राष्ट्रीय रोजगार नीति की मांग,16 अगस्त से रोजगार आंदोलन

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संवाददाता.पटना. आगामी 16 अगस्त से जंतर मंतर, दिल्ली में बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ रोजगार आंदोलन की घोषणा करते हुए संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति ने मांग की है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय रोजगार नीति बनाकर संसद में कानून पास करें।रविवार को केदार भवन (अदालत गंज) में आयोजित हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति ने यह जानकारी दी।
बताया गया कि आगामी 16 अगस्त से दिल्ली के जंतर-मंतर से संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति द्वारा रोजगार आंदोलन होने जा रहा है। इस रोजगार आंदोलन में देश भर से हज़ारों संगठन एवं उनके सदस्य हिस्सेदारी कर रहेगी। संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति की इस रोजगार आंदोलन के जरिये मांग है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय रोजगार नीति बनाकर संसद में कानून पास करें ताकि देश के प्रत्येक नागरिक के लिए सम्मानजनक रोजगार की गारंटी हो सके।
SRAS द्वारा 20 दिसंबर 2021 को राष्ट्रीय रोजगार नीति बनाकर कानून पास करने के लिए प्रधानमंत्री जी को PMO के माध्यम से और लगभग 500 जिलों से जिलाधिकारियों के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया । जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है, इसलिए संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति ने जनता के बीच जाने फैसला किया ताकि सभी लोगों के लिए रोजगार की गारंटी हो सके।
AITUC के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि आज देश के अंदर एक तरफ बेरोजगारी चरम सीमा पर है और वहीँ दूसरी तरह महंगाई भी चरम सीमा पर है । ऐसे हालात में कैसे एक व्यक्ति अपने बच्चों की शिक्षा स्वास्थ व्  भरण पोषण का ध्यान रख पायेगा । सरकार को जल्द से जल्द बेरोजगारी का समाधान निकालना पड़ेगा नहीं तो हम देख सकते हैं कि हमारे पडोसी देश श्रीलंका के हालात कैसे हो गए हैं ।
गणेश शंकर सिंह CITU ने बताया की SRAS में युवा, छात्र, शिक्षक, ट्रेड यूनियन, किसान, महिला, LGBTQA+, पत्रकार, दलित, आदिवासी, NGO’s, आदि लगभग एक हज़ार संगठन शामिल है । सभी संगठन जनता के बीच जाकर रोजगार आंदोलन के बारे में बताएंगे तथा राष्ट्रीय रोजगार नीति कानून पर उनका समर्थन मांगेंगे ।पिछले दिनों में देश में कृषि क़ानून, शिक्षक भर्ती घोटाला, RRB-NTPC घोटाला, UPSI भर्ती घोटाला एवं अग्निपथ योजना के विरोध में आंदोलन हुए । इन आंदोलनों में शामिल सभी आंदोलनकारियों ने विश्वास दिलाया है कि वे इस शांतिपूर्ण रोजगार आंदोलन हिस्सा लेंगे ।
DYF के मनोज कुमार चंद्रवंशी ने बताया कि पिछले महीने रोजगार आंदोलन से जुड़ने के लिए ऑनलाइन जनसम्पर्क अभियान चलाया गया जिसमें लगभग 50 हज़ार युवाओं ने रजिस्ट्रेशन किया और जब उनसे  बात की गयी तो हज़ारों युवाओं ने रोजगार आंदोलन में शामिल होने के लिए अपनी इच्छा जाहिर की । आज पुरे देश से रोजगार आंदोलन को युवाओं का समर्थन मिल रहा है।
AISF के Pushpendra शुक्ला बताया कि रोजगार आंदोलन से जुड़ने के लिए जनसंपर्क जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे । कॉलेज यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ संवाद किया जाएगा । शहर कस्बे और गांव में छोटी बड़ी बैठकें की जाएगी ।
संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति में  Aisa, AIDSO, AIDYO,DISHA, AAP , Bihar Transport के प्रतिनिधि अमरनाथ कुमार, AITUC के महासचिव Gajnafar नवाब और भी काफी संगठनों के प्रतिनिधियों ने बताया कि रोजगार आंदोलन जागरूकता अभियान के तहत 24 जुलाई को सुबह 11 बजे ट्विटर ट्रेंड चलाया जायेगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस आंदोलन से जोड़ा जा सके ।
संयुक्त रोज़गार आंदोलन समिति के सुझावों पर देश की बात फ़ाउंडेशन ने राष्ट्रीय रोजगार नीति का ड्राफ़्ट तैयार किया है जिसमें बेरोज़गारी की समस्या के समाधान को लेकर 10M का सुझाव दिया गया  है।
राष्ट्रीय रोजगार नीति के 10 एम– 1- मिनी टेक्नोलॉजी 2- मिनिमम क्रेडिट सपोर्ट 3- माइंडसेट एंड स्किल ट्रेनिंग
4- मिनी मार्केट 5- मल्टीनेशनल, इंटरस्टेट एंड इंट्रा-स्टेट सप्लाई चैन 6- मैन्युफैक्चरिंग इन स्मॉल, मीडियम एंड लार्ज इंडस्ट्रीज 7- मिनिमम इकनोमिक सपोर्ट एंड जॉब सिक्योरिटी 8- मिनिमम वेज एंड सोशल सिक्योरिटी फॉर वर्कर्स रिस्पेक्टफुल लाइफ 9- एम. एस. पी. (MSP) फॉर क्रॉप्स,10 -मॉर्डन एंड ट्रेडिशनल सर्विसेज।
देश में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार “राष्ट्रीय रोजगार नीति” बनाकर संसद में कानून पास करें। उसी संदर्भ में संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति के बैनर तले आगामी 16 अगस्त से दिल्ली के जंतर मंतर पर रोजगार आंदोलन का आह्वान किया गया है।

 

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