आईवीएफ की सुविधा अब पटना में- रविशंकर प्रसाद

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संवाददाता.पटना.केंद्रीय मंत्री,न्याय व विधि,संचार एवं इलेक्ट्रॉनिकी एवमं सूचना प्रोधोगिकी सह पटनासाहिब सासंद रविशंकर प्रसाद रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आईजीआईएमएस स्थित पीएमआर और आईवीएफ सेंटर का उद्धघाटन किया | कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और दीघा विधानसभा के विधायक संजीव चौरसिया ने किया |

श्री प्रसाद ने बताया कि बिहार-झारखंड के आईवीएफ (टेस्ट ट्यूब) शुरू करने वाला पहला सरकारी अस्पताल आईजीआईएमएस हुआ | विदित हो कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने सासंद निधि कोष से उक्त दोनों सेंटर के लिए राशि मुहैया कराई गई थी | आईजीआईएमएस में आईवीएफ (टेस्ट ट्यूब) सेंटर की सुविधा मिलने से यहाँ इनफर्टिलिटी (बांझपन) पीड़ित दंपति का इलाज होगा | राज्य में पहली बार किसी सरकारी अस्पताल में यह सुविधा बहाल हो रही है | आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) के लिए 30 हजार रुपये, आईसीएसआई (इंट्रा साईटोप्लाजमिक स्पर्म इंजेक्शन) के लिए 35 हजार रुपये और आईयूआई (इंट्रा यूटेराइन इंजेक्शन) के लिए 2500 रुपये खर्च होंगे |

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एन.आर. विश्वास ने बताया कि परिसर में पी एम आर (भौतिक चिकित्सा और पुनर्वास) ओ.पी.डी की सुविधा प्रतिदिन कर दी गई है। इस ओ पी डी में दर्द, गठिया, तंत्रिका और मांसपेशियों की कमजोरी, स्पाइनल इन्जरी से ग्रसित दिव्यांग बच्चे व बूढ़े सभी अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। विभागाध्यक्ष डा. राज कुमार ने बताया कि पी एम आर भवन में ओ पी डी, माइनर आपरेशन थिएटर (ओ.टी) के अलावा डे केयर, गेट लैब एवं पुनर्वास हाल भी मौजूद हैं जिससे आंशिक व अल्पकालिक विकलांगता जैसे आमवात (रूमाटाइट आर्थराइटिस), आस्टियोपोरोसिस, स्लिप डिस्क, सर्वाइकल स्पाॅन्डिलाइटिस, स्पोर्ट्स इन्जरी, नसों व जोड़ों की जकड़न जैसी समस्या एवं ब्रेन-स्पाइनल इन्जरी से उत्पन्न स्थायी अक्षमता एवं जटिलता जैसे लकवा, बेडसोर, शौच एवं मूत्र संबंधी रोगों का इलाज एवं पुनर्वास एक छत के नीचे ही हो जाएगा।

चिकित्सा अधीक्षक प्रो. मनीष मंडल ने पी एम आर  ओ पी डी में मांसपेशी, नसों, एवं जोड़ों की समस्या के अल्ट्रासाउन्ड से किए जा रहे सही निदान के साथ गाइडेड इंजेक्शन व रिजनरेटिव थेरेपी से हो रहे आधुनिकतम एवं सटीक इलाज की सराहना की और बताया कि बिहार में प्राइवेट और सरकारी सेवाओं में आईजीआईएमएस ही एकमात्र ऐसा संस्थान है, जहां ऐसी उच्च स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि परिसर में निर्माणाधीन 500 बेड एवं 1200 बेड के अस्पताल में क्रमशः 30 एवं 60 बेड पुनर्वास चिकित्सा के लिए रखे गए हैं।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि जल्द ही कृत्रिम अंगों के निर्माण एवं अनुसंधान हेतु आर्थोटिक एवं प्रोस्थेटिक लैब तथा गेट लैब का काम शुरू हो जाएगा, जिससे बिहार वासियों को दिल्ली, जयपुर व मुबंई जाने की जरूरत नहीं होगी। आईवीएफ की सुविधा शुरू होने से न केवल सामान्य दंपति लाभान्वित होंगे, अपितु संतान सुख इच्छुक दिव्यांगजनों के लिए भी यह सुविधा वरदान साबित होगी।

केंद्रीय मंत्री श्री प्रसाद ने अस्पताल में उपलब्ध कराई गई स्पोर्ट्स इन्जरी की उन्नत चिकित्सा सुविधा की मुक्त कंठ से सराहना की तथा कहा कि इससे हमारे ग्रामीण क्षेत्रों के फुटबाल, कबड्डी, कुश्ती, हाकी आदि खेलों से जुड़े युवा खिलाड़ियों को खेल-कूद के दौरान हुई मांसपेशियों की समस्याओं के इलाज की समुचित सुविधा हमारे राज्य में ही उपलब्ध होगी।उद्घाटन कार्यक्रम में संस्थान के प्रिंसिपल डा. रंजीत गुहा, डा. कृष्ण गोपाल, इंजीनियर शैलेन्द्र कुमार सिंह, अखिलेश प्रसाद, राकेश कुमार सहित अन्य संकाय सदस्य व कर्मी मौजूद रहे।

 

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