‘मेक इन इंडिया’से रक्षा क्षेत्र में बढ़ रही देश की ताकत-डॉ संजय जायसवाल

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संवाददाता.पटना. भारतीय सेना के सशक्तिकरण में स्वदेशी निर्माण के बढ़ रहे योगदान के बारे में बताते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि एक समय था जब देश रक्षा क्षेत्र की छोटी-छोटी जरूरतों के लिए विदेश पर निर्भर रहता था. बाहर से आयात करने के कारण सेना को बुलेटप्रूफ जैकेटों और अन्य छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी लंबे समय तक मुंह देखते रहना पड़ता था. हथियार के सौदागरों की पूरी लॉबी हावी थी जो भारत को हमेशा खुद पर आश्रित रखना चाहते थे. लेकिन मोदी राज में परिस्थितियां काफी तेजी से बदली हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की बागडोर संभालते ही रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ को जबर्दस्त बढ़ावा दिया, ताकि देश रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सके, जिसके सुखद परिणाम अब दिखने शुरू हो चुके हैं.
डॉ जायसवाल ने कहा “ यह मेक इन इंडिया की सफलता ही है कि आज चाहे विमानन क्षेत्र की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बोइंग हो या F-16 लड़ाकू विमान बनाने वाली लॉकहीड मार्टिन, दोनों अपने विमान भारत में बनवा रहे हैं. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भी भारतीय सेना के लिए युद्धक हेलिकॉप्टर बनाने के मेगा प्रॉजेक्ट पर काम शुरू कर चुकी है, जिसके तहत अपाचे जैसे आधुनिक और शक्तिशाली हेलिकॉप्टरों का निर्माण किया जाएगा. सेना को 1.86 लाख स्वदेशी बुलेट प्रूफ जैकेट देने के लिए भी अनुबंध हो चुका है. इसके अलावा देश में ही निर्मित धनुष, के9 वज्र, सारंग और M777 A2 अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोपों को सेना में शामिल किया जा चुका है. उत्तर प्रदेश की अमेठी में स्थित फैक्ट्री में सेना के लिए 7.5 लाख अत्याधुनिक असॉल्ट राइफल एके 203 बनाया जा रहा है। वहीं सियाचिन में तैनात जवानों के कपड़े, सोने की किट और खास उपकरणों को देश में बनाने की मंजूरी दी जा चुकी है.”
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 101 रक्षा उपकरणों और हथियारों के आयात पर लगायी गयी रोक पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा “ रक्षामन्त्री राजनाथ सिंह द्वारा कल की गयी घोषणाओं के बाद देश अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की तरफ दुगनी रफ्तार से दौड़ेगा. इस निर्णय के बाद अब स्वदेशी मिसाइल से लेकर रडार तक के निर्माण तक का रास्ता साफ़ हो गया है. इससे न सिर्फ देश के पैसे बचेंगे बल्कि भारत इनका निर्यात भी कर सकेगा.”

 

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