स्वास्थ्य केंद्रों में निमोनिया प्रबंधन को किया जा रहा सुदृढ़

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Pneumonia

संवाददाता.पटना. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि निमोनिया से बचाव को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग सक्रिय रूप से अपनी भूमिका अदा कर रहा है। पीसीवी के टीके हो या स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण यह दर्शाता है कि निमोनिया के कारण शिशुओं में होने वाली मृत्यु को रोकने के लिए विभाग कितना गंभीर है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से भी सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन प्लान टू नयूट्रीलाइज निमोनिया सक्सेसफुली (सांस) कार्यक्रम का शुरुआत की गई है।
श्री पांडेय ने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सभी स्वास्थ्य केंद्रों में निमोनिया प्रबंधन को सुदृढ़ करना है। इसी उद्देश्य से राज्यभर के शिशु रोग विशेषज्ञों और स्टाफ नर्सों को चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से शिशु रोग विशेषज्ञों और स्टाफ नर्सों को एनएमसीएच में दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें अररिया, औरंगाबाद, बांका, बेगुसराय, गया, जमुई, कटिहार, खगड़िया, नवादा, पूर्णिया, सीतामढ़ी एवं शेखपुरा के शिशु रोग विशेषज्ञ एवं स्टाफ नर्स शामिल हुए। 28-29 अक्टूबर को आयोजित प्रशिक्षण में एक-एक शिशु रोग विशेषज्ञ और दो नर्सिंग स्टाफ शामिल हुए।
श्री पांडेय ने कहा कि निमोनिया से ग्रसित बच्चों का ससमय पहचान और इलाज महत्वपूर्ण है। निमोनिया के ससमय पहचान और इलाज के लिए आशा कार्यकर्ताओं को भी ट्रेनिंग दिया जा रहा, जिससे कि बच्चों को निमोनिया से बचाया जा सके। सरकारी कार्यक्रमों एवं प्रयासों के अलावे शिशुओं को निमोनिया जैसे गंभीर रोग से बचाने के लिए सामुदायिक जागरूकता भी महत्वपूर्ण है। इसको लेकर प्रत्येक साल 12 नवम्बर को विश्व निमोनिया दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बार भी राज्य भर के अस्पतालों में विश्व निमोनिया दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि लोग निमोनिया से बचाव के प्रति जागरूक हो सके।

 

 

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