नई दिल्ली.देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत नहीं रहे।तमिलनाडु के कुन्नुर में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में जनरल रावत,उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित 13 लोगों की मृत्यु हो गई।हेलिकॉप्टर पर 14 लोग सवार थे।बुधवार को दोपहर 12.20 में यह हादसा हुआ।जनरल रावत की मृत्यु की पुष्टि शाम लगभग सवा छह बजे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने CDS की आपात बैठक के ठीक पहले किया।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनरल रावत के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक बताया गया कि जनरल रावत की मौत की खबर की पुष्टि के बाद प्रधानमंत्री ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी, यानी CCS की शाम 6.30 बजे बैठक बुलाई है। इसके बाद मौत की औपचारिक घोषणा की जा सकती है।लेकिन बैठक के पूर्व खबर की पुष्टि की गई।हादसा तब हुआ जब जनरल रावत कुन्नूर में एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वापस सुलूर लौट रहे थे। हेलिपैड से 10 मिनट के दूरी पर घने जंगलों के बीच हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक हादसे की वजह खराब मौसम बताई जा रही है।
चश्मदीदों के मुताबिक हादसे से पहले बहुत तेज आवाज सुनाई दी। हेलिकॉप्टर पहले पेड़ों पर गिरा। इसके बाद उसमें आग लग गई, वो आग का गोला बन गया था। उसने जलते हुए लोगों को हेलिकॉप्टर से बाहर गिरते हुए देखा।हादसे का शिकार हुए हेलिकॉप्टर में जनरल रावत उनकी पत्नी के अलावा 12 लोग और थे। इनके अलावा ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बी. साई तेजा और हवलदार सतपाल सवार थे।सूत्रों के अनुसार हादसे की वजह घने जंगल और कम विजिबिलिटी हो सकती है।खराब मौसम के दौरान बादलों में विजिबिलिटी कम होने की वजह से हेलिकॉप्टर को कम ऊंचाई पर उड़ान भरनी पड़ी। लैंडिंग पॉइंट से दूरी कम होने की वजह से भी हेलिकॉप्टर काफी नीचे उड़ान भर रहा था। नीचे घने जंगल थे इसलिए क्रैश लैंडिंग भी फेल हो गई। हेलिकॉप्टर के पायलट ग्रुप कमांडर और सीओ रैंक के अधिकारी थे, ऐसे में मानवीय भूल की आशंका न के बराबर है।