संवाददाता.पटना. केंद्र सरकार की योजना स्कूल हेल्थ प्रोग्राम (एबीएसएचपी) के तहत स्वास्थ्य संबधी जागरुकता कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। स्कूल हेल्थ प्रोग्राम के तहत बच्चों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है।राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद बिहार के अधीन इसकी मानिटरिंग की जा रही है।
इसकी जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि इस योजना के लिए इस वित्तीय वर्ष में केंद्र से 10 करोड़ 27 लाख 31 हजार 999 करोड़ की राशि आवंटित की गई है। इस हेल्थ प्रोग्राम को एक वर्ष पूर्व 6 जनवरी को लांच किया गया था। इससे न सिर्फ स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य जागरुकता को नया आयाम मिला, बल्कि राज्य किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम को भी बल मिला।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में इस संचालित योजना के तहत 2020-21 में राज्य के पांच जिलों में स्कूली बच्चों के बीच स्वास्थ्य जागरुकता कार्यक्रम चल रहा है। इसमें गया, जमुई, पूर्णिया, कटिहार व सीतामढ़ी जिले शामिल हैं। अब इस साल वित्तीय वर्ष 2021-22 में 9 और जिलों में हेल्थ प्रोग्राम को चालू किया गया है। इसमें अररिया, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, नवादा, शेखपुरा व नालंदा शामिल हंै। इन जिलों के बच्चों को प्रशिक्षित करने वाले शिक्षकों का प्रशिक्षण दो माह में पूर्ण कर लिये जाएंगे।
श्री पांडेय ने कहा कि सरकारी व सरकार से वित्तपोषित विद्यालयों में छठीं से बारहवीं तक के बच्चों को स्कूल हेल्थ प्रोग्राम के तहत 11 श्रेणियों में जागरूक कर शारीरिक व मानसिक चुनौतियों से लड़ने के लिए दक्ष किया जा रहा है। बच्चों का शारीरिक विकास, भावनात्मक संतुलन व मानिसक स्वास्थ्य, पारस्परिक संबंध, जिम्मेदार नगरिक बनना, लैंगिक समानता, पोषक तत्व व सफाई, गलत आचरण से बचना, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, यौन संबंधी जागरुकता नियंत्रण व एड्स बचाव, हिंसा व चोट के प्रति जागरूकता के अलावे इंटरनेट व मीडिया का सकारात्कम उपयोग के बारे में कार्यक्रम के जरिये बताया जाता है। इन पद्धतियों को अपना कर बच्चों को एक स्वस्थ जीवनशौल व मानसिकता प्रदान की जाने की पहल की गई है।
श्री पांडेय ने कहा कि राज्य के 14 जिलों में विभिन्न स्कूलों इस कार्यक्रम को इस साल तक पहुंचा दिया जाएगा। बच्चों को स्वास्थ्य लाभ के प्रति जागरूक करने के लिए शिक्षा विभाग भी इस मुहिम में सहयोग प्रदान कर रहा है। अब तक 14 जिलों के 26 हजार 616 शिक्षकों की भागीदारी इस मुहीम में है। बच्चों के जागरूक करने के लिए इन शिक्षकों को राज्य, जिला एवं प्रखंड स्तर पर ट्रेनिंग दी जाती है। जो विज्ञान या शरीरिक शिक्षक होते हैं, उनका चयन हेल्थ एंड वेल्नेस एंबेसडर के रुप में किया जाता है। इसमें एक महिला शिक्षक व एक पुरुष शिक्षक होते हैं। कोरोना व बाढ़ की त्रासदी ने इस कार्यक्रम की गति पर थोड़ी विराम लगायी है। आने वाले समय में शीघ्र ही राज्य के 38 जिलों में इस कार्यक्रम को संचालित करने पर स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई कर रहा है।