संवाददाता.पटना. मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन सोसाइटी बाघ संरक्षण ( भोपाल ) एवं यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ भोपाल के संयुक्त तत्वाधान में ‘अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस’ के अवसर पर बाघों के संरक्षण एवं इस के प्रति आम जनता को जागरूक करने के उद्देश्य से ‘बाघ सखा टी – शर्ट पेंटिंग प्रतियोगिता’ का आयोजन ‘यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ,पाटलिपुत्र इकाई द्वारा कराया गया |
वन विभाग ,मध्यप्रदेश ( भोपाल ) के प्रधान मुख्य वन संरक्षण ( वन्यप्राणी ) के मार्गदर्शन में आयोजित इस प्रतियोगिता पुरस्कार का वितरण ,आर्यभट्ट निकेतन, स्कूल,गाँधी रोड ,खगौल,पटना में किया गया | इस में आर्यभट्ट निकेतन स्कूल,खगौल की छात्रा श्रेया कुमारी को प्रथम एवं तृतीय पुरस्कार अनुष्का रानी को मिला | जबकि लोको कॉलोनी ,खगौल की निशा कुमारी को दूसरा पुरस्कार एवं चतुर्थ पुरस्कार सुप्रिया को मिला है | वहीं किशलय, तान्या,अंजली कुमारी,आकांक्षा कुमारी,रम्भा कुमारी, अक्षरा ,रुपाली,आरव,नीलकमल,अंकित कुमार, रूपम कुमारी ,अम्बर, लवली शर्मा, सोलानी ,प्रियंका ,रायेहा फातिमा आदि को सांत्वना प्रमाण पत्र प्रदान किया |
सफल प्रतिभागियों के बीच पुरस्कारों का वितरण स्थानीय खगौल के थानाध्यक्ष सह मुख्यअतिथि मुकेश कुमार मुकेश , यूथ होस्टल्स एशोसियेशन ऑफ इण्डिया,बिहार स्टेट ब्रांच के उपाध्यक्ष सुधीर मधुकर ,एशोसियेशन के सदस्य आशुतोष श्रीवास्तव, आर्यभट्ट स्कूल के निदेशक सत्यकाम सहाय,वार्ड पार्षद भरत पोद्दार,चंद्रशेखर भगत, मनोज कुमार गुप्ता ( बीरू ) आदि ने संयुक्त रूप से किया है | अपने संबोधन में थानाध्यक्ष मुकेश कुमार ने कहा कि पर्यावरण संतुलन के लिए बाघों के साथ-साथ सभी जीव प्राणियों का संरक्षण जरुरी है | ‘अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस’ के इस सफल आयोजन के लिए बिहार प्रदेश एशोसियेशन के अध्यक्ष मोहन कुमार,चेयरमैन केएन भरत, उपाध्यक्ष रीता कुमारी सिंह , शरत शलारपुरिया,सचिव एके बोस,प्रियेश रंजन,प्रमोद दत्त,डॉ.ध्रुव कुमार ,रतन कुमार मिश्र, रामनरेश ठाकुर ,संजीव कुमार जवाहर, नवीन सैनिक आदि ने सफल प्रतियोगियों को बधाई और शुभकामाना दिया है |
अपने संबोधन में बिहार एशोसियेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष सुधीर मधुकर ने कहा कि इस साल अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का विषय है “उनका जीवन रक्षा हमारे हाथों में है” | इस समय दुनियाभर के मात्र 13 देशों में ही बाघ पाए जाते हैं, इसमें 70 प्रतिशत बाघ केवल भारत में हैं | साल 2010 में भारत में बाघों की संख्या 1700 के करीब पहुंच गई थी | जिसके बाद लोगों में बाघों के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए साल 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में एक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया | जिसमें हर साल अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाए जाने की घोषणा की गई | इस सम्मेलन में कई देशों ने 2022 तक बाघों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है |भारत का पहला बाघ रिजर्व जिम कार्बेट है. भारत का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व नागार्जुन सागर श्रीशैलम है जबकि देश का सबसे छोटा टाइगर रिजर्व महाराष्ट्र के पेंच में है. देश में सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में हैं| बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में भारत-नेपाल सीमा पर, गंडक नदी के किनारे वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान टाइगर रिज़र्व और वन्यजीव अभयारण्य, स्थित है। यह बिहