ओवैसी के विधायक की राष्ट्रविरोधी हरकत बर्दाश्त नहीं-प्रेम कुमार

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संवाददाता.पटना.बिहार भाजपा के वरीय नेता डॉक्टर प्रेम कुमार ने कहा कि ओवैसी के पार्टी के विधायक की राष्ट्र विरोधी हरकत को भाजपा कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। मैं सदन में किए गए राष्ट्रगीत के अपमान के लिए माननीय अध्यक्ष बिहार विधान सभा विजय कुमार सिन्हा से अख्तरुल इमान की सदस्यता समाप्त करने की मांग करूँगा और अध्यक्ष जी द्वारा राष्ट्रगीत की शुरुआत करने के लिए उन्हें बधाई भी दूँगा।
इस संबंध में माननीय अध्यक्ष बिहार विधानसभा से मिलकर कल सदस्यता समाप्ति का आवेदन देने जा रहा हूँ। जिस तरह से ओवैसी एवं उनकी पार्टी बार-बार राष्ट्र,राष्ट्रीयता, राष्ट्रीय चिन्हों, राष्ट्रीय प्रतीकों, राष्ट्रीय गीतों की अवहेलना करते हैं अब वह बर्दाश्त के बाहर हैं।  राष्ट्रधर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं हो सकता है। राष्ट्र धर्म के बाद ही निजी धर्म है। कोई व्यक्ति या कोई पार्टी कैसे राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत, राष्ट्रीय प्रतीक, राष्ट्रीय खेल आदि-आदि की अवहेलना कर सकता है ? देश के राष्ट्रीय गीत का अपमान करने वाले को देश कभी मांफ नहीं करेगा। ऐसे लोगों पर देशद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए।
बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन राष्ट्रगीत पर ओवैसी के पार्टी के विधायक अख्तरुल इमान ने आपत्ति जताई थी,इसपर डॉ कुमार ने कहा था कि देश के प्रत्येक नागरिकों को राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत का सम्मान करना मौलिक कर्तव्य है। पहले राष्ट्रगीत के अनुवाद को देख लें- मैं आपके सामने नतमस्तक होता हूं, माता। पानी से सीची, फलों से भरी दक्षिण की वायु के साथ शांत, कटाई की फसलों के साथ गहरी माता। उनकी रातें चांदनी की गरिमा में प्रफुल्लित हो रही हैं, उसकी जमीन खिलते फूलों वाले वृक्षों से बहुत सुंदर ढकी हुई हैं, हंसी की मिठास, वाणी की मिठास,माता। वरदान देने वाली ,आनंद देने वाली, माता।
उन्होंने कहा कि इसमें क्या आपत्ति वाली बात किसी धर्म, संप्रदाय, मजहब वाले के लिए है।इसमें तो चांदनी रात की बात है। जो विरोध कर रहे हैं वह भी पूजते हैं। हम तो चांद, सूरज, पृथ्वी, पहाड़, जंगल, नदी ,समुद्र ,हवा,अग्नि,कंकड़ सहित सभी जीवो को पूजने वाले और मानने वाले हैं। किसी भी देश की धरोहर में से सबसे खास होता उस देश का राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत। इसके जरिए ही हर देश अपनी एक अलग पहचान बनाता है। सबको पता है वंदे मातरम को राष्ट्रगीत का दर्जा प्राप्त है। इसीलिए जिस तरह राष्ट्रगान का हम सम्मान करते हैं। उसी तरह राष्ट्रगीत का सम्मान हमें करना चाहिए और यह प्रत्येक भारतवासी का कर्तव्य है।

 

 

 

 

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