संवाददाता.गया.जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर डुमरिया प्रखंड के मौनवार गांव में शनिवार देर रात को माओवादियों ने दो महिलाओं समेत चार लोगों की हत्या कर दी. चारों को घर के बाहर बने खटाल में फांसी लगा दी गई. मारे गए लोगों में एक ही घर के दो पति और उनकी पत्नियां हैं.व इसके बाद गांव के लोगों में दहशत फैलाने के इरादे से उन्होंने एक घर को बम से उड़ा दिया और मोटरसाइकिल में आग लगा दी.
मारे गए लोगों में सतेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, मनोरमा देवी और सुनीता सिंह शामिल हैं.माओवादियों ने पर्चा लगाकर कहा है कि इंसानियत के हत्यारे, गद्दारों और विश्वासघातियों को सजा ए मौत देने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. ये उनके चार साथियों अमरेश, सीता, शिवपूजन और उदय की हत्या का बदला है. आगे भी ऐसी कार्रवाई चलती रहेगी. उन्हें जहर देकर साजिश का शिकार बनाया गया था.
बिहार के गया में नक्सलियों ने शनिवार देर शाम एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया. एक ही परिवार के 4 सदस्यों की घर में घुसकर हत्या कर दी. हत्या के बाद चारों के शवों को घर के बाहर फंदे पर लटका दिया और फिर घर को बम से उड़ा दिया.घटना शाम 7 बजे से लेकर रात 9 बजे के बीच की है.करीब 7 बजे जंगल ड्रेस में पहुंचे करीब 20 हथियारबंद नक्सली दो घंटे के तक घटना को अंजाम देकर रातभर जंगल में ही रुके रहे. इस बात की गवाही मारे गए दो बेटे व बहू के पिता व चाचा ने दी. जिस स्थान पर घटना हुई है, वहां पर दो ही घर हैं. दोनों घर एक ही परिवार के हैं. मंगरु व सरयू सिंह भोक्ता दोनों सगे भाई हैं. इन दोनों परिवार के अलावा किसी और का घर घने जंगल में नहीं है.
मृतकों के चाचा मंगरु ने बताया कि हथियारबंद नक्सलियों ने दोनों घर को कब्जे में ले लिया. मंगरु, उसके परिवार व सरयू व उसकी बीबी को घर के एक कमरे में हाथ, पैर और मुंह बांध कर बंद कर दिया. इसके बाद सरयू के दो बेटे महेंद्र सिंह भोक्ता व सत्येंद्र सिंह भोक्ता व उनकी पत्नियों को कब्जे में लेकर घर के बाहर गोशाला के पास ले गए. वहां चारों की एक-एक कर हत्या कर दी. साथ ही बम से सरयू सिंह भोक्ता के घर को उड़ा दिया. करीब दो घंटे तक नक्सलियों ने घटना को अंजाम दिया.
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब सरयू सिंह भोक्ता के घर को बम से उड़ाया तब बहुत आवाज हुई थी.आसपास के गांवों में भी जानकारी मिल गई थी कि इलाके में कहीं न कहीं कोई बड़ी वारदात हुई है. लेकिन, पुलिस या सीआरपीएफ की ओर से कोई पहल नहीं की गई.मोनावार के घने जंगल में रात तो दूर दिन में भी लोग जाने से घबराते हैं. नक्सली और उनके द्वारा बिछाए जाने वाले बम से बना रहता है.करीब दिन के 10 बजे जांच करने अधिकारी पहुंचे. सभी जिला मुख्यालय व अन्य स्थानों से डुमरिया तो पहुंच गए पर मौके पर जाना मुनासिब नहीं समझा.मौके पर पहुंचते ही पुलिस ने उस स्थान को अपने घेरे में ले लिया. पीड़ित परिवार के सदस्यों को भी पुलिस अपने साथ मौके से लेकर चली गई.