विभिन्न नदियों के बढ़ते जलस्तर को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग सतर्क

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संवाददाता.पटना. वीडियो कॉंन्फ्रेसिंग के माध्यम से मीडिया के साथ संवाद में सचिव जल संसाधन सजीव हंस एवं अपर सचिव आपदा प्रबंधन रामचंद्र डू ने एवं विभिन्न नदियों के जलस्तर को लेकर सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों के बारे में अद्यतन जानकारी दी।

सचिव जल संसाधन संजीव हंस ने राज्य की विभिन्न नदियों के जलस्तर एवं बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंधों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में बागमती नदी ढ़ेंग से लेकर बेनीबाद तक स्थिर है और इसकी प्रवृत्ति घटने की है। कमला बालान नदी का जलस्तर भी स्थिर है, इसके जलस्तर में भी कमी आयी है। कमला बालान नदी भी अभी खतरे के निशान से ऊपर है लेकिन इसकी प्रवृत्ति घटने की है। उन्होंने बताया कि अधवारा समूह की नदियां का जलस्तर भी स्थिर या फॉलिंग है। महानंदा नदी भी किशनगंज के तैयबपुर में स्थिर है। ढ़ेंगराघाट में प्रवृत्ति बढ़ने की है लेकिन बढ़ने की प्रवृत्ति में कमी आयी है। बूढ़ी गंडक नदी की प्रवृत्ति अभी बढ़ने की है। पिछले 24 घंटे में इसका जलस्तर 12-14 सेंटीमीटर बढ़ा है। अभी ये नदी खतरे के निशान से ऊपर है। गंगा नदी की प्रवृत्ति भी बढ़ने की है। गंगा नदी का जलस्तर बक्सर में 14 सेंटीमीटर, दीघा और गांधी घाट में 25 सेंटीमीटर बढ़ा है लेकिन अभी गंगा नदी खतरे के निशान से नीचे है।

संजीव हंस ने बताया कि गंडक नदी का वाल्मिकीनगर में दिन के 2 बजे डिस्चार्ज 2,00,600 क्यूसेक था। गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र में आज हल्की से मध्यम और अगले 24 घंटे में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। इसको लेकर सभी संबंधित अधिकारियों को अलर्ट किया गया है। जल संसाधन विभाग ने भी इसको लेकर पूरी तैयारी की है।कोसी नदी में आज 2 बजे दिन का जलश्राव 1,72,440 क्यूसेक था। इसकी प्रवृत्ति घटने की है। अगले 72 घंटे में इस इलाके में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि गंडक नदी के दायें और बायें तटबंध में कई जगहों पर सीपेज और पाइपिंग पायी गई है उसको तुरंत अटेंड किया गया ताकि कोई दुर्घटना न हो। इसी तरह बागमती नदी के इलाके में भी जहां पर भी सीपेज और पाइपिंग हुई है उसको तुरंत रिपेयर किया गया है। सभी तटबंध अभी पूरी तरह से कंट्रोल में है। नेपाल के पूर्वी एपलेक्स बांध के एक स्पर में डैमेज हुआ था किंतु उसे भी रिपेयर और रिस्टोर कर लिया गया है।

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 10 जिलों के कुल 64 प्रखंडों की 426 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं, जहाँ आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। सुपौल में 02, पश्चिमी चम्पारण में 05, पूर्वी चम्पारण में 08, गोपालगंज में 12 और खगड़िया में 01 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। इन सभी 28 राहत शिविरों में कुल 13,877 लोग आवासित हैं। उन्होंने बताया कि गोपालगंज में 14, सुपौल में 02, पूर्वी चंपारण में 27, पष्चिमी चम्पारण में 05, दरभंगा में 122, सीतामढ़ी में 03, खगड़िया में 01, षिवहर में 03, मुजफ्फरपुर में 15 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं। इस प्रकार कुल 192 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 79,958 लोग भोजन कर रहे हैं। प्रभावित इलाकों में आवश्यकतानुसार एन0डी0आर0एफ0 और एस0डी0आर0एफ0 की टीम प्रतिनियुक्त की गयी है। उन्होंने बताया कि लो लाइन एरिया में वोट्स चलाए जा रहे हैं। सुपौल में 150, पश्चिमी चम्पारण में 16, खगड़िया में 40 और पूर्णिया में 76 वोट्स चलाए जा रहे हैं। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान को देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग सम्पूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है।

 

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