प्रमोद दत्त.
पटना.धारा 370 के जैसा समान नागरिक संहिता मामले में भी पलटीमार सकता है,जदयू। फिलहाल जदयू समान नागरिक संहिता के खिलाफ है।इस मुद्दे पर भाजपा-जदयू आमने-सामने है। विरोध में जदयू का बयानबाजी जारी है।ठीक उसी प्रकार जैसे धारा 370 हटाने के पूर्व इसके विरोध में बयानबाजी की जाती थी।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के हर घोषणा पत्र में धारा 370 हटाने की घोषणा होती थी वहीं जदयू घोषणा पत्र में इससे छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं करने की चेतावनी भरी घोषणा होती थी।लेकिन संसद से जब धारा 370 हटाने से संबंधित बिल पास होकर कानून बन गया तब नीतीश कुमार ने पलटीमार ली।जदयू की तरफ से कहा गया कि नीतिगत स्तर पर जदयू इसके विरोध में रहा है।लेकिन जब संसद से पास होकर यह कानून बन गया तब जदयू प्रक्रिया के तहत बने कानून के साथ खड़ा है।
अब समान नागरिक संहिता मामले में भाजपा और जदयू एक बार फिर आमने सामने है।भाजपा नेता व राज्य के खनन-भूतत्व मंत्री जनक राम ने समान नागरिक संहिता को देश व प्रदेश के हित में बताते हुए कहा कि मौजूदा परिवेश में यह बेहतर कदम होगा।भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर का कहना है कि जब भारत धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है तो सबके लिए एक कानून क्यों नहीं।कॉमन सिविल कोड वक्त की जरूरत है।
प्रतिक्रिया में जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में कॉमन सिविल कोड लागू होने का सवाल ही नहीं उठता है।कहा – यह भाजपा का अपना फैसला है।जरूरी नहीं कि भाजपा का हर फैसला वहां लागू हो जहां एनडीए की सरकार है।उन्होंने कहा कि लगता नहीं है कि भाजपा इस बारे में बड़े स्तर पर कोई डिमांड करेगी या प्रेशर बनाएगी।उन्हें मालूम है कि इस विषय पर जदयू क्या राय रखती है।
बहरहाल यह मामला अभी बयानबाजी तक सीमित है। भविष्य में भाजपा ने केन्द्रीय स्तर इस विवादास्पद विषय पर निर्णायक व कानूनी कदम बढाया तो धारा 370 के समान इस पर भी जदयू पलटीमार सकता है।