देश बदल रहा है,देशवासियों की सोच बदल रही है- नरेन्द्र मोदी

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नई दिल्ली.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की आजादी की 73वीं सालगिरह पर लालकिले से देश को संबोधित करते हुए बदलते भारत का जिक्र किया. पीएम मोदी ने लालकिले की प्राचीर से कहा देश बदल रहा है, देशवासियों की सोच बदल रही है. अब देश का नागरिक पहले की तरह नहीं सोचता है.

श्री मोदी ने कहा कि आज देश की सोच बदल गई है, पहले जो व्यक्ति बस अड्डे की मांग करता था आज वह पूछता है कि साहब, हवाई अड्डा कब आएगा. पहले गांव में पक्की सड़क की मांग होती थी और आज लोग पूछते हैं कि सड़क फोर लेन बनेगी या 6 लेन. उन्होंने कहा कि देश का मिजाज बदल रहा है.

उन्होंने कहा कि आने वाले 5 साल में हम 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बन सकते हैं. जब हम सपना देखते हैं कि देश के किसान की आय दोगुनी होनी चाहिए, जब हम सपना देखते हैं कि आजादी के 75 साल तक हिंदुस्तान में गरीब के पास पक्का घर होना चाहिए, जब हम सपना देखते हैं कि आजादी के 75 साल में देश के हर गांव में ऑप्टिकल फाइवर नेटवर्क हो, लांग डिस्टेंशन एजूकेशन की सुविधा हो.

दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद लालकिले से नरेंद्र मोदी का यह पहला भाषण था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6ठी बार लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन की बधाई दी. इस दौरान उन्होंने भारी बारिश और बाढ़ से पीड़ित लोगों की पीड़ा का भी जिक्र किया. और उनके प्रति अपनी संवेदनाओं को व्यक्त किया.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण की महत्वपूर्ण बातें-

-पीएम मोदी ने कहा कि आज जब हम आजादी के इस पवित्र दिवस को मना रहे हैं तब देश की आजादी के लिए जिन्होंने अपना जीवन दे दिया, जिन्होंने अपनी जवानी दे दी, जिन्होंने अपनी जवानी जेलों में काट दी. मैं उन सभी आदर्श तपस्वियों को नमन करता हूं.

-मैं आज आजाद भारत के विकास के लिए, शांति के लिए, समृद्धि के लिए जिन-जिन लोगों ने अपना योगदान दिया था, मैं उनको नमन करता हूं.

-नई सरकार बनने के बाद लाल किले से मुझे आज फिर से एक बार आप सबका गौरव करने का अवसर मिला है. अभी इस सरकार के 10 हफ्ते भी नहीं हुए, लेकिन इस छोटे से कार्यकाल में ही सभी क्षेत्र में हर प्रकार के प्रयासों को बल दिया गया है. हम पूरे सामर्थ्य के साथ पूरे समर्पण के साथ आपकी सेवा में लग्न हैं.

-10 हफ्ते के अंदर ही अनुच्छेद 370 का हटना, अनुच्छेद 35-ए का हटना, सरदार वल्लभ भाई पटेल के सपनों को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम है.

-10 हफ्ते के भीतर-भीतर हमारी मुस्लिम बहनों को उनका अधिकार दिलाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाना, आतंक से जुड़े कानूनों में आमूलचूल परिवर्तन करके उसको एक नई ताकत देने का काम किया गया है.

-हमारे किसान भाईयों-बहनों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि के तहत 90 हजार करोड़ रुपये किसानों के खाते में ट्रांसफर करने का काम आगे बढ़ा है.

-हमारे किसान भाई-बहन, हमारे छोटे व्यापारी भाई-बहन उनको कभी कल्पना नहीं थी कि उनके जीवन में भी पेंशन की व्यवस्था हो सकती है. उनके पेंशन योजना को भी लागू करने का काम कर दिया है.

-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर 70 साल हर किसी ने कुछ ना कुछ किया है लेकिन परिणाम नहीं मिले. प्रधानमंत्री ने कहा कि घाटी के लोगों को कई सुविधाओं का फायदा नहीं मिल पा रहा था, वहां पर भ्रष्टाचार, अलगाववाद ने अपने पैर जमा लिए थे. पीएम मोदी ने कहा कि दलितों, गुर्जर समेत अन्य लोगों को अधिकार नहीं मिल पा रहे थे जो अब उन्हें मिलने वाले हैं.

-21वीं सदी का भारत कैसा हो, कितनी व्यापक तरीके से काम करता हो, कितनी ऊंचाई से सोचता हो, इन सभी बातों का ध्यान करके हम देश को आगे बढ़ाने का एक खाका तैयार करके एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं.

-2014 में मैं देश के लिए नया था. मैं भारत भ्रमण करके देश वासियों की भावनाओं को समझने का प्रयास कर रहा था, लोगों के मन में एक निराशा थी, लोगों सोचते थे कि क्या ये देश बदल सकता है, लेकिन पांच साल के बाद देश के लिए समर्पण के साथ. दिल दिमाग में सिर्फ और सिर्फ मेरा देश इस भावना को लेकर चलते रहे, पल-पल खपाते रहे. और पांच साल बाद निराशा आशा में बदल चुकी थी. और सामान्य मानवीय का एक ही स्वर था हां मेरा देश बदल सकता है.

-सबका साथ-सबका विकास का मंत्र लेकर चले थे, लेकिन पांच साल के भीतर-भीतर देशवासियों ने सबका विश्वास का रंग भर दिया. इस चुनाव में कोई नेता चुनाव नहीं लड़ रहे थे. 130 करोड़ देशवासी अपने सपनों के लिए चुनाव लड़ रहे थे.

-समस्याओं का समाधान,  इसके साथ-साथ सपनों, संकल्पों और सिद्धि का कालखंड, हमें अब साथ-साथ चलना है.

-हमारे मछुआरे भाईयों को हम ताकत दें, हमारे अन्नदाता मजबूत बनें. हम हिंदुस्तान को बाजार बना कर देखें. हमारे हर डिस्ट्रिक्ट में दुनिया के छोटे-छोटे की ताकत है. हमारे हर जिले एक्सपोर्ट हब बनने की दिशा में सोचें. हमारे हर जिले के पास अपनी विशेषता है. हर एक के पास विविधता है, सामर्थ्य है. उससे दुनिया को परिचित कराने की दिशा में काम करना है.

-हमारा देश टुरिस्ट डेस्टिनेशन के लिए दुनिया के लिए अजूबा हो सकता है. हमें उसको बढ़ाने पर बल देना होगा. हम सोचें कि हमारे टूरिज्म के क्षेत्र को कैसे बल मिले, बेहतर शिक्षा की कैसे व्यवस्था हो. हमारे वैज्ञानिकों को बेहतर संसाधनों के लिए पूरी सुविधा हो. हमारी सेना के पास बेहतर संजयाम हों, जो देश में बने हों. तो भारत को एक नई शक्ति दे सकते हैं

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