संवाददाता.पटना.भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि JPC या स्टैंडिंग कमिटी का यह प्रावधान होता है कि कोई भी विषय सबसे पहले अध्यक्ष के संज्ञान में लाया जाता है. जब तक संपूर्ण रिपोर्ट संसदीय पटल पर नहीं रखा जाता तब तक मामले को गोपनीय रखा जाता है. बाहर इस पर कोई चर्चा नहीं होती. लेकिन पूर्व केन्द्रीय मंत्री रहने के बावजूद कल जिस तरह से जयराम रमेश और मनीष तिवारी आदि ने पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल पर बयानबाजी की है वह पूरी तरह से संसदीय परंपराओं और मर्यादा का उल्लंघन है.
मंगलवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए इस बिल पर विपक्ष की आपत्तियों को ख़ारिज करते हुए डॉ जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस की देशहित के सभी मामलों में बेफिजूल की शंकाओं से सहारे अड़ंगा डालने की आदत हो गयी है. यहां तक कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में भी यह लोग निरर्थक राजनीति करने से बाज नहीं आते.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की आपत्ति है कि इस बिल में संदिग्ध व्यक्ति की जांच के लिए चेयरमैन से अनुमति लेने का प्रावधान डाला जाए. यानी वह चाहते हैं कि संदेह होने पर भी त्वरित कारवाई के बजाए सुरक्षा एजेंसियां प्रक्रियाओं में उलझी रहे. कांग्रेस बताये कि यदि इस बीच संदिग्ध व्यक्ति ने अपने काम को अंजाम दे दिया तो क्या गांधी परिवार उसकी जिम्मेवारी लेगा?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष की एक और आपत्ति है कि इसमें राज्यों को भी भागीदार बनाते हुए उन्हें जिम्मेदारी बांटी जाए, जो कि व्यवहारिक रूप से संभव ही नहीं है. यह बात हर कोई जानता है इंटरनेट पर रोजाना करोड़ों टेराबाइट डाटा का निर्माण और ट्रांसफर होता. ऐसे में सीमित संसाधनों वाले राज्यों के लिए इसकी मॉनिटरिंग कितनी दूरूह हो जायेगी इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती.
उन्होंने कहा कि इस तरह के कुतर्क देकर विपक्ष यह साबित कर रहा है कि उनके निगाह में अपनी सतही राजनीति चमकाने का खेल, राष्ट्रीय सुरक्षा से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है.इस पूरे प्रकरण के लिए कांग्रेस अध्यक्ष को जिम्मेवार बताते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हित को बाधित कर आम जनता की सुरक्षा को जोखिम में डालने का कांग्रेस की आदत में शुमार है. इस बात की प्रबल संभावना है कि यह सारा कुचक्र कांग्रेस अध्यक्ष के इशारे पर खेला जा रहा हो. ऐसे भी यह बात हर कोई जानता है कि कांग्रेस का हाथ अब देश विरोधी तत्वों के साथ नहीं, बल्कि उनके माथे पर रहने लगा है. जिस कांग्रेस में बिना गांधी परिवार की अनुमति के कोई सांस तक नहीं ले सकता, वहां बिना परिवार की मंजूरी के कोई नेता ऐसा बयान दे ही नहीं सकता.
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कितनी सजग और सक्रिय है, देश को इसका उदहारण दो-दो सर्जिकल स्ट्राइक से पहले ही मिल चुका है. आज 90% से अधिक आतंकी घटनायें घटने से पहले बेनकाब हो जाती हैं. यह कोई अनायास नहीं है कि सरकार और एजेंसियों की कड़ी मेहनत और निरंतर प्रयास का प्रतिफल है.