संवाददाता.मुजफ्फरपुर.पौधरोपण को सभी सामाजिक संस्कारों एवं समारोह का अंग बनाना समय की मांग हो गई है। पौधरोपण से ही धरती एवं जीवों का अस्तित्व बचेगा। गोरौल प्रखंड के रसुलपुर कोरिगांव में स्व लालधरी सिंह के द्वादशा कार्यक्रम में आयोजित पौधावितरण कार्यक्रम में आये लोगों ने एक स्वर से उक्त बातें कही।लोगों ने कहा कि कोरोना संकट के समय ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों ने यह साबित कर दिया कि पौधे हमारे लिये कितने महत्वपूर्ण हैं।
लोगों ने माना कि कृत्रिम ऑक्सीजन प्लांट तो ऑक्सीजन संकट का अस्थायी निदान है। जब तक धरती हरी भरी न होगी ऑक्सीजन की कमी स्थाई रूप से पूरी न होगी। अकाल, बाढ़ सहित सभी प्रकार के पर्यावरणीय संकट का स्थायी निदान पौधरोपण ही है।
पर्यावरण संरक्षण के लिये सतत जागरूकता फैला रहे मुजफ्फरपुर जिले में कार्यरत समूह ” उन्नयन ” की ओर से यह पौधवितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया।पौधवितरण एवं पौधरोपण की परंपरा को हर सामाजिक एवं पारिवारिक कार्यक्रमो का अंग बनाने के लिये उन्नयन द्वारा इस तरह के कार्यक्रम किये जाते हैं। इस तरह के आयोजन के अलावे स्कूली बच्चों के बीच अब तक 15 हजार पौधे उन्नयन ने निःशुल्क बाटे हैं।
कार्यक्रम में आये लोगों ने उन्नयन की इस नवीन पहल की सराहना की एवं संकल्प लिया कि वे भी अब जन्मदिन, शादी ,वर्षगांठ एवं हर प्रमुख आयोजनों में उपहार स्वरूप अतिथियों को फलदार पौधा भेंट करेंगे एवं स्मृतिस्वरूप पौधा रोपण भी करेंगे।इस अवसर पर उन्नयन के सदस्य ब्रजेश कुमार, राजीव रंजन, स्व लालधारी सिंह के परिवार के सदस्य शिवचंद्र सिंह, रमेश , राजू समेत कार्यक्रम में आये काफी लोग उपस्थित थे।