संवाददाता.पटना.विश्व मगही परिषद् के अन्तरराष्ट्रीय मगही चौपाल के बैनर तले 28 वाँ वेबिनार विश्व मगही परिषद के अध्यक्ष डा. भरत सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।कार्यक्रम के समापन के पूर्व विश्व मगही परिषद के अध्यक्ष ने विश्व मगही के विश्व मगही परिषद् के पदाधिकारियों की समिति को भंग करने की घोषणा की तथा नये पदाधिकारियों के चुनाव कराने के लिए शेखपुरा जिला के वरिष्ठ मगही साहित्यकार लालमणि विक्रान्त प्रोटोकॉल अध्यक्ष चुने गये।
कार्यक्रम का शुभारंभ विनय कुमार विकल के सरस्वती वन्दना से हुआ। डा. भरत सिंह ने कहा कि विश्व मगही परिषद विश्व परिसर में मगही के प्रचार-प्रसार केलिए अपनी मंजिल की दिशा में गतिशील है।संविधान की आठवीं अनुसूची में मगही को स्थान दिलाने और बिहार प्रांत की द्वितीय राजभाषा बनाने के साथ-साथ स्तरीय मगही साहित्य सृजन और प्रकाशन हमारा लक्ष्य है।कार्यक्रम का संचालन प्रो. नगेन्द्र नारायण ने किया। महासचिव प्रो. नगेन्द्र नारायण ने विश्व मगही परिषद की कार्यकारिणी के सभी मनोनीत सदस्यों का स्वागत किया। इसके साथ ही विश्व मगही परिषद के संचालित कार्यक्रमों का विवरण प्रस्तुत किये।
इसके बाद कार्यकारिणी के सभी उपस्थित सदस्यों का परिचय कराया गया।फिर मगही कविता और मगही लोकगीत का दौर शुरू हुआ।’पावस के संग मगहियन के उमंग ‘ विषयक झमाझम वर्षा गीतों की रस वर्षा से मगही कवि नरेन्द्र प्रसाद सिंह, रामकृष्ण मिश्र, शिवेन्द्र नारायण सिंह, उपेन्द्र प्रसाद प्रेमी और कवि राजकुमार ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मगही दीदी धर्मशाला देवी और मगही चाची नीरा कुमारी के पारम्परिक लोक गीतों के गायन से श्रोता झूम उठे।
अमेरिका से जुड़े अनिल कुमार ने कार्यक्रम की खूब प्रशंसा की। बेंगलोर से जुड़ी डा.सविता मिश्रा मागधी ने अपने विचारों और जहानाबाद से डा. सुनैना कुमारी ने गीत से लोगों का काफी उत्साहवर्द्धन किया। इस अवसर पर नामचीन हिन्दी मगही कवि सत्येन्द्र सत्यार्थी, डा. दिलीप कुमार और शोभा कुमारी ने भी अपने विचार व्यक्त किये। लगभग दर्जन-भर कवियों ने कवि सम्मलेन में भाग लिया।
नव निर्वाचित प्रोटोकॉल अध्यक्ष लालमणि विक्रान्त ने विश्व मगही परिषद् की स्थापना और लगातार ऐतिहासिक तरंग कार्यक्रमों के लिए डा.भरत सिंह और प्रो. नगेन्द्र नारायण की सराहना करते हुए सभी नव मनोनीत कार्यकारिणी सदस्यों को धन्यवाद दिया।