शिकागो:गगनचुंबी इमारतों,मनोहर पार्कों एवं मीठे पानी की झील का शहर

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प्रभात कुमार राय.

छात्र जीवन में जब पहली बार स्वामी विवेकानंद की जीवनी पढने का मौका मिला उसी समय शिकागो से एक अदृश्य लगाव हो गया था। हार्दिक इच्छा पाल रखा था कि कभी अवसर मिला तो उस भवन को अवश्य देखूंगा जहाँ 27 सितंबर, 1893 को इस परिव्राजक द्वारा धर्म संसद में वैश्विक महत्त्व का वेदांत पर ओजस्वी व्याख्यान देकर नूतन संदेश दिया गया था । इसे ईश्वरीय विधान ही कहा जाय कि मेरे पुत्र को,जो कम्प्यूटर सायंस इंजीनियर हैं, एक विश्वस्तरीय कंपनी में सेवा के दरम्यान शिकागो में पदस्थापना हुई । वहाँ की पहली सपत्नीक यात्रा की योजना बनाते वक्त दर्शनीय स्थलों में आर्ट इंसटीट्यूट के परिसर में ‘हाँल आँफ रिलीजन्स’ सर्वोपरि था। वहां पहुंचने पर उस ऐतिहासिक स्थल को देखकर मन प्रमुदित हो गया जहां आधुनिक काल के भारतीय आध्यात्मिता और मनीषा का वैश्विक स्तर पर पहला प्रसिद्ध उद्घोष हुआ था। यह देखकर आत्मिक संतोष हुआ कि मेरे पुत्र का बहुमंजिला प्रधान कार्यालय इसके पार्श्व स्थित है।स्वामी जी के सम्मान मे इस भवन के पास के मुख्य सडक का नाम ‘ आँनरेरी स्वामी विवेकानंद रोड‘ देखकर एक सुखद अनुभूति हुई।

इलिन्वाय राज्य में स्थित शिकागो अमेरिका का तीसरा महानगर है। तीस लाख से अधिक आबादी वाला यह शहर मीठे पानी की झील मिशिगन के अलावा उत्कृष्ट वास्तुकला, कला, संगीत, संग्रहालय, मनोरम पार्क एवं काँमेडी के लिए प्रसिद्ध है।यहाँ की प्राकृतिक छटा, गगनचुंबी इमारतें, ऐतिहासिक स्थलों की भरमार तथा हरित आवरण पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करता है।शिकागो विंडी (हवादार) सिटी है; यहाँ का मौसम परिवर्तनशील है और अपनी चपलता के लिए जाना जाता है। एक लोकोक्ति है कि यहां कम अंतराल में ही ओवरकोट, रेनकोट एवं स्वीमिंग सूट की जरूरत पड़ जाती है।एक और प्रचलित कहावत है कि अगर आपको शिकागो का मौसम पसंद नहीं है तो बस पांच मिनट प्रतिक्षा कीजिए! मिशिगन झील के तट पर पैदल घूमना स्वर्गिक आनंद एवं नैसर्गिक सूकुन प्रदान करता है।यह निर्मल तथा ताजे पानी का झील है जिसका नीला रंग मनमोहक है।जाहिर है सीवरेज या कारखानों के गंदे जल इसमेँ प्रवाहित नहीँ होते हैं।इस झील में मोटर लांच से सैर ठंडी हवा के झोकों के साथ खुशनुमा माहौल प्रदान करता है। यहाँ विशाल होर्डिंग नहीं दिखा लेकिन उपयुक्त स्थलों पर डिजिटल स्क्रालिंग वाला विज्ञापन लगा हुआ था। हर जगह पेवमेन्ट साफ – सुथरा मिला; कहीं कोई अतिक्रमण नहीं। शहर में हर जगह स्ट्रीट तथा साइडवाक के बीच हरी घास की पट्टी तथा खूबसूरत पेड़-पौधे लगे हैं जो पैदल चलने वालों को स्ट्रीट के ट्रैफिक से दूर रखता है। घास एवं पेड़-पौधों का नियमित अंतराल पर कटाई-छटाई सुनियोजित ढंग से की जाती है।पूरी प्रक्रिया मैकेनाइज्ड है –  एक-एक सूखे एवं गिरे पत्ते को मशीन द्वारा खींच लिया जाता है।

