संवाददाता.पटना. बिहार में एनडीए ने सुशासन और अपराधमुक्त की राजनीतिक व्यवस्था स्थापित किया था लेकिन जनादेश को विफल करते हुए महागठबंधन की सरकार द्वारा बिहार में कानून के राज की व्यवस्था को खत्म किया जा रहा है। यह निश्चय ही दुर्भाग्यपूर्ण है। बिहार सरकार के विधि मंत्री कार्तिक मास्टर एक कुख्यात अपराधी हैं,जिनपर भारतीय दंड संहिता के 363ए364ए365 एवं 34 जैसी गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज हुए हैं। और सबसे दुखद स्थिति यह है की महागठबंधन ने जिस वक्त उन्हे विधि मंत्री के रूप में शपथ दिलायी उसी दिन उन्हे कोर्ट में सरेंडर करना था।
गुरूवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश महामंत्री देवेश कुमार एवं प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही लगातार बिहार में कानुन के राज का समापन दिखने लगा है। चाहे वह आनंद मोहन से जुड़ा हुआ मसला हो या अब कार्तिक मास्टर से जुड़ा हुआ मामला हो नीतीश कुमार की सुशासन की पोल पट्टी खुलकर सामने आ गयी है। एक आश्चर्यजनक स्थिति तो यह है कि राज्य के मुखिया से जब कार्तिक मास्टर पर प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने कह दिया की उन्हे इस मसले की कोई जानकारी ही नहीं है।
भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि बिहार में राजद भय, कुशासन और भ्रष्ट्राचार का पर्याय रही है। उसका वह मॉडल बिहार में पुनः स्थापित हो रहा है। क्योंकि उसके कोटे के 88 प्रतिशत मंत्री गंभीर अपराध के मामलों में लिप्त हैं और मुख्यमंत्री का यह कहना की उन्हे जानकारी नहीं है। यह जनता को भाग्य के भरोसे छोड़ने जैसा है। तब यह प्रश्न उठता है कि जनता को उसके भाग्य के भरोसे छोड़कर अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के पीछे भागना सुशासन के किस मॉडल को दर्शाता है। क्या यह संभव है कि एक मुख्यमंत्री को अपने मंत्री के आपराधिक रिकार्ड के बारे में पता ही नहीं हो और अगर नहीं पता है तो क्या बतौर मुख्यमंत्री उनकी हैसियत खत्म हो गयी है,जिसकी आशंका सभी को है। कार्तिक मास्टर पर अपहरण करने का गंभीर मामला दर्ज है तो क्या जनता यह मान ले एनडीए की सरकार में फलता.फूलता औद्योगिक निवेश कुंद हो जाएगा और उसकी जगह 2005 के पूर्व वाला अपहरण का कारोबार पुनः एक उद्योग के रूप में स्थापित हो जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी की यह आशंका है कि मंत्रिमंडल के गठन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है और रुपयों की लेनदेन हुई है।भाजपा यह मांग करती है बिहार सरकार कार्तिक मास्टर को अविलंब बर्खास्त करे और बाकी दागी मंत्रियों पर फास्ट ट्रैक मुकदमा चलाकर उन्हे सजा दिलायी जाए और बिहार में कानून का राज पुनः स्थापित किया जाए।
भाजपा नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री ने ब्रह्मर्षि समाज का अपमान किया है। वैसे समाज का अपमान किया है जिसका बिहार के निर्माण में योगदान रहा है। श्री कृष्ण सिंह, सहजानंद सरस्वती, रामधारी सिंह दिनकर जैसे विभूतियों का आपने अपमान किया है। क्या आपको अपने 164 विधायकों में कार्तिक सिंह जैसा ही अपराधी मिला था? क्या आपकी नजर में अब मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए अपहरणकर्ता, हत्या का आरोपी, जबरन वसूली करने वाला ही योग्यता रखता है? क्या आपके पूरे विधायकों में ब्रह्मर्षि समाज का कोई विधायक नहीं मिला जिसकी छवि बेहतर हो। आपके इस निर्णय से पूरा समाज दुखी है। आपने जिस तरह से कार्तिक कुमार का कलंक समाज पर लगाया है इसके बाद ये समाज आपको कभी माफ नही करेगा। आरजेडी से तो कोई अपेक्षा ही नही की जा सकती है जो जैसा रहता है वैसा ही उनको अच्छा लगता है। लेकिन नीतीश जी अपने ये ठीक नही किया आने वाले समय ये समाज आपसे हिसाब करेगा।
प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद, संतोष पाठक एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश कुमार सिंह उपस्थित थे ।