मुख्यमंत्री ने कहा-जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर निरंतर प्रचार-प्रसार कराते रहें । अन्य माध्यमों के अलावा सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार जरुर कराएं। सौर ऊर्जा के प्रति लोगों को जागरूक करें क्योंकि यही अक्षय ऊर्जा है जो प्रकृति प्रदत्त है और यह सदैव रहेगा। निरंतर इस बात का आकलन और समीक्षा करें कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत किए जा रहे कार्य तेजी से पूर्ण हो रहे हैं या नहीं। फसल अवशेष को लेकर किसानों को जागरुक करें, उन्हें बताएं कि फसल अवशेष जलाने के क्या-क्या दुष्परिणाम होते हैं।
संवाददाता.पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में जल-जीवन-हरियाली अभियान से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की गयी ।बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई निर्देश दिए।
समीक्षा बैठक में जल-जीवन-हरियाली अभियान के मिशन निदेशक राहुल कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मुख्यमंत्री के समक्ष जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत 11 अवयवों पर किये जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। जल-जीवन-हरियाली अभियान के मिशन निदेशक ने अपने प्रस्तुतीकरण में जल-जीवन-हरियाली अभियान के सभी अवयवों यथा सार्वजनिक आहर, पईन, तालाब / पोखर, कुओं को चिन्हित कर उन्हें अतिक्रमण मुक्त एवं उनका जीर्णोद्वार कराने, सार्वजनिक संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराने के क्रम में विस्थापित एवं वास-भूमि विहीन परिवारों की पहचान कर उन्हें वास-भूमि उपलब्ध कराने के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
इसके साथ ही सार्वजनिक कुओं एवं चापाकलों के निकट सोख्ता / रिचार्ज / अन्य जल संचयन संरचनाओं का निर्माण, छोटी-छोटी नदियों / नालों एवं पहाड़ी क्षेत्रों के जल संग्रहण क्षेत्रों में चेकडैम एवं जल संचयन की अन्य संरचनाओं का निर्माण, नए जल स्त्रोतों का सृजन, भवनों में छत वर्षा जल संचयन की संरचना, पौधशाला सृजन एवं सघन वृक्षारोपण, वैकल्पिक फसलों, टपकन सिंचाई, जैविक खेती एवं अन्य नई तकनीकों के उपयोग, सौर ऊर्जा उपयोग को प्रोत्साहन एवं जल-जीवन-हरियाली अभियान हेतु जागरूकता कार्यक्रम से संबधित विभागवार अद्यतन प्रगति की विस्तृत जानकारी दी गयी । सचिव जल संसाधन विभाग संजय कुमार अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को गंगा जल आपूर्ति योजना की अद्यतन स्थिति के संबंध में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि सार्वजनिक आहर, पईन,तालाब, पोखर, कुओं एवं चापाकलों को अधिक से अधिक चिन्हित कर उसे अतिक्रमण मुक्त. कराएं। अतिक्रमण मुक्त कराए गए जल संचयन क्षेत्रों के किनारे बसे गरीब लोगों के पुनर्वास हेतु समुचित कार्रवाई करें। जल-जीवन- हरियाली अभियान के अवयवों पर तेजी से कार्य पूर्ण करें। सभी सार्वजनिक कुओं को चिन्हित कर उनका जल्द से जल्द जीर्णोद्वार कराएं। इससे भू-जल स्तर मेंटेन रहता है और सुखाड़ की स्थिति में लोगों को काफी सहूलियत मिलती है। सभी सार्वजनिक चापाकलों एवं कुओं के निकट सोख्ता के निर्माण कार्य में भी तेजी लायें।
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि वर्ष 2019 में पर्यावरण संरक्षण को लेकर सभी दलों के विधान पार्षदों एवं विधायकों के साथ करीब 8 घंटे तक बैठक की गई थी जिसमें सर्वसम्मति से जल-जीवन-हरियाली अभियान को चलाने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए मानव श्रृंखला भी बनाई गई जिसमे 5 करोड़ से भी अधिक लोगों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराई थी। वर्ष 2019 में एक-एक चीज पर विस्तारपूर्वक बात हुई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली का मतलब जल और हरियाली के बीच ही जीवन है। वर्ष 2020 में संयुक्त राष्ट्र के उच्च स्तरीय राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में बिहार सरकार द्वारा चलाये जा रहे जल-जीवन- हरियाली अभियान की काफी सराहना हुयी थी। मुझे भी संयुक्त राष्ट्र से निमंत्रण आया था जिसमें हमने यहीं से अपनी बातें रखी थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर में जल संचयन हेतु बड़ा और सुंदर तालाब का निर्माण कराया गया है। यदि दो साल वर्षा नहीं होगी तो भी पानी की दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पहाड़ियों के तलहट्टी क्षेत्र में जल संचयन की संभावनाओं को भी तलाशें पहाड़ियों के निकट चेकडैम बनाइएगा तो बहुत अच्छा होगा। इससे जल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि सौर ऊर्जा के प्रति लोगों को जागरूक करें क्योकि यही अक्षय ऊर्जा है जो प्रकृति प्रदत्त है और यह सदैव रहेगा। हमलोगों ने शुरू से ही इस पर बल दिया है। मुख्यमंत्री आवास में भी सौर ऊर्जा को लेकर काम कराया गया है। जितने भी सरकारी भवन हैं उन सभी पर सौर ऊर्जा से संबंधित उपकरण लगाने का कार्य सुनिश्चित करें। उसे मेंटेन रखने का भी प्रबंध करें। इससे काफी लाभ होगा। इससे पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा और पैसों की भी बचत होगी। जो बिजली मिल रही है उसके उपयोग की एक सीमा है। उन्होंने कहा कि पहले बिहार का हरित आवरण काफी कम था। वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना कर काफी संख्या में पौधे लगाये गये जिसका परिणाम है कि अब राज्य का हरित आवरण 15 प्रतिशत से अधिक हो चुका है। हमलोगों ने बिहार की आबादी और क्षेत्रफल को ध्यान में रखते हुए हरित आवरण की सीमा को 17 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा जलापूर्ति योजना’ का कार्य यथाशीघ्र पूर्ण करें, इस काम में तेजी लायें ताकि नवादा, राजगीर गया और बोधगया में जलापूर्ति का काम जल्द से जल्द शुरू किया जा सके। इससे लोगों को काफी सुविधा होगी। गया के विष्णु पद मंदिर के निकट फल्गु नदी में बन रहे रबड़ डैम का काम भी तेजी से पूर्ण कराएं। इसके बन जाने से पितृपक्ष के दौरान आनेवाले लोगों को काफी सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य सुनिश्चित कर उसे पूर्ण कराएं। वज्रपात के कारण लोगों की मृत्यु की सूचना मिलने पर मुझे काफी दुःख होता है। इसको ध्यान में रखते हुए सभी सरकारी भवनों पर तड़ित चालक लगाने हेतु संबद्ध विभाग आपस में विमर्श कर कार्य योजना बनाएं। जल-जीवन-हरियाली अभियान के बारे में लोगों के बीच प्रचार-प्रसार निरंतर कराते रहें। अधिकांश लोग अब सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं इसलिए सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार का काम जरुर कराएं। सोशल मीडिया के माध्यम से दिये गये संदेश अधिक लोगों तक पहुंचेंगे। इस अभियान के उद्देश्य और इसके फायदों के बारे में लोगों को बताएं। निरंतर इस बात का आकलन और समीक्षा करें कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत किए जा रहे कार्य तेजी से पूर्ण हो रहे हैं या नहीं फसल अवशेष को लेकर किसानों को जागरुक करें, उन्हें बताएं कि फसल अवशेष जलाने के क्या-क्या दुष्परिणाम होते हैं। बिहार में पहले फसल अवशेष न के बराबर लोग अपने खेतों में जलाया करते थे। अब पटना और नालंदा के अलावा उत्तरी बिहार के लोग भी फसल अवशेष को अपने खेतों में जलाने लगे हैं,यह पर्यावरण के लिए काफी घातक है।
बैठक में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन, कृषि मंत्री अमरेन्द्र पताप सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत, अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार ब्रजेश मेहरोत्रा, अपर मुख्य सचिव लघु जल संसाधन विभाग परमार रवि मनुभाई. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, प्रधान सचिव नगर विकास एवं आवास विभाग आनंद किशोर, प्रधान सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन अरविंद कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, सचिव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग जितेन्द्र श्रीवास्तव सहित संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव एवं अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।