शिकागो का नंबर वन टूरिस्ट आकर्षण विलीस टाँवर है। 1482 फीट ऊँचा 108 तल्ले का यह अमेरिका मे  सर्वोच्च भवन है जो 2009 तक ‘सीयर्स टाँवर‘के नाम से जाना जाता था।इसके सबसे ऊपर लेज ग्लास बाक्स का बालकनी है बादलरहित आकाश मे दूरबीन से चार पड़ोसी राज्यों का नजारा ले सकते हैं।इस टाँवर के नये व्यवस्थापक इसे पूर्णतया ‘ ग्रीन स्काई स्क्रैपर’ के तौर पर विकसित कर रहें हैं जो प्रशंसनीय है।शायद विलीस टाँवरविश्व का एकमात्र ऊँचा भवन है जिसका अपना अलग‘जिप कोड’ है।

पहले शिकागो अश्वेतों के प्रति असहिष्णुता तथा पुलिस बर्बरता के लिए बदनाम था। कहा जाता है कि मार्टिन लूथर किंग जूनियर का भी प्रभाव यहाँ नगण्य था। लेकिन वहाँ के लोगों की मानसिकता में सराहनीय बदलाव पाया। श्वेत और अश्वेत सद्भावपूर्ण ढंग से रह रहे की मिसाल है कि वहाँ विश्व के लगभग सभी धर्मावलंबियों के लिए चर्च के अलावा मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा तथा अन्य पूजा स्थल बड़ी संख्या मे मौजूद है। वहां बालाजी मंदिर, गायत्री मंदिर, स्वामीनारायण मंदिर, राधा स्वामी, गणेश-दुर्गा-शिव मंदिर एवं गुरूद्वारा जाने का मौका मिला। ये सभी भव्य धार्मिक केन्द्र विस्तृत परिसर में बना हुआ है।कई अमेरिकन भी इन धार्मिक स्थलों का दर्शन कर रहे थे। स्थानीय प्रशासन द्वारा कुछ शर्तों के साथ धार्मिक केन्द्रों की स्थापना हेतु अपेक्षित सहायता दी जाती है।

शिकागो की पुलिस जो पहले अश्वेतों को यातना देकर जबरन झूठी स्वीकारोक्ति उगलवाया करती थी,आज मित्रवत व्यवहार करती है। पुलिस स्टेशनों पर आगंतुको के लिए तमाम आधुनिक सुविधाएं वर्तमान हैं। मात्र एक या दो आरक्षी विराट थाने मे दृष्टिगोचर होते हैं। वे आगंतुकों का मुस्कान के साथ स्वागत एवं पूरी तत्परता से मदद करतें हैं। मामूली और गैरइरादतन पार्किग आदि के नियमों के परिस्थितिवश उल्लंघन के लिए ‘पार्डन’ (क्षमा) का भी प्रावधान है।

एलिवेटेड ट्रेक पर शिकागो ट्रांजिट आँथोरिटी के अत्याधुनिक वातानुकूलित ट्रेन एक आयताकार सेक्शन को कवर करती हैजिसे ‘लूप‘ कहा जाता है। यह सेंट्रल सिटी के इर्दगिर्द सेवाएं प्रदान करती है।ऐसे वहां रोड-आधारित परिवहन प्रणाली का अभाव है। इस कारण सभी निवासी अपनी कार रखने को मजबूर हैं। आँनलाइन कैव एग्रीगेटर ट्रांसपोर्ट कंपनी ओला, लिफ्ट आदि की सेवा लोग प्राप्त करने लगे हैं फिर भी अपनी गाड़ी रखना किफायती है।

