अपने सात निश्चय योजनाओं की मुख्यमंत्री ने की समीक्षा

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निशिकांत सिंह.पटना. विगत चुनाव में जनता से किए वादे के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सात निश्चय को अमली जामा पहनाने का काम तेज कर दिया है. आज कैम्प कार्यालय, 7 सर्कुलर रोड में सात निश्चय से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक हुई. मुख्यमंत्री ने बैठक में मंत्रिपरिषद की स्वीकृति एवं योजना प्राधिकृत समिति के लिये तैयार प्रस्ताव की विस्तृत समीक्षा की.

बैठक में मुख्यमंत्री के द्वारा जिला मुख्यालयों में युवाओं के लिये एक आधुनिक पंजीकरण एवं परामर्श केन्द्र स्थापित किये जाने की योजना प्रस्ताव की समीक्षा की गयी, जहां उनका पंजीकरण होगा. 12वीं कक्षा पास हर इच्छुक विद्यार्थी को जो उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं. उच्च शिक्षा के लिये चार लाख रूपये तक का स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड दिया जायेगा. स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से छात्र देश में कहीं भी अध्ययन कर सकता है. जिन छात्रों का आधार कार्ड नहीं बना है, उनका आधार कार्ड बनवाया जायेगा. पैसे के अभाव में जो अभिभावक अपने बच्चे को पढ़ा नहीं पाते हैं, स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से वे अपने बच्चे को उच्च शिक्षा दे सकेंगे. जिला परामर्श केन्द्र संबंधित जिला के जिलाधिकारी की देख-रेख में संचालित होगा.

बैठक में प्रखण्ड स्तर पर कौशल प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की प्रस्तुत योजना की समीक्षा की गयी. प्रखण्ड स्तर पर स्थापित कौशल प्रशिक्षण केन्द्रों में युवाओं को भाषा एवं संवाद कौशल, बुनियादी कम्प्यूटर ज्ञान एवं अन्य कौशल प्रदान किया जायेगा ताकि उन्हें रोजगार के विभिन्न अवसर प्राप्त हो सके. सभी प्रखण्ड स्तर पर कौशल प्रशिक्षण केन्द्र के लिये ट्रेनर चिह्नित करने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया. 20 से 25 वर्ष के बेरोजगार युवाओं को रोजगार तलाशने के दौरान सहायता के तौर पर एक हजार रूपये प्रतिमाह की दर से सहायता भते की सुविधा अधिकतम दो वर्षों तक दिये जाने के प्रस्ताव पर समीक्षा की गयी.

बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा तैयार योजना प्रस्ताव की समीक्षा हुयी. युवाओं के उद्यमिता विकास एवं स्टार्टअप कैपिटल हेतु पांच सौ करोड़ रूपये के वेंचर कैपिटल फंड गठित किये जाने की भी समीक्षा की गयी. वेंचर कैपिटल फंड के माध्यम से ऐसे युवाओं को वितीय सहायता दी जायेगी, जो उद्योग लगाकर स्वरोजगार करना चाहते हैं. इन्क्यूवेशन सेन्टर की स्थापना होगी.नई औद्योगिक प्रोत्साहन नीति तैयार करने का कार्य चल रहा है. उसी नीति को ध्यान में रखते हुये समेकित योजना तैयार की जा रही है.

बैठक में हर घर नल का जल योजना के अन्तर्गत बिहार के हर नागरिक को स्वच्छ पेयजल मिले, इसके लिये सभी घरों में पाइप जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं अन्य पांच वर्षों में चापाकल एवं पेयजल के अन्य संसाधनों पर लोगों की निर्भरता को खत्म करने का लक्ष्य पूरा करने हेतु समीक्षा हुयी. शौचालय निर्माण, हर घर तक पक्की गली एवं नालियों के निर्माण के योजना प्रस्ताव पर भी समीक्षा हुयी. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के क्रियान्वयन के उपरान्त शेष बचे राज्य के सभी सम्पर्क विहिन बसावटों को पक्की सड़क से जोड़ने की योजना है. सभी गांव एवं शहरों में गली, नाली का निर्माण कराया जाना है. बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण अंशुली आर्या को निर्देश दिया कि फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में फ्लोराइड मुक्त जल की आपूर्ति करे. बैठक में हर घर बिजली का मुफ्त कनेक्शन संबंधी योजना प्रस्ताव पर चर्चा हुयी. बिजली के क्षेत्र में अगले दो वर्षों में बचे हुये सभी गांव एवं बसावटों का विद्युतीकरण पूर्ण कराया जायेगा. सरकार अपने संसाधनों के मदद से सभी घरों तक बिजली का कनेक्शन सुनिश्चित करायेगी.

बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सात निश्चय से संबंधित जो प्रस्ताव तैयार हो गये हैं, उन्हें शीघ्र योजना प्राधिकृत समिति के समक्ष लायी जाय. जो योजना प्रस्ताव तैयार नहीं हुये हैं, उन्हें शीघ्र तैयार किया जाय.आज की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावे मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर कुमार सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव धर्मेन्द्र सिंह गंगवार, प्रधान सचिव नगर विकास अमृत लाल मीणा, प्रधान सचिव वित आर0के0 मितल, प्रधान सचिव पथ निर्माण दीपक कुमार, प्रधान सचिव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण अंशुली आर्या, सचिव उद्योग एस0 सिद्धार्थ, सचिव ऊर्जा प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, सचिव ग्रामीण कार्य विनय कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.

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