संवाददाता.रांची. झारखंड में बिहार के समान भाजपा के खिलाफ महागठबंधन की संभावना को एक और झटका देते हुए झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की पहचान जल, जंगल, जमीन व स्थानीय मुद्दों को लेकर ही रही है. मगर पिछले कुछ वर्षों से वह सड़क से लेकर सदन तक खामोश हो गई है. वास्तव में झामुमो का सत्ता से पैक्ट हो चुका है.
सोमवार को धुर्वा स्थित विधायक क्लब हॉल में पार्टी के दो दिवसीय कार्यसमिति को संबोधित करते हुए बाबूलाल मरांडी ने भाजपा व झामुमो पर तीखे प्रहार किए. उन्होंने कहा कि आए दिन सीएम रघुवर दास झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन से मिलने चले जाते हैं. यही कारण है कि कभी शिबू सोरेन, रघुवर सरकार की पीठ थपथपाते हैं तो दूसरे ही दिन अपने बयान से पलट जाते हैं. शिबू सोरेन व हेमंत सोरेन दिल्ली में शिबू के आवास सीमा को बढ़ाने के लिए सत्ताधारी दल से आवास समिति को पत्र लिखवाते हैं.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झामुमो जनमुद्दों से गायब हो चुकी है मगर सदन में भी चुप ही रहती है. सड़क से सदन तक केवल झाविमो ही जनमुद्दों के लिए संघर्षशील है. उन्होंने कहा कि 2006 में झाविमो के गठन से लेकर अब तक यही वह पार्टी रही है, जो जनविरोधी नीतियों, विस्थापन, पलायन, स्थानीय नीति, नियोजन नीति, भ्रष्टाचार सहित विभिन्न मुद्दों पर सड़क से लेकर सदन तक मुखर रही है. इसलिए सभी दल के सॉफ्ट टारगेट में झाविमो रहा है. सभी दलों को झाविमो से ही खतरा है. जब भाजपा किसी भी दल को तोड़ नहीं सकी तो उसने झाविमो के छह विधायकों को तोड़ लिया ताकि झाविमो समाप्त हो जाए. मगर झाविमो संघर्ष की उपज वाली पार्टी है. इसे तोड़ने वाले खुद ही समाप्त हो जाएंगे.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झाविमो के लिए वर्ष 2016 संगठन मजबूती व संघर्ष के लिए होगा. उन्होंने कार्यकर्ताओं को इसके लिए तैयार रहने को कहा. इस वर्ष स्थानीय नीति, विस्थापन, पलायन, भ्रष्टाचार आदि मुद्दों पर नए सिरे से आंदोलन खड़ा किया जाएगा. बैठक में पार्टी के प्रधान महासचिव प्रदीप यादव, वरीय उपाध्यक्ष सबा अहमद, के के पोद्दार, सुनील साहू विधायक प्रकाश राम, पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, रामचंद्र केशरी, प्रणव वर्मा, श्री राम दूबे, पूर्व विधायक मिस्त्री सोरेन सहित कई कार्यसमिति सदस्य व जिलाध्यक्ष शामिल हुए.