संवाददाता.पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि लॉ एंड आर्डर और इन्वेस्टीगेशन को अलग करने का प्रावधान सुनिश्चित किया जाय और इसे अविलंब लागू किया जाय। राज्य सरकार का यह संवैधानिक दायित्व है कि वह रुल ऑफ लॉ को दुरुस्त रखे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में विधि व्यवस्था से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक में अपराध नियंत्रण, विधि व्यवस्था में सुधार, पेशेवर अपराधियों की गतिविधियाँ, पुलिस की गश्ती, पुलिस प्रशिक्षण, सांप्रदायिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई, महिला एवं छात्रावासों की सुरक्षा, साइबर क्राइम, आर्थिक अपराध, नक्सली गतिविधियों पर रोक, लूट, हत्या, अपराध, बलात्कार, रेल एवं बैंक डकैती, वाहन चोरी, वायरल वीडियो कांड, एससी/एसटी के विरुद्ध आपराधिक घटनाओं सहित अनेक ज्वलंत मुद्दों पर विस्तृत समीक्षा की गई।बैठक में पुलिस मुख्यालय द्वारा अपराध नियंत्रण एवं विधि व्यवस्था संधारण के संबंध में पावर प्वाईंट प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने विस्तृत निर्देश दिये। बालू माफिया, भू माफिया और अन्य असामाजिक तत्वों द्वारा पुलिस पर किए जा रहे हमले पर मुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पुलिस पर हमला करने वालों तत्वों के खिलाफ सख्त एवं त्वरित कार्रवाई की जाय। यह इनटोलेरेबल है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में बिहार में तीन तरह के थाने चिन्हित कर प्रत्येक थानों में रेवोल्विंग फण्ड की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी थी, जो हर हाल में उपलब्ध होना चाहिए ताकि ससमय जरुरत की चीजों को खरीदा जा सके।
पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि थाने से लेकर आई0जी0 कार्यालय तक कितने वाहनों की आवश्यकता है, इसे तत्काल चिन्हित कर इस दिशा में सकारात्मक कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि नंबर ऑफ क्राइम के साथ ही नेचर ऑफ क्राइम का विश्लेषण कीजिये। नेशनल लेवल पर जो नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है, उसे भी देख लीजिये। तय समय सीमा के अंदर एफएसएल जाँच का काम पूरा हो, यह हर हाल में सुनिश्चित होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि तकनीक का दुरूपयोग कर वाहनों के फर्जी कागजात बनाने वाले रैकेटियर को चिन्हित कर उनपर पुलिस प्रशासन सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे।मुख्यमंत्री ने कहा कि साम्प्रदायिक तनाव की घटनाओं का विश्लेषण कीजिये। आखिर क्या कारण है कि जिन स्थानों पर पहले तनाव की घटनाएँ घटित हुआ करती थी वहां इसमें काफी कमी आई और नई जगहों पर इस तरह की घटनाएं हो रही है। जो संवेदनशील इलाके हैं, उस पर विशेष तौर पर निगरानी बनाये रखने की जरुरत है। ऐसी जगहों का डी0एम0 और एस0पी0 को विजिट कर शान्ति समिति के लोगों के साथ इंटरैक्ट करना चाहिए। दशहरा और मुहर्रम का त्योहार करीब है जिसको देखते हुए अभी से ही क्षेत्रीय अधिकारियों को सेंसीटाईज करें।
बैठक में सभी प्रमण्डलीय आयुक्त, डी0आई0जी0, जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक भी विडियो कान्फ्रेंसिंग से जुड़े हुये थे।समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक के0एस0 दिवेदी, प्रधान सचिव गृह आमिर सुबाहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार सहित राज्य पुलिस मुख्यालय के सभी वरीय अधिकारी तथा सभी प्रक्षेत्रों के आई0जी0 उपस्थिति थे।