अरूण जेटली का निधन,मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री व्यक्त की शोक संवेदना

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संवाददाता.पटना.भारत के पूर्व वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के अहम सदस्य रहे अरुण जेटली का दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया. अरुण जेटली के अपने ही शब्दों में बताया था कि वह ‘आपातकाल के पहले सत्याग्रही’ थे. इसके बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया गया और इमर्जेंसी के दौर में छात्र नेता अरुण जेटली ने 1975 से 1977 तक 19 महीने तक हिरासत में रखा गया.

पूर्व वित्तमंत्री, भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के असामयिक निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी सहित देश भर के नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त की है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा है कि अरूण जेटली जी विलक्षण प्रतिभा के धनी थे. उन्होंने भारत सरकार में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारियों का कुशलतापूर्वक निवर्हन किया। वे एक उत्कृष्ट न्यायविद भी थे. उन्होंने उच्च राजनीतिक मूल्यों एवं आदर्शों की बदौलत सार्वजनिक जीवन में उच्च शिखर को प्राप्त किया. उन्होने अपने व्यक्तित्व की बदौलत राजनीतिक सीमाओं के परे सभी विचारधारा के राजनीतिक दलों का आदर एवं सम्मान प्राप्त किया. अरूण जेटली जी से मेरा व्यक्तिगत संबंध था, उनके निधन से मैं काफी मर्माहत हूं. अरूण जेटली जी का निधन देश के लिये एक अपूरणीय क्षति है, जिसे कभी भरा नहीं जा सकता, उनकी कमी हमेशा खलेगी।मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

पूर्व वित्तमंत्री, भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के असामयिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने उन्हें बेहतरीन रणनीतिकार, कुशल चुनाव प्रबंधक, प्रखर प्रवक्ता, राजनीति से लेकर क्रिकेट की बारीकियों के जादूगर, उदारवादी परंतु राष्ट्रवादी विचारों से ओतप्रोत, मित्रता निभाने वाला राजनेता बताया हैं. उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा है कि अरुण जेटली की कमी को वर्षों तक पूरा नहीं किया जा सकेगा.

श्री मोदी ने कहा है कि अगर अरुण जेटली नहीं होते तो जीएसटी लागू करना कठिन होता. विभिन्न विचारों के बीच सहमति बनाने में वे माहिर थे. अनेक बार राजनीतिक संकट उत्पन्न होने पर बिहार के लिए भी जेटली जी संकटमोचक साबित हुए थे. उनसे मेरा चार दशक पुराना संबंध था. जब वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए थे तो पहली बार उनसे मुलाकात हुई थी. बाद के दिनों में जेपी आंदोलन, आपातकाल, विद्यार्थी परिषद में कार्य करने के दौरान उनसे अक्सर भेंट होती रहती थी. अरुण जेटली मेरे मेंटर, मार्गदर्शक, अभिभावक और मित्र थे. दोस्तों की मदद करने में हमेशा तत्पर रहते थे. मृदुभाषी, मिलनसार अरुण जेटली का विभिन्न राजनीतिक विचारधारा के लोगों से भी निकट का संबंध था. उनका निधन पार्टी, देश और मेरी ऐसी व्यक्तिगत क्षति है जिसकी निकट भविष्य में भरपाई संभव नहीं है. दुख की इस घड़ी में ईश्वर से प्रार्थना है कि उनके तमाम शुभचिन्तकां, समर्थकों, पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं के साथ ही परिजनों को धैर्य व दिवंगत आत्मा को असीम शांति प्रदान करें.

 

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