संवाददाता.पटना.बिहार के पंच-सरपंच ने आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी भूमिका तय कर ली है। बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ ने तय किया है कि जो उम्मीदवार सुबे के डेढ़ लाख से अधिक निर्वाचित ग्राम कचहरी जन प्रतिनिधि सरपंच,उप सरपंच,पंच तथा कर्मी सचिव,न्याय मित्र,प्रहरी की प्रस्तावित 11 सूत्री माँगों का समर्थन किया, सिर्फ उन्हीं का तन-मन-धन से सहयोग व समर्थन करेंगें और विरोधी व झूठे का खुलकर विरोध करेंगें।
इस निर्णय की जानकारी देते हुए बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ प्रदेश अध्यक्ष आमोद कुमार निराला ने बताया कहा कि आज विभिन्न दलों के नेता समर्थन माँग रहे हैं। लेकिन बिहार के सभी 40 लोकसभा तथा राज्य सभा सांसदों में से किसी एक ने भी स्थानीय निकाय (MLC) से बिहार विधान परिषद निर्वाचन में मतदाता बनाने हेतु कभी किसी सदन में आवाज नहीं उठाया। जबकि तीन तीन बार दिया आवेदन दिया, आग्रह किया पर चर्चा करना भी मुनासिब नहीं समझा। फिर आज क्यों माँगते हो समर्थन और वोट ।
श्री निराला ने कहा कि राज्य के 80 प्रतिशत आबादी का पंच परमेश्वर प्रतिनिधित्व करते हैं. गाँव समाज में पाते है अल्लाह और ईश्वर रूपी सम्मान । केवल परिवार शाखा संबंधी साथ दिखाई एकजुटता तो कम से कम प्रत्येक लोकसभा क्षेत्रों में 50 से 75 हज़ार एकमुश्त वोट आसानी से कर देंगे इधर का उधर। जिससे होगी हार और जीत तब समझेंगे संगठित पंच परमेश्वरों की शक्ति और ताक़त ।अपमान उपेक्षा और तिरस्कार का बदला लेकर रहेंगे हमारे सभी प्रतिनिधि कर्मी। सभी 38 ज़िले के 40 लोकसभा क्षेत्रों की वर्तमान वस्तुतः स्थित परिस्थितियाँ बहुत जल्द प्रदेश कार्यकारिणी कोर कमेटी की बैठक होगी।जिसमें प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में प्रभारी बनाए जाऐंगें। इस बार महँगा पड़ेगा किसी भी राजनीतिज्ञों को ग्रामीण जनता जनार्दन ग्राम कचहरी पंचायत प्रतिनिधियों का उपेक्षा और अपमान ।