संवाददाता.पटना.बीआईटी मेसरा,पटना कैम्पस में सेन्ट्रल जोन के पूर्व-गणतंत्र दिवस कैम्प के उद्घाटन समारोह में छः राज्यों के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक, छात्र-छात्राओं ने दस दिवसीय शिविर का उद्घाटन डॉ0 केसी सिन्हा, कुलपति, नालन्दा खुला विश्वविद्यालय ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कुलपति डॉ0 केसी सिन्हा ने स्वयंसेवकों एवं उपस्थित अतिथियों को राष्ट्रीय सेवा योजना की गरिमा एवं पहचान बताते हुए कहा कि जिस प्रकार आईएएस, आईपीएस, आईआईटी के शब्द की एक पहचान है उसी प्रकार राष्ट्रीय सेवा योजना एक स्वयं सेवा की पहचान बन चुका है। जिसने कोविड-19 अपदा में अपनी पहचान को सिद्ध कर दिया। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक स्वास्थ्य एवं शिक्षा में अपने परिश्रम एवं आत्मविश्वास की अपनी भूमिका से भारत को विश्व की शिखर पर पहचान बना देंगे।
कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथियों में डॉ0 संजय सिन्हा, निदेशक, युवा एवं सांस्कृतिक विभाग, बिहार सरकार, डॉ0 अरबिन्द कुमार, निदेशक, बीआईटी पटना,अभिजीत कश्यप, सदस्य, सीनेट, पटना विश्वविद्वद्यालय, कुमार शैलेन्द्र, सचिव, हीमोफीलिया सोसायटी, पियुष परांजपे, क्षेत्रीय निदेशक, झारखण्ड एवं बिहार, प्रो0 श्रीधर कुमार, संयोजक, राष्ट्रीय सेवा योजना, बीआईटी पटना एवं छः राज्यों के कार्यक्रम पदाधिकारी उपस्थित थे। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक छात्र एवं छात्रओं ने रंगारंग कार्यक्रम के साथ अपने जोश एवं सांस्कृतिक कुशलता का प्रदर्शन किया।
अभिजीत कश्यप ने युवा पीढ़ी के जोश और ज्वालामुखी के स्वरूप का वर्णन करते हुए राष्ट््रीय सेवा योजना को अनेकता में एकता का प्रतीक बताया एवं इसके माध्यम से शराबबंदी और अन्य कुरूतियों को दूद करने के लिए संकल्प लेने को कहा एवं एनएसएस को सबका विकास, सबका साथ, सबका विश्वास एवं सबके प्रयास का पर्यायवाची बताया ।
डॉ0 संजय सिन्हा, निदेशक, युवा एवं सांस्कृतिक विभाग, बिहार सरकार ने कहा करोना में राष्ट्रीय सेवा योजना के योद्वा की बिहार एवं भारत सरकार द्वारा प्रशंसा का वर्णन किया एवं छात्रों को इस वैश्विक स्पर्धा में सफलता के उतार-चढ़ाव में स्वस्थ स्पर्धा के साथ भाग लेने का आह्वान किया। उन्होंने सभी स्वयंसेवकों के जीवनशैली में दूरदरर्शन एवं सिरियल की कहानी से दूर रहकर सफलता के सपनों को साकार करने का मंत्र दिया और छात्रों को अवसाद के क्षण में खेल एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से अवसाद की संघर्ष एवं मुक्ति का रास्ता बताया जिससे विद्यालय में शिक्षकों के कठीन शब्दों से ज्यादा भविष्य में अपने उच्च पदाधिकारियों के शब्दों से कठीनाईयों का सामना न करना पड़े।
निदेशक, बीआईटी पटना, डॉ0 अरबिन्द कुमार ने राष्ट्रीय सेवा योजना की परंपरा को युवा वर्ग के लिए कएक भविष्य निर्माण, चरित्र निर्माण एवं सफलता का आधार बताते हुए परिसर में सबों का स्वागत किया एवं इस कार्यक्रम की सफलता और सहयोग के लिए आश्वस्थ किया। उन्होंने बिहार सरकार एवं केन्द्र सराकर को इस कार्यक्रम के स्थल की चुनाव के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि आज बिड़ला प्रौद्योगिकी संस्थान पटना परिसर भारत के सांस्कृतिक एकता का केन्द्र बिन्दु बन गया है।
विशिष्ठ अतिथि कुमार शैलेन्द्र ने राष्ट्रीय सेवा योजना के गौरव का वर्णन करते हुए बताया कि छात्रों को सरकारी प्रोजक्ट में एवे कानूनी सलाह में भागिदारी लेकर पूरे समाज को जागरूक करना चाहिए जिसमें एनजीओ की अहम भूमिका हो सकती है और छात्रों का उत्तरोत्तर विकास होगा। उन्होंने जानकारी दिया कि एनएसएस के सर्टिफिकेट पर एक वर्ष का सरकारी नौकरियों में प्रवेश एवं रिटायरमेंट का लाभ मिलता था उन्होंने बिहार सरकार के निवेदन किया कि इसकी पुनः अनुशंसा की जाए।
कार्यक्रम के प्रारंभ में संयोजक प्रो0 श्रीधर कुमार ने सभी प्रतिभागियों का एवं संस्था के सहकर्मियों का, पदाधिकारियों एवं निदेशक एवं मंचासीन अतिथियों का परिचय कराते हुए बीआईटी पटना में राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत चल रहे कार्यक्रमों का उल्लेख किया एवं कोरोना काल में बीआईटी पटना के स्वयंसेवकों द्वारा किए गए कार्याें का वर्णन किया। सुश्री तृषा कुमार ने सोविनियर की रूपरेखा बताते हुए सभी सहभागियों को लेख समर्पित करने के लिए कहा।छः राज्यों के कलाकारों ने अपने सांस्कृतिक कार्यक्रम से जो उस प्रदेश की पहचान है उसका प्रस्तुतिकरण कर सबों का मन मोह लिया।क्षेत्रीय निदेशक श्री पियुष परांजपे ने सभी मुख्य अतिथियों और सहभागियों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए इस दस दिनों के कार्यक्रमों में स्वस्थ्य परंपरा का निर्वहन करते हुए बीआइटी पटना के निदशक एवं संयोजक का विशेष आभार प्रकट किया।