संवाददाता.पटना. बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने आतंकी यासीन मलिक के अदालत में अपराध कबूलने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से सवाल पूछते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है।डॉ जायसवाल ने गुरुवार को अपने फेसबुक पेज पर कुछ तस्वीरों को पोस्ट करते हुए लिखा कि दुर्दांत आतंकी यासीन मलिक के अपने नृशंस अपराधों के कबुलनामे के बाद प्रसिद्द कवि व गीतकार प्रदीप के लिखे गीत ‘कोई लाख करे चतुराई करम का लेख मिटे न रे भाई’ के यह बोल आज फिर से मौजूं हो चले हैं।
उन्होंने लिखा कि वायुसेना के अधिकारियों समेत न जाने कितने मासूमों को मौत के घाट उतार देने वाले इस शख्स ने कितने घर बर्बाद किये होंगे, कितनी माताओं की कोख सूनी की होगी और कितनों के सुहागों को छीना होगा, इसकी वास्तविक जानकारी शायद इसे भी नहीं होगी. लेकिन इतने कुकर्मों के बावजूद कांग्रेस राज में इसका क्या दबदबा था यह तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह के हाथों में हाथ डाले इसकी तस्वीर से पता चलता है।
उन्होंने कुछ मीडिया संस्थानों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उस समय देश के शीर्ष मीडिया संस्थान जहां इस नराधम को ‘यूथ आइकॉन’ बताते थे वहीं देश के टुकड़े-टुकड़े लगाने वाले ‘आजादी गैंग’ के लिए तो इससे बड़ा नायक कोई और था ही नहीं। सोचिये कांग्रेस की सरपरस्ती में तथाकथित ‘बुद्धिजीवियों’ ने देश में कैसा माहौल बनाया हुआ था, जो यासीन मलिक जैसे आतंकी को उसकी ‘औकात’ दिखाने की बजाए उसके ‘महिमामंडन’ को अपना कर्तव्य मानता था।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर क्या वजह रही होगी जो कांग्रेस के ‘हाथ’ को ऐसे आतताइयों के ‘साथ’ रहने पर विवश करती थी? जवाब उस ख़ास ‘इकोसिस्टम’ में है जिसमें वामी, कौमी, कांग्रेसी सब शामिल हैं. दरअसल ‘परिवार’ की चाकरी करते-करते कांग्रेस एक नक़ाब के समान बन चुकी है, जिसकी आड़ में देश का दोहन कर अपनी तिजोरियों को भरने की होड़ मची हुई है।
लुटियंस के गलियारों में पसरा यह ‘इकोसिस्टम’ इतना मजबूत है कि दिल्ली की सत्ता पर किसी को काबिज नहीं होने देता था। इनके ईशारे पर मंत्री बनाये और हटाए जाते थे. कांग्रेस इसे अपनी ताकत मानती है और यह उन्हें अपना प्रोडक्ट. जो इन्हें सूट करता था उनका यशोगान होता है और जो इनके विपरीत जाने की कोशिश करता उसे ‘मौत का सौदागर’, ‘नीच’, ‘चाय बेचने वाला’ तक बता दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमन्त्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा के उत्थान को यह तबका आज तक पचा नहीं पाया है। सीएए, कृषि कानूनों पर झूठ बोलकर दंगा करवाने की साजिश उसी का प्रतिफल थे। इन्हीं के इशारे पर कांग्रेस के नेता मोदी को हटाने के लिए पाकिस्तान तक से मदद मांगने चले गये थे। लोगों की माने तो इन्हीं के इशारे पर कांग्रेस और चीन की जुगलबंदी आज तक चल रही है।
बहरहाल, भगवान के घर देर जरुर होती है लेकिन अंधेर नहीं. यासीन मलिक के बाद कांग्रेस राज में छुट्टा घुमने वाले बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह जैसे हत्यारे और आतंकी सब कतार में हैं।भाजपा नेता ने कहा कि निरपराध हिन्दुस्तानियों के बहे लहू के एक-एक कतरे का हिसाब होगा।अंत में, उन्होंने राहुल गांधी से पूछा कि इसी इकोसिस्टम की सलाह पर दिन-रात क्रांति के गीत गा रहे कांग्रेस के ‘युवराज’ से एक सवाल..देश के तत्कालीन प्रधानमन्त्री के साथ मुस्कुराती हुई इस आतंकी की तस्वीरों को देख इसके शिकार हुए लोगों के परिजनों के दिल पर क्या बीतती होगी?भाजपा नेता ने गांधी से गुजारिश करते हुए कहा कि इसका जवाब ट्वीट कर जरुर करें।