संवाददाता.पटना. नीतीश कुमार के नेतृत्व में नवगठित महागठबंधन की सरकार ने बिहार विधानसभा में विश्वासमत हासिल किया।सरकार के समर्थन में 160 मत पड़े जबकि भाजपा के वाकआउट के कारण विरोध में एक भी वोट नहीं पड़े।
विश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा के लोग समाज और देश में टकराव पैदा करना चाहते हैं। ये लोग अपनी बात चलाएंगे, और धीरे-धीरे सब खत्म कर देंगे। काम नहीं, सिर्फ प्रचार पर ध्यान है। सीएम ने गया के मुद्दे को लेकर भी बीजेपी को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यह देश सभी का है। 2010 में गया के मुसलमानों ने भी बीजेपी को समर्थन दिया था.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि राज्य की योजनाओं को केंद्र की बताने की साजिश हुई। आज की केंद्र सरकार की कोई योजना नहीं। ग्रामीण इलाकों में सड़क बनाने का निर्णय काफी पहले हुआ। यह कार्य केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में हुआ था निर्णय।
सदन को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि 2020 का रिजल्ट आया उसकी चर्चा करते हैं, लेकिन 2005 को भी याद कीजिए। 88 और 55 का आंकड़ा था। 2009 में लोकसभा में बिहार से जेडीयू 20 और बीजेपी 12 थी। 2020 के चुनाव में जो हालत हो गई थी सब देख रहे थे।
सदन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमको प्रधानमंत्री बनने की कोई महत्वकांक्षा नहीं। हमपर बिहार को संभालने का दबाव बनाया गया। वर्ष 2005 के नतीजों को भी याद किया जाए। नंदकिशोर यादव के बदले विजय सिन्हा को विधानसभा अध्यक्ष बना दिया गया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाषण के बीच भाजपा के विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया। इस दौरान सीएम नीतीश ने बीजेपी विधायक को बच्चा बताया। सीएम ने कहा कि बैठ जाओ, हमारे खिलाफ बोलोगे, तभी न केंद्र सरकार तुमको आगे बढ़ाएगी।
प्रस्ताव पर चर्चा की शुरूआत करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने नीतीश कुमार के बारे में लालू प्रसाद व तेजस्वी यादव द्वारा पूर्व में की गई टिप्पणियों की याद दिलाई जिसमें पलटू, कुर्सी कुमार,पेट में दांत,केंचुआ बदलने वाला सांप आदि कहा गया था।चर्चा में भाग लेते हुए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भाजपा को निशाने पर लेकर हमलावार।