यहां के रिहायशी इलाकों में विभिन्न काउंटी के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा देखने को मिला। सार्वजनिक स्थलों पर सफाई, सुविधाओं और नयनाभिराम दृश्यों के लिए नवोन्मेषकारी प्रयोग सराहनीय है।पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय निकायों द्वारा विभिन्न मदो में खर्च का व्यीरा सार्वजनिक कर दिया जाता है। दिसंबर 2016 मे इलिन्वाय ने ‘ फ्यूचर एनर्जी जाँव्स एक्ट ‘ लागू किया हैं जिससे किफायती दर पर अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल को बढावा मिल रहा है तथा कार्बन उत्सर्जन मे भी कमी आ रही है।पैदल भ्रमण के दरम्यान छोटे-छोटे झीलों के किनारे पथ पर सिगरेट का उच्चिष्ट ( बट्स ) फेक मिलते थे।हालांकि उन्हें रोज यूटिलिटीद्वारा हटा लिया जाता था। वहाँ विद्युत ऊर्जा के डिमांड साइड मेनेजमेंट का अभाव खटका। मेरे पुत्र के आवास के पड़ोस मे ही कई पुराने इनकेनडेसेन्ट बल्ब ( अधिक बिजली खपत करनेवाले ) लगातार महीनों तक अनावश्यक जलते देखा। डाउनटाउन,जो वित्तीय, सरकारी, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक संस्थाओं का केन्द्र है,मे भी जगह-जगह विद्युत ऊर्जा के संरक्षण के प्रति उदासीनतादिखाई पड़ी।

1871 में शिकागो को विनाशकारी अग्निकांड का सामना करना पड़ा था जिसमे इसका अधिकांश भाग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। यहां के निवासियों ने दृढ आत्मविश्वास और सहज आशावादिता का अभूतपूर्व परिचय देते हुए इस विनाश को शिकागो के सर्वांगीण विकास एवं व्यवस्थित रूप से पुर्ननिर्माण के अवसरमें बदल दिया। मिलेनियम सिटी शिकागो उसी अद्भुत इच्छाशक्ति एवं दूरदर्शिता का साक्षात प्रमाण है। इस भयावह अग्निकांड मे  ‘शिकागो वाटर टाँवर’ संयोगवश बच गया था क्योंकि लेमोन्ट मे लाइमस्टोन का ढेर आग को फैलने से रोका। इसे‘ ‘ द सिम्बल आँफ सरवाइवल’ के तौर पर जाना जाता हैतथा अभी भी इसके द्वारा डाउनटाउन के इर्दगिर्द लाखों परिवारों को स्वच्छ जल की आपूर्ति की जाती है। चूंकि यह शहर भयानक अग्नि त्रासदी को झेल चुका है, इसलिये हर जगह अग्नि शमन का पोख्ता इंतजाम दिखाई दिया। हर 30-35 मीटर पर पीले रंग का वाटर हाइड्रेन्ट सड़क के किनारे लगा हुआ है।अत्याधुनिक फायर बिग्रेड के पीछे विभिन्न उपकरणों से लैस आई.सी.यू भी जुड़ा रहता है जिसमें तैनात डॉक्टरो द्वारा आपात स्थिति मे पीड़ित लोगोको जीवन-रक्षा के लिए आँन द स्पाट मेडिकल सेवा मुहैया की जाती है।

सामुदायिक केंद्र अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण हैं।वरिष्ठ नागरिकों के लिए पुस्तकालय के अलावा अन्य उपयोगी सेवाएं मुहैया की जाती है। बच्चों के लिए खेल-कूद, नृत्य, मार्शल आँर्टस्,इनडोर गेम्स का प्रशिक्षण तथा कौशल विकास कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विद्यालयों मे बच्चों को विभिन्न राउंड टेबुल के बगल मे बैठाया जाता है और चक्रीय क्रम में सभी सहपाठियों के साथ बैठने का मौका दिया जाता है ताकि वे सबों से पारस्परिक क्रिया के तहत घुल-मिल सकें।चर्चित स्कूल, जहाँ मेरी पोती पढती थी,की दिवालों पर विश्व के महान पुरुषों की तस्वीरें,संक्षिप्त जीवन-परिचय एवं प्रेरक सूक्तियां प्रदर्शित है।अंग्रेजी मे लिखित प्रेरक वाक्य, ‘महात्मा गाँधी वाज नाँट महात्मा गांधी ह्वेन इन स्कूल ‘ सहसा मेरा ध्यान आकृष्ट किया। इस तरह का उत्कथन हर बच्चों में महानता के बीज छिपेहोने का भावपूर्ण एवं सारगर्भित संदेश देते हैं।

शिकागो यूनिवर्सिटी, जो हाईड पार्क के बगल मे है,के प्राध्यापकों में अब तक 20 विद्वानों को नोबेल पुरस्कार मिल चुका  है तथा दो दर्जन विभूतियों को पुलित्ज़रएवार्ड से नवाजा जा चुका है । अधिकांश पुरस्कारअर्थशास्त्र से जुड़ेहैं क्योंकि यहां का स्कूल आँफ इकानामिक्स विश्वविख्यातहै।शिकागो मेट्रोपोलिटनएरिया केम्यूजियम नगर की कला के क्षेत्र मे बहूमूल्य योगदान देनेवालों विस्मृत तथा अज्ञात कलाकारों को खोजकर इतिहासमें दर्ज कर रहा है,जो स्तुत्य प्रयास है।‘ टेरा फाउंडेशन फाँर अमेरिकन आर्ट‘ नामक संस्था ने इस बाबत 6.5 मिलियन डाँलरमुहैया किया है। आर्ट इंसटीट्यूट आँफ शिकागो मेमोनेट, रिन्वायर, डेगास आदि के अलावाचीनी, जापानी एवं कोरियाई कला की विशिष्ट कृतियों को भी प्रदर्शित करता है।म्यूजियम आँफ कान्टेमपोरेरी आर्ट, जो 1967 मे बना है और प्रसिद्ध वाटर टाँवर के पूरब स्थित है,आधुनिक कला को दर्शाता है। म्यूजियम आँफ साइंसएंड टेक्नोलॉजी का अभिकल्प अत्याधुनिक है।वहाँ का आर्ट फेस्टिवल काफी लोकप्रिय है। वहां विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं मे कला, संगीत, आर्किटेक्चर, संस्कृति आदि परिशिष्ट हर सप्ताह विस्तार से प्रकाशित होता है जिसमें शिकागो के अलावा अन्य जगहों की कला, संस्कृति आदि का विस्तृत विवेचन रहता है।

मेरे शिकागो प्रवास के दरम्यान ‘ द न्यूयॉर्क टाइम्स ‘ने अपनेरविवासरीय स्पेशल सेक्शन मे ‘ ओभरलूक्ड ‘ (उपेक्षित)के अंतर्गत विश्व के उन दिवंगत हस्तियों का संक्षिप्त जीवन (ओबिच्यूरी )प्रकाशित किया जिन्हेंइस सम्मानित अखबार ने नस्ल भेद,रंग भेद या लिंग भेद जैसी संकीर्णताओं के कारण यथा समय अनदेखी कर अपने मृत्युलेख काँलम मे शामिल नहीं कर सका था । ध्यातव्य है कि 1851 से ही लगातार, ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स ‘विश्व के महान विभूतियों के निधन पर स्वर्गवासी का संक्षिप्त जीवन प्रकाशित करता रहा है। भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार मधुबाला ( 1933-1969 )पर निधन के लगभग 50 सालबाद पूरे पृष्ठ का मृत विवरण देखकर काफी प्रसन्नता हुई। निस्संदेह यह इस प्रतिष्ठित दैनिक अखवार का विवेकपूर्ण कदम है।

17 मार्च को हर साल सैन्ट पेट्रिक दिवस शिकागो मे धूमधाम से मनाया जाता है। शिकागो को अभी भी राजनीतिक रूपसे एक आयरिश सिटी के तौर पर जाना जाता है। 1850 मे बड़ी संख्या में आयरलैंड से आप्रवासी यहां आकर बस गये थे जिनकी परंपरा की छाप यहाँ की संस्कृति में व्याप्त है।

विविध मनोरंजन के लिए लिंकन पार्क, ग्रांट पार्क, मिलेनियम पार्क, नेवी पीयर तथा शिकागो चिल्ड्रेन म्यूजियम पर्यटकों को खूब भाते हैं।

( लेखक बिहार के मुख्यमंत्री के पूर्व ऊर्जा सलाहकार हैं )

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