होमियोपैथी में कोविड-19 का सटीक इलाज संभव

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डॉ0 राज किशोर प्रसाद सिन्हा.

 पटना.कोविड-19 का कारण मरनेवालों की बढ़ती हुई संख्या चिंता का विषय बना हुआ है | इसे रोकने की जरूरत है| होमियोपैथी में हर तरह की प्रकृतिक बीमारियों का सटीक इलाज मौजूद है, चाहे बीमारी Acute हो या Vairal हो या Chronic | उपुक्त दवाओं के चयन के पीछे एक खास नियम है, उसी नियम के तहत प्रत्येक कोविड-19 के रोगी का इलाज आसानी से किया जा सकता है |

सर्वप्रथम कोविड-19 के रोगी के सभी लक्षणो की जानकारी चिकित्सक को होनी चाहिए | उसके बाद चिकित्सक प्रत्येक गरबाड़ी यानि Symptom के हेड में एकूटे बीमारी वाली दवाइयों की जानकारी लेते हैं | उसके बाद सिर्फ उस एक दवा का चयन करता है, जिसमे उन सारे लक्षणों को दूर कर पूरी तरह दूर भागने की क्षमता है | उसके बाद उस उपृक्त दवा को बहुत कम मात्रा में रोगी को दी जाती है – जैसे सरसो के साइज की दो मेडिकेटेड गोली छः चमच पानी में डालकर एक चमच एक बार में देते हीं रोगी का रोग भगाने लगता है | गोली में न मिलने पीआर (Liquid) की सिर्फ 01 एक बूंद उतने ही पानी में डाली जाती है |

जानने योग्य बातें हैं कि रोगी के स्वास में दिक्कत (Respiratory Difficulty) वाले लक्षण के हेड में कुल मिलाकर 20 से ज्यादा दवाइयों हैं | उसी तरह प्रत्येक लक्षण हेड में हैं और चिकित्सक को उन सबों में सिर्फ एक ही दवा का चयन करना है, जिसमें रोगी के सभी लक्षण मिलते हैं | यह काम कोई अनुभवी चिकित्सक ही कर सकता है | कोविड-19 के संबंध में वैसी 01 दवा का चयन करना हमलोगों के लिए बहुत ही आसान है | इसलिए हम लिखते रहें हैं की होमियोपैथी से कोविड-19 का इलाज बिलकुल संभव है | कोविड-19 की कोई पेटेंट दवा नहीं है |

उपुक्त होमियोपैथिक दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं है और इस Holistic Treatment से रोगी की जान आसानी से बचायी जा सकती है और उसके, फिर से स्वस्थय लौटाया जा सकता है | सिर्फ एक ही दवा से ऐसा इलाज सिर्फ होमियोपथी हीं कर सकती है, दूसरा कोई पैथी नहीं है |

जब अन्य तरह का इलाज कारगर साबित नहीं हो पा रहे हैं तो होमिओपैथिक इलाज आजमाने में हिचक नहीं होनी चाहिए | हर जगह हर मंच पर होमियोपैथी की अधिका- अधिक उपयोगिता को हमलोग साबित कर सकते हैं | उधरहण के तौर पर लोक संवाद कार्यक्रम में भाग लेते हुए दिनक 16/01/2017 को मैंने माननीय मुख्यमंत्री, श्री नीतीश कुमार जी के समक्ष होमियोपैथी की उपयोगिता के बारे में बताया था, जिसपर स्वास्थ्य विभाग ने कुछ कार्रवाई भी की है |

जिज्ञासुओं की जानकारी के लिए होमियोपैथी में Acute बीमारियों के इलाज के लिए अनेक दवाइयों के अलावे Chronic बीमारियों के समाधान के लिए चालीस (40) से ज्यादा खास दवाइयाँ मौजूद है जिन्हें Antipsoric के नाम से जाना जाता है | और सभी दवाइयाँ बाजार में आसानी से उपलब्ध है | जब WHO को इन दवाइयों की मदद लेने के संबंध में लिखते हैं तो वह यह कहकर बात को टाल देता है की आप अपनी सरकार को बताइये, हम कुछ नहीं कर सकते हैं | इसप्रकार सक्षम रहते हुए भी हमलोग वृहत पैमाने पर Chronic बीमारियों से लोगों को छुटकारा दिलाने में असमर्थ हो जाते हैं इसके लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकारों को उचित कदम लेने की जरूरत है | दूसरी किसी भी चिकित्सा पधिति में Chronic बीमारियोंसे मुक्ति दिलाने के लिए खास दवाइयाँ नहीं है | यही कारण है की किसी भी रोगी की Chronic बीमारी (Totality of Symptoms) का समाधान नहीं हो पा रहा है | अंततः कोई कैंसर से ग्रसित हो जाता है तो किसी की किडनी फेल हो रही है तो किसी का कोई जोड़ फेल हो रहा है , तो किसी का वह फेल हो रहा है | दुखद बात यह है की इलाज जारी रहते हुए भी ऐसा हो रहा है | अगर Chronic बीमारियों का Holistic इलाज हाइनिमैनियन होमियोपैथिक से हो तो सारी समस्याओं का समाधान आसानी से हो जाएगा |  ( लेखक पोमियोपैथी के डॉक्टर हैं, मो0:- 9835299511)

 

 

 

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