संवाददाता.पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरूवार को जल-जीवन-हरियाली यात्रा के क्रम में दरभंगा जिला के बेनीपुर प्रखण्ड अन्तर्गत मुर्तुजापुर ग्राम में आयोजित जन जागरूकता सम्मेलन/आमसभा में 1051.71 करोड़ रुपये की लागतवाली विभिन्न विकासात्मक योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। जल-जीवन-हरियाली अभियान एवं दरभंगा जिले के विकासात्मक योजनाओं से संबंधित पुस्तिका का विमोचन करने के बाद मुख्यमंत्री ने बाबा नागार्जुन के तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
सम्मेलन में शामिल होने से पहले मुख्यमंत्री ने राज्य उत्क्रमित मध्य विद्यालय मुर्तुजापुर स्थित पंचायत सुविधा केंद्र, जलापूर्ति एवं टावर निर्माण, सघन वृक्षारोपण, जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत भटोखर पोखर का जीर्णोद्धार एवं सौदर्यीकरण कार्य का अवलोकन किया। विद्यालय प्रांगण में कृषि एवं ऊर्जा विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का मुआयना करने के क्रम में मुख्यमंत्री ने जीविका महिला संकुल स्तरीय संघ से जुड़ी महिला लाभुकों को ट्रैक्टर का चाभी प्रदान किया।
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकवि बाबा नागार्जुन के इस धरती को मैं प्रणाम करता हूँ। याद आता है मुझे, अपना तरौनी ग्राम…..बाबा नागार्जुन के इस कविता का उच्चारण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली, पृथ्वी की उपयोगिता और इस धरती की खासियत से बाबा नागार्जुन के इस कविता का गहरा संबंध है। सात निश्चय योजना और जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत यहां जो काम हो रहे हैं, उसे देखकर मुझे बेहद खुशी हुई है। जलवायु परिवर्तन को देखते हुए इस बार की यात्रा जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर है।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और मौसम में बदलाव के कारण बिहार कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ का दंश झेल रहा है। 2018 में बिहार के सभी 534 प्रखंडों में से 80 ब्लॉक को सूखाग्रस्त घोषित करना पड़ा| जलवायु परिवर्तन के कारण पर्यावरण में आए बदलाव को देखते हुए हमने इस वर्ष 13 जुलाई को विधानमंडल सदस्यों की एक संयुक्त बैठक बुलाई जो आठ घंटे तक चली| इसी बैठक में हमलोगों ने पूरे बिहार में जल-जीवन-हरियाली-अभियान चलाने का निर्णय लिया| इस अभियान में जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम को भी जोड़ा गया है| जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत 11 सूत्री कार्यक्रम को मिशन मोड में काम पूरा करना है ताकि जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न संकट से लोगों को निजात दिलाया जा सके| इसके लिए सोखता निर्माण, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, वृहत पैमाने पर वृक्षारोपण, अहर-पाइन, तालाब, सार्वजनिक कुंआँ, नलकूप का जीर्णोद्धार कराने के साथ ही उसे अतिक्रमणमुक्त कराया जाएगा|
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले रोहतास और कैमूर के इलाके में ही खेतों में फसल अवशेष जलाए जाते थे| लेकिन अब यह सिलसिला पटना, नालंदा होते हुए नार्थ बिहार चम्पारण और पूर्णिया के इलाके में भी पहुंच गया है जो बहुत ही खतरनाक है| खेतों में फसल अवशेष जलाए जाने की परम्परा पर पाबंदी लगाने के लिए लिए लोगों को प्रेरित करने के साथ-साथ हमलोग किसानों की मदद भी करेंगे| उन्होंने कहा कि फसल कटाई के वक्त खेतों में फसलों का अवशेष नहीं रहे इसके लिए रोटरी मल्चर, स्ट्रा रिपर, स्ट्रा बेलर एवं रिपर कम बाइंडर और बुआई के लिए हैप्पी सीडर, जीरो टिलेज मशीन जैसे कृषि यंत्रों की खरीद पर राज्य सरकार किसानों को 75 प्रतिशत जबकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, एवं अतिपिछडे समुदाय के किसानों को 80 प्रतिशत का अनुदान मुहैया करा रही है| फसल कटाई के लिए इन नये यंत्रों को उपयोग में लाना होगा ताकि फसल अवशेष को पशुचारा में परिणत किया जा सके। खेतो में फसल अवशेष जलाने का सलाह देनेवाले लोग पर्यावरण के दुश्मन हैं।
उन्होंने कहा कि खेतों में फसल अवशेष जलाने से मिट्टी की उर्वराशक्ति कम हो जाती है| फसल अवशेष प्रबंधन को भी जल-जीवन-हरियाली अभियान से जोड़ा गया है, इससे जलवायु परिवर्तन बेहतर होगा| उन्होंने कहा कि लोगों को प्रेरित करके ही जलवायु परिवर्तन पर रोक लगाया जा सकता है| बिहार के ग्रामीण अंचल में 89 प्रतिशत लोग निवास करते हैं और 76 प्रतिशत लोग जीविकोपार्जन के लिए खेती पर ही निर्भर हैं। मौसम के अनुकूल फसल चक्र में बदलाव लाने एवं लोंगो को प्रेरित करने के लिए प्रयोग के तौर पर 4 संस्थानों के सहयोग से 8 जिलों में अनुसंधान का काम शुरू करवाया गया है जिसे बाद में पूरे बिहार में लागू किया जाएगा ताकि किसानों की आमदनी बढ़ाई जा सके। उन्होंने कहा कि झारखंड अलग होने के बाद बिहार में हरित आवरण मात्र 9 प्रतिशत ही रह गया था| वर्ष 2012 से हरियाली मिशन के तहत पूरे बिहार में 19 करोड़ पौधारोपण किया गया जिसके बाद बिहार का ग्रीन कवर एरिया बढ़कर 15 प्रतिशत पर पहुंचा है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत अगले 3 वर्षो में 8 करोड़ पौधे और लगवाये जायेंगे ताकि हरित आवरण 17 प्रतिशत से अधिक हो सके।
जनसभा में उपस्थित लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से बचने एवं पर्यावरण को ठीक रखने के लिए हम सबको मिलकर काम करना चाहिये। सात निश्चय के अलावे अन्य योजनाओं के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण सहित सभी क्षेत्रों में विकास का काम किया जा रहा है। 21 जनवरी 2017 को शराबबंदी के पक्ष में बनी मानव श्रृंखला में 4 करोड़ लोगों ने जबकि 21 जनवरी 2018 को बाल विवाह और दहेज़ प्रथा के खिलाफ़ 14 हजार किलोमीटर में बनी मानव श्रृंखला अपने आप मे एक रिकॉर्ड है। अब एक बार फिर 19 जनवरी 2020 को दिन के साढ़े 11 बजे आधा घंटा के लिए दहेज़ प्रथा एवं बाल विवाह के खिलाफ जबकि शराबबंदी और जल-जीवन-हरियाली अभियान के पक्ष में समर्पण जाहिर करने के लिए मानव श्रृंखला का कार्यक्रम सुनिश्चित किया गया है, आप सबों की भागीदारी से इस बार बननेवाली मानव श्रृंखला पूर्व में बने सभी मानव श्रृंखला के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देगा| दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति बिल गेट्स बिहार में जलवायु परिवर्तन पर हो रहे कामों को जानने के बाद दिल्ली में इसकी काफी तारीफ की थी।
मुख्यमंत्री की अपील पर जनसभा में मौजूद लोगों ने हाथ उठाकर मानव श्रृंखला में शामिल होने का संकल्प लिया। आपने सूर्य के समक्ष संकल्प लिया हैं इसलिए भूलियेगा मत, मानव श्रृंखला में जरूर शामिल होइयेगा। उन्होंने कहा कि जल महत्वपूर्ण है यह लोगों को समझाना होगा क्योकि जल और हरियाली के बीच ही जीवन है|
जनसभा योजना एवं विकास विभाग सह दरभंगा जिले के प्रभारी मंत्री महेश्वर हजारी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी, विधायक सुनील चौधरी, मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पाण्डेय एवं दरभंगा प्रमंडल आयुक्त मयंक बड़बड़े ने भी संबोधित किया।