेश किया गया है, ताकि जनता भी उनका पक्ष जान सके।

जैसा कि बिहार भाजपा आइटी सेल के प्रदेश संयोजक मनन कृष्ण कहते भी हैं कि यह सोची-समझी रणनीति काम कर गयी, ‘ऐसा है कि हम जानते थे कि सकारात्मक बातें कहने पर लोग हमारी बातें सुनेंगे। हमारा कैंपेन शुरू से ही प़ॉजिटिव नोट पर चल रहा है, हम अपने विरोधियों की चिंता करने के बजाय अपने किए गए कामों के रिपोर्ट-कार्ड से मतलब रख रहे हैं। यह गीत हमने बिहार और इसके विकास के विरोधियों के लिए बनवाया, जिन्हें टिन का चश्मा पहनने की वजह से विकास नहीं दिखता है। गीत-संगीत कर्णप्रिय होने की वजह से यह जनता की जुबान पर भी जल्दी चढ़ा और वायरल भी हो गया।’

बिहार भाजपा के तमाम बड़े-छोटे नेताओं ने भी इस गाने को अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है। इससे यह भी संदेश गया है कि भाजपा अब अपनी जीत को लक्ष्य में लेकर मैदान में उतर रही है, क्योंकि यह गीत उसके नए आत्मविश्वास का प्रतीक है।

 

 

 

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