संवाददाता.पटना.स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित महत्वपूर्ण अभिलेखों को बिहार राज्य अभिलेखागार निदेशालय के आधिकारिक वेबसाईट archives.bihar.gov.in पर श्रृंखलाबद्ध रूप से प्रदर्शित किया जा रहा है।यह आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर बिहार राज्य अभिलेखागार द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन के विभिन्न पहलुओं से आम जनता को अवगत कराने हेतु किया जा रहा है।
बिहार में अंग्रेजों के विरूद्ध जनमानस में चेतना 19वीं शताब्दी के प्रारंभ से देखने को मिलती है। बिहार राज्य अभिलेखागार में संरक्षित ऐतिहासिक एवं प्रशासनिक महत्व के अभिलेखों के अवलोकन से जहां आदिवासियों के द्वारा शुरू किये गये 1832 का छोटा नागपुर विद्रोह की जानकारी मिलती है वहीं 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का व्यापक प्रभाव अविभाजित बिहार के विभिन्न क्षेत्रों छोटा नागपुर, आरा, सासाराम, पटना, मुजफ्फरपुर, छपरा, सीवान, सारण में देखने का मिलता है। अनेकों शहीद हुये, कई लोगों की फांसी की सजा हुई एवं कई गिरफ्तार हुये। वीर कुंवर सिंह, पीर अली, हैदर अली 1857 के विद्रोह के प्रमुख नायक रहें। इनके अतिरिक्त घसीटा, कल्लू खान, पैगम्बर बख्श, अवसफ हुसैन, चेदी ग्वाला आदि कई नाम ऐसे हैं जो अभिलेखों में ही दर्ज है जिनके बारे में और अधिक शोध की जरूरत है।
1857 के विद्रोह के बारे में एक अंग्रेज अधिकारी ने लिखा है विद्रोह का प्रभाव इतना व्यापक था कि बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में अंग्रेजों की न्यायिक संस्थाओं के अभिलेख विद्रोहियों द्वारा नष्ट कर दिये गये थे। यहीं नहीं 1857 के विद्रोह में शाहाबाद की जनता की भूमिका देखते हुये वहां निरस्त्रीकरण करने का प्रस्ताव भी अंग्रेज अधिकारियों द्वारा दिया गया था। इसके अतिरिक्त वहाबी आंदोलन, बिरसा मुण्डा का विद्रोह, खेरवार आंदोलन जैसे महत्वपूर्ण आंदोलन अविभाजित बिहार में हुये जिनसे यह स्पष्ट रूप से ज्ञात होता है कि शोषणकारी नीति के विरूद्ध बिहार की जनता में जागरूकता रही थी। इसके विरूद्ध उन्होंने अंग्रेजों की खुली चुनौती दी। बिहार में औपनिवेशिक सत्ता के विरूद्ध बुद्धिजीवी वर्ग, जमींदारों, किसानों, आदिवासियों, छात्रों आदि में आक्रोश स्पष्ट रूप में परिलक्षित होता है और समय-समय पर उन्होंने अपने विरोध को अभिव्यक्त भी किया। बिहार स्टुडेन्ट कांफ्रेन्स, पटना कालेज, बिहार नेशनल कालेज आदि की राजनीति गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका रही थी।
नई पीढ़ी को स्वतंत्रता आंदोलन के विभिन्न आयामों से अवगत कराना बिहार राज्य अभिलेखागार निदेशालय, पटना का सामाजिक एवं नैतिक कर्तव्य भी है। इसी संदर्भ में उपरोक्त आंदोलनों एवं व्यक्तियों से संबंधित बिहार राज्य अभिलेखागार, पटना में संरक्षित महत्वपूर्ण अभिलेख़ों को शृंखलाबद्ध रूप से वेबसाईट पर अपलोड किया जा रहा है। प्रथम शृंखला में महात्मा गांधी के बिहार के आने के पूर्व औपनिवेशिक सत्ता के विरूद्ध हुये विभिन्न प्रतिरोधों को “Representing Colonial Resistance from Archival Texts (1832-1916)” के शीर्षक से वेबसाईट पर अवलोकन हेतु सर्वजन को सुलभ कराया जा रहा है।