संवाददाता.पटना.बिहार में नए तौर-तरीके से स्कूलों में मध्याह्न भोजन का संचालन होने जा रहा है।इस बार जो नए नियम बनाए गए हैं वह स्कूल के प्रधानाध्यापक के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।इसके संचालन की सफलता को लेकर पहले से ही संदेह व्यक्त किए जा रहे हैं और सरकार के निर्णय पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
कोरोना काल में बंद हुए मध्याह्न भोजन को फिर से 28 फरवरी से शुरू किया जा रहा है। मध्याह्न भोजन के लिए विभिन्न सामग्री खरीदने के लिए प्रधानाध्यापक को सामग्री आपूर्ति करने वाले वेंडर का चयन करने के निर्देश के साथ-साथ तीन भेंडर का नाम,उसका जीएसटी नंबर,खाता संख्या,आदि का विवरण देने का कहा गया है।
भेंडर चयन व सामग्री खरीद की नई प्रक्रिया में प्रधानाध्यापकों (खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में) के सामने बड़ी समस्या आ रही है कि जीएसटी वाले सब्जी,फल,अंडा आदि के बिक्रेता मिल नहीं रहे हैं। प्रधानाध्यापक गैस की खरीद हर हाल में नकद करेंगें।जबकि सरकार गैस का भुगतान गैस भेंडर को करेगी।फिर नकद खरीद के बाद गैस भुगतान की राशि प्रधानाध्यापक कहां से प्राप्त करेंगें-यह अनसुलझा सवाल बना हुआ है।
इससे भी बड़ा सवाल यह है कि सामग्रियों की खरीद से संबंधित बिल को स्कैन कर विभाग को भेजना है।जबकि राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में ऐसे संसाधनों (कम्प्यूटर,प्रिंटर, स्कैनर आदि) की सुविधाएं नहीं दी गई है।