संवाददाता.पटना. दिनकर शोध संस्थान द्वारा पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में राष्ट्रकवि दिनकर की पुण्यतिथि मनाई गई। इस कार्यक्रम का नेतृत्व दिनकर शोध संस्थान के संयोजक कुमार राघवेंद्र ने किया।रविवार को आयोजित कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों ने राष्ट्रकवि दिनकर के फोटो पर माल्यार्पण किया तथा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। दिनकर शोध संस्थान द्वारा दिनकर पद्मश्री पुरस्कार देश के चर्चित शिक्षक गुरु रहमान को दिया गया साथ ही विद्यालयों के मेधावी चयनित छात्रो को विशिष्ट अतिथियों द्वारा पुरस्कार दिया गया ।
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि आज से कई वर्ष पूर्व स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि 21वीं सदी भारत की होगी यह 21वीं सदी है और हमारे पास विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है जिनका डंका पूरी दुनिया में बजता है। आज भारत के पास सबसे ज्यादा युवा है और देश में प्रतिभाओं को सम्मान मिलता है। राष्ट्रकवि दिनकर अपने कविता के माध्यम से क्रांति लाते थे वह जाति और मजहब से ऊपर उठकर देश में सर्वोच्च योगदान दिए थे। राजनीति के लोग भी उनकी कविता के माध्यम से लोगों को प्रेरित करते हैं।
बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉ० संजय जायसवाल ने कहा कि मैं दिनकर की कविता से बहुत प्रभावित रहता हूं। दिनकर जी की हर पंक्ति में भगवत गीता की तरह अपने अंदर की ज्ञान शक्ति, एक नई विचारधारा को एक नए आयाम के रूप में ले जाती है। उन्होंने बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से बेगूसराय मेडिकल कॉलेज को दिनकर के नाम पर नामांकन कराने का आग्रह किया। दिनकर समय के साथ कभी समझौता नहीं करते थे, जवाहरलाल नेहरू ने उनको राज्यसभा में भेजने का कार्य किया लेकिन जब जरूरत पड़ी तो दिनकर ने उनको भी आईना दिखाने का कार्य किया।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कार्यक्रम में आए हुए सभी सम्मानित सदस्यों से आग्रह किया कि आप सभी दिनकर को जानिए, उनको पढ़िए, उनकी भावना को पहचान कर जनसेवा और देश सेवा में यथासंभव अपना योगदान दीजिए। मेरे लिए गर्व की बात है उनकी याद में हम लोगों ने एक बड़ा पुस्तकालय बनाने का निर्णय लिया है, इस पुस्तकालय में कई सारे प्रतियोगी पुस्तक के साथ-साथ जो गरीब बच्चे कंप्यूटर की शिक्षा लेने में असमर्थ है उसकी भी व्यवस्था निशुल्क की जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि दिनकर जी का नाम लेकर हम बिहार के लोग गौरान्वित महसूस करते हैं। हम लोग कहीं भी जाते हैं तो गर्व से कहते हैं कि हम लोग दिनकर की धरती से आए हैं, जहां चंद्रगुप्त, सम्राट अशोक जैसे प्रतिभाशाली शासन कर चुके हैं। दिनकर जी ऐसे कवि थे जिनके कविता से क्रांतिकारी ओश दिखाई पड़ता था। सृजन भी उनकी कविता में होता था, निर्माण भी उनकी कविता में होता था तथा उनकी कविता में राष्ट्रप्रेम का भाव भी दिखाई पड़ता था। दिनकर की कविता से हम सभी लोग जीवन जीने की प्रेरणा लेते हैं। राष्ट्रभक्ति का भाव भी उनके कविता से आता है। उन्होंने देश के युवाओं से आह्वान किया की सभी को राष्ट्रीयता का भाव जगाना चाहिए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री व पटना साहिब के सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दिनकर जी वह कवि थे जो भारत माता का आदर करते थे। भारत की एकता के लिए जीवन भर अपना बहुमूल्य योगदान दिया। दिनकर जी वह कवि थे जो कांग्रेस ने उन्हें राजसभा से निकाल दिया था। जब चीन का आक्रमण हुआ तब उन्होंने कहा था कि परशुराम आओ हमें भीम का गदा चाहिए, अर्जुन का गांडीव चाहिए और जेपी का आंदोलन हुआ तो उन्होंने कहा कि “सत्ता खाली करो कि जनता आती है”।
कार्यक्रम का संचालन राकेश ओझा एवं धन्यवाद ज्ञापन आनंद प्रकाश ने किया।इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश, विधायक संजीव चौरसिया, अरुण कुमार सिन्हा, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शंभू, भाजयुमो प्रदेश मीडिया प्रभारी सूरज पांडे, विवेक मिश्रा, कुलभूषण, विकास सिन्हा, राजीव सिन्हा निशांत कुमार, पिंकी यादव संतोष सिंह इत्यादि उपस्थित थे।