प्रमोद दत्त.
पटना.महागठबंधन के नेताओं का दावा है कि 40 लोकसभा सीटों वाले बिहार में भाजपा को शून्य पर आऊट कर देंगें।बिहार में ऐसा खेला होगा कि 2024 चुनाव में भाजपा बहुमत के आंकड़े से पीछे रह जाएगी।भाजपा-विरोधी वोटों के बिखराव को रोकने के दावे को सच भी माना जाए तो आंकड़े बताते हैं कि ऐसी परिस्थितियों में भी भाजपा की 11 सीटों पर सुनिश्चित जीत और 20 सीटों पर संभावित जीत दिखाई देती है। 9 सीटें ऐसी जरूर है जिसे एनडीए (भाजपा) की हारने वाली सीटें कहा जा सकता है।
2014 लोकसभा चुनाव में प्राप्त वोटों के आधार पर ऐसा कहा जा सकता है।क्योंकि 2014 में कई सीटों पर एनडीए(भाजपा-लोजपा-रालोसपा) उम्मीदवारों की जीत में राजद-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन और जदयू-भाकपा गठबंधन के बीच वोटों का विभाजन कारण बना। इसी आधार पर महागठबंधन की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि 2024 में महागठबंधन में जदयू-भाकपा-माले आदि के शामिल हो जाने से भाजपा को सभी सीटों पर झटका लगेगा। भाजपा-विरोधी वोटो का बिखराव नहीं होगा और परिणाम महागठबंधन के लिए 2015 के विधानसभा चुनाव से भी बेहतर होगा।
अगर 2014 लोकसभा चुनाव के आंकड़े को ही आधार माना जाए तो यह साफ दिखता है कि 11 सीटें ऐसी हैं जहां महागठबंधन के सभी उम्मीदवारों के वोटों को मिलाने के बावजूद एनडीए उम्मीदवारों के प्राप्त मत अधिक होते हैं।इनमें भाजपा के उम्मीदवार को वाल्मिकीनगर,पूर्वी चंपारण,शिवहर,मुजफ्फरपुर,गोपालगंज,पटना साहिब,आरा और बक्सर,रालोसपा के उम्मीदवार को सीतामढी व काराकाट और लोजपा को हाजीपुर में मिली जीत का अंतर इतना बड़ा था कि सभी विरोधियों के वोट मिला भी दिए जांए तो एनडीए की बढत बरकार रहती है।
इसके अलावा राज्य की 20 सीटें ऐसी हैं जहां 2014 के आंकड़ों के अनुसार महागठबंधन की झोली में अधिक वोट दिखते हैं लेकिन एनडीए उम्मीदवारों का चयन सही हुआ और नरेन्द्र मोदी व राष्ट्रवाद के नाम पर वोटों का ध्रुवीकरण हुआ तो भाजपा उम्मीदवारों की जीत की संभावना बन सकती है।ऐसी सीटें हैं-प.चंपारण,अररिया, कटिहार, पूर्णियां,दरभंगा,मधुबनी,वैशाली,सीवान,महाराजगंज,सारण,बेगूसराय,भागलपुर,मुंगेर,नालन्दा,पाटलिपुत्र,सासाराम,जहानाबाद, औरंगाबाद,गया और नवादा।2014 में प्राप्त महागठबंधन के वोट के आधार पर माना जा सकता है कि राज्य की 9 ऐसी सीटें हैं जहां महागठबंधन की जीत व एनडीए की हार की संभावना अधिक है।ये सीटें हैं- झंझारपुर,सुपौल, किशनगंज, मधेपुरा, उजियारपुर, समस्तीपुर,खगड़िया,बांका और जमुई।
प्रेक्षकों का मानना है कि 2024 में 2014 के हिसाब से एनडीए के लिए 11 तो महागठबंधन के लिए 9 सीटों पर साफ तौर पर पलड़ा भारी दिख रहा है। असली मुकाबला 20 सीटों पर ही होगी। इन सीटों पर कोई अनुमान लगाना काफी मुश्किल है।लेकिन नरेन्द्र मोदी की बढती लोकप्रियता,बढते कद,राष्ट्रवाद के मुद्दे के अलावा वोटों का ध्रुवीकरण हुआ तो एनडीए को पुन: बढत मिल सकती है।भाजपा के रणनीतिकार की दृष्टि भी इसी 31 सीटों पर केन्द्रित है इसलिए “मिशन 35” का टारगेट बनाया गया है।