निशिकांत सिंह.
पटना. राजभवन मार्च के दौरान रालोसपा कार्यकर्ता-पुलिस में भिड़ंत हो गई.पुलिस ने बल प्रयोग किया जिससे कार्यकर्ता उत्तेजित हो गए.रालोपा के प्रदेश कमेटी ने धान की ख़रीद ठप होने के विरोध में राजभवन मार्च आयोजित किया था. जहानाबाद के सांसद डॉ अरुण कुमार के नेतृत्व हज़ारों किसानों के जुलूस को जेपी गोलंबर से आगे नहीँ बढ़ने दिया गया.
कुछ देर तक रालोसपा कार्यकर्ता और पटना पुलिस आमने सामने आ गये.बाद में भीड़ को तितर वितर करने के लिए पानी का बछौर किया गया और अरुण कुमार एवं प्रदेश संयोजक ललन पासवान को हिरासत में ले लिया गया.
बाद में शस्त्री नगर थाने में संवाददाताओं से बात करते हुए अरुण कुमार ने कहा कि राज्य के किसानों का धान सड रहा है किसान औने पौने दाम पर धान बिचौलियों को बेचने पर मजबूर है इसी के विरोध में जब किसानों के साथ राजभवन मार्च निकाला तो सरकार ने हमलोगों को रोका.कल जब उपमुख्यमंत्री डाकबंगला पर प्रदर्शन किये थे तो वो प्रतिबंधित छेत्र नहीं था
सरकार विपक्ष की अवाज को दबा रही ह
इसी बीच राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की राष्ट्रीय सचिव सीमा सक्सेना ने कहा है कि बिहार की महागठबंधन सरकार को राज्य के किसानों के हितों की कोई चिंता नहीं है. किसानों के प्रति राज्य सरकार के असंवेदनशील रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है. पिछली बार भी जदयू नेतृत्व की सरकार के इसी रवैये के कारण बिहार के किसानों को आत्महत्या तक करनी पड़ी थी और एक बार फिर धान खरीद को लेकर वही रवैया दिख रहा है. रालोसपा सचिव ने कहा कि बिहार के किसानों से आख़िर धान खरीद में सरकार आनाकानी क्यों कर रही है? किसानों से न तो सरकारी खरीद की जा रही है और न ही उन्हें बोनस ही दिया जा रहा है नौबत ये है कि किसान सरकारी खरीद नहीं हो पाने के कारण औने-पौने दाम पर अपनी फसल बिचौलियों को बेचने पर मजबूर हैं. रालोसपा सचिव ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार की जनता से जुड़े मुद्दों पर चुप्पी साधे नहीं बैठ सकती. सरकार कहती है कि पैक्सों के माध्यम से धान खरीद रही है, लेकिन पैक्स के पास पैसे हैं ही नहीं. धान खरीद केंद्रों की संख्या काफी कम है और जो है, वहां भी अक्सर ताले लटके हुए हैं. खरीद से लेकर मिलिंग तक इतनी कम राशि आवंटित की गई है कि किसानों से पर्याप्त धान खरीद हो ही नहीं सकती. किसानों से धान खरीद में हो रही गड़बड़ी और बिहार की बदहाल कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार का ध्यान दिलाने के लिए उनकी पार्टी ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान से राजभवन मार्च का आयोजन किया. अगर अभी भी राज्य सरकार की नींद नहीं खुलती तो बड़े पैमाने पर लोकतांत्रिक विरोध के अन्य कदम भी उठाए जाएंगे.