जेपी की मूर्ति भी तुड़वाएगी कांग्रेस ?

1376
0
SHARE

JP KI JAYATI SMAROH MAI SARDHANJLI DETE LOGPHOTO/FTAB ALAM

प्रमोद दत्त.

राज्य सरकार की वेबसाइट पर इतिहास को बदलने की हुई पहल के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या अब इन्कम टैक्स गोलम्बर पर लगी जेपी की उस मूर्ति को भी कांग्रेस तुड़वाएगी जिसमें आपातकाल व संपूर्ण क्रांति के मैसेज देनेवाली जेपी मूर्ति का स्वरुप है.हाथ में लाठी,सिर पर बंधी पट्टी – आपातकाल और इसके विरोध पर पुलिसिया दमन का प्रतीक है यह मूर्ति.

जनता पार्टी की सरकार के पतन के बाद जब केन्द्र व राज्य में कांग्रेस की वापसी हुई तब जेपी के समर्थकों ने पटना में जेपी की आदमकद प्रतिमा लगाने की मांग की.जेपी आंदोलन के झटके से ऊबरी कांग्रेस ने इस प्रस्ताव को मान तो लिया लेकिन जेपी की प्रतिमा के स्वरुप को लेकर विवाद हुआ. कांग्रेस सरकार चाहती थी कि जेपी की सामान्य मूर्ति लगे जबकि जेपी के समर्थक,जिनमें अधिकांश तब विपक्ष में थे, चाहते थे कि जेपी आंदोलन के प्रतीक के रुप में यह मूर्ति लगे. पुलिस के लाठी चार्ज के बाद जब हाथ में लाठी लिए सिर पर पट्टी बांधे आगे बढ चलेवाली जेपी की मुद्रा में प्रतिमा लगाना चाहते थे.जेपी समर्थक इन्कम टैक्स गोलम्बर,जहां जेपी पर लाठी बरसाई गई थी,उसी गोलम्बर पर वे प्रतिमा लगाना चाहते थे.विवाद लंबा चला.अंतत: कांग्रेस सरकार की इच्छानुसार गांधी मैदान के दक्षिण-पश्चिम गोलम्बर पर जेपी की सामान्य प्रतिमा लगी और जेपी समर्थकों के दबाव में इन्कम टैक्स गोलम्बर पर संपूर्ण क्रांति का मैसेज देनेवाली जेपी की प्रतिमा लगी.

“ अंग्रेजों ने गांधी के साथ वैसा वर्ताव नहीं किया जैसा कांग्रेस ने आपातकाल के दौरान जेपी के साथ किया .“राज्य सरकार के वेबसाइट पर लगे इस ऐतिहासिक सच पर कांग्रेस ने आपत्ति की और झट से इसमें संशोधन कर दिया गया.सरकार चलानेवाले नीतीश-लालू जेपी के शिष्य रहे हैं और राजनीति में कांग्रेस-विरोधी आंदोलन की ऊपज हैं.विपक्षी दल के नेताओं ने इतिहास व तथ्यों में इस छेड़छाड़ की आलोचना भी की.लेकिन अभी भाजपा-विरोधी मोर्चा बनाने की धुन में लगे लालू-नीतीश पर कोई असर नहीं दिखा. ऐतिहासिक सच में परिवर्तन के बाद यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि सरकार को समर्थन देने की कीमत के रुप में कांग्रेस और क्या-क्या परिवर्तन कराएगी.क्या इन्कम टैक्स गोलम्बर पर लगी जेपी की उस प्रतिमा को तुड़वाने की पहल करेगी जो प्रतिमा पीढी-दर-पीढी को आपातकाल व तानाशाह शासक की याद दिलाती रहेगी.

SHARE
Previous articleशहाबुद्दीन का बिखरता साम्राज्य,टूटता खौफ
Next articleचावल घोटाला-1,गरीबों के निवाले पर डाका
सन् 1980 से पत्रकारिता. 1985 से विभिन्न अखबारों एवं पत्रिकाओं में विभिन्न पदों पर कार्यानुभव. बहुचर्चित चारा घोटाला सहित कई घोटाला पर एक्सक्लुसिव रिपोर्ट, चारा घोटाला उजागर करने का विशेष श्रेय. ‘राजनीति गॉसिप’ और ‘दरबारनामा’ कॉलम से विशेष पहचान. ईटीवी बिहार के चर्चित कार्यक्रम ‘सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार’, साधना न्यूज और हमार टीवी के टीआरपी ओरियेंटेड कार्यक्रम ‘पड़ताल - कितना बदला बिहार’ के रिसर्च हेड और विभिन्न चैनलों के लिए पॉलिटिकल पैनलिस्ट. संपर्क – 09431033460

LEAVE A REPLY