संवाददाता.पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को सड़क मार्ग से पटना के आसपास के गंगा नदी के बढते जलस्तर का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को राहत-बचाव के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने पटना मुख्य नहर के दीघा लॉक तथा एलसीटी घाट पर सुरक्षा दीवार का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान दीघा घाट, भद्रघाट, कंगन घाट एवं गांधी घाट पहुंचकर गंगा के बढ़े हुए जलस्तर का भी मुआयना किया। जेपी सेतु पर रुककर गंगा की धारा का अवलोकन करने के पश्चात् मुख्यमंत्री ने जेपी सेतु होते हुए सोनपुर एवं हाजीपुर के क्षेत्रों का भी जायजा लिया। महात्मा गांधी सेतु पर रुककर गंगा नदी की धारा एवं जलस्तर का जायजा लिया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि गंगा किनारे जहां भी घनी आबादी है और वहां पानी का रिसाव हो रहा है तो उसे बंद करने का उपाय करायें। गंगा नदी के जिन घाटों पर ज्यादा पानी आ गया है, वहां पर बैरिकेडिंग करायें।
निरीक्षण के दौरान जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, पटना प्रमंडल के आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक उपेन्द्र शर्मा सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
निरीक्षण के उपरांत गांधी घाट पर पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है तथा इसके जलस्तर में और वृद्धि होने की संभावना व्यक्त की गई है। कल गंगा नदी में बढ़ रहे जलस्तर को लेकर हमने बैठक की थी। उस बैठक में जलस्तर को लेकर पूरी जानकारी दी गई। आज हमने गंगा नदी के आसपास के कई इलाकों का दौरा कर अधिकारियों के साथ पूरी स्थिति को देखा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में जब गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई थी, उस दौरान गंगा नदी के किनारे वाले 12 जिलों में बाढ़ से बचाव को लेकर पूरी तैयारी की गई थी। हमने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वर्ष 2016 में गंगा नदी के किनारे वाले जिलों में बाढ़ के पानी से जो असर हुआ था, उसे ध्यान में रखते हुए इस बार भी पूरी तैयारी रखें।