संवाददाता.पटना.पिछले कई दिनों से चल रही अटकलों के अनुकूल नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़ते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।कुछ ही देर बाद महागठबंधन (राजद,कांग्रेस,लेफ्ट,हम) के समर्थन का पत्र लेकर तेजस्वी यादव,अजीत शर्मा,जीतन राम मांझी के साथ राज्यपाल से मिले और सरकार बनाने का दावा पेश किया।कल नीतीश कुमार पुन: मुख्यमंत्री पद का शपथ लेगें।
राज्यपाल से मुलाक़ात के बाद नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी विधायक और सांसद एनडीए से अलग होना चाहते थे। गठबंधन में शामिल बीजेपी से मतभेद के बीच जनता दल यू ने मंगलवार को विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई थी।नीतीश कुमार ने कहा- लोकसभा राज्यसभा के सांसद औऱ सारे विधायकों के साथ बैठक हुई है। सबकी इच्छी यही थी कि हमें एनडीए छोड़ देना चाहिए। हमने उसे स्वीकार कर लिया है।उसके बाद हमने यहां आकर एनडीए सरकार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा सौंप दिया। इस बैठक में एनडीए से अलग होने का फ़ैसला किया गया।
इस प्रकार बिहार में एनडीए के अन्दर टूट हो चुकी है। जेडीयू ने एनडीए गठबंधन से खुद को बहार कर लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले पर बीजेपी ने बड़ा बयान दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने बिहार की जनता और बीजेपी को धोखा दिया है। यह बिहार की जनता के मैंडेट का उलंघन है।बिहार की जनता ने एनडीए को जनादेश दिया था। बिहार की जनता ने 2005 के पहले की सरकार के विरूद्ध में दिया था। आज जो कुछ भी हुआ है, वह धोखा है।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि 2020 में एनडीए गठबंधन के तहत हमने चुनाव लड़ा था। बिहार की जनता ने बीजेपी और जेडीयू को मैंडेट दिया था। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में 74 सीटों पर जीत दर्ज की। बावजूद इसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया। लेकिन आज जो कुछ भी हुआ है, वह बिहार की जनता और बीजेपी के साथ धोखा है।
जदयू के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रहे रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) ने नीतीश कुमार के एनडीए का साथ छोड़कर राजद के साथ चले जाने के फै़सले को 2020 के जनादेश के साथ विश्वासघात बताया है।सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर उन्होंने लिखा, ‘‘बिहार की जनता के द्वारा एनडीए के पक्ष में दिए गए 2020 के जनादेश के साथ विश्वासघात!’’ कभी नीतीश कुमार के विश्वासपात्र रहे पूर्व आईएएस अधिकारी आरसीपी सिंह के रिश्ते उनसे पिछले एक साल से तल्ख़ हो गए हैं।पिछले हफ़्ते जदयू द्वारा भ्रष्टाचार का आरोप लगाए जाने के बाद आरसीपी सिंह ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया।
नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद तेजस्वी के साथ मीडिया के सामने आकर आगे की रणनीति बतायी। उन्होंने इशारों-इशारों में आरसीपी सिंह को निशाने पर लेते हुए कहा कि हमने जिन्हें बनाया, वहीं जदयू को तोड़ने में लगे थे। अब भाजपा से गठबंधन टूट गया है। हम सात पार्टियों मिलकर महागठबंधन में आगे काम करेंगे। इसके लिए 7 पार्टी के सभी कुल विधायक 164 और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंप दिया है।
वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री के उम्मीदवार बनने पर कुछ नहीं कहा। उन्होंने इस सवाल को टालते हुए कहा कि बिहार में हम लोग मिलकर काम करेंगे। बिहार के विकास में लगे रहेंगे। समाज में विवाद पैदा करने की कोशिश की जा रही थी, वह हमको अच्छा नहीं लगता था।
नीतीश कुमार ने कहा कि हमें कम सीट मिली, लेकिन भाजपा के बार-बार आग्रह करने के बाद हम मुख्यमंत्री बनने को तैयार हुए। उन्होंने कहा कि हम भ्रष्टाचार से समझौता नहीं किए हैं और आगे भी नहीं करेंगे। हम लोग मिलकर बिहार के विकास के लिए काम करेंगे।
नीतीश कुमार का इस्तीफा राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया है। तेजस्वी के साथ राजभवन गये नीतीश कुमार ने महागठबंधन की नई सरकार बनाने के लिए 164 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा है। महागठबंधन की सरकार बनाने का दावा भी किया। मिली जानकारी के अनुसार महागठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होंगे और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव। इसके साथ ही एनडीए से नीतीश का नाता खत्म हो गया है। हालांकि नीतीश के इस कदम से बीजेपी लगातार हमलावर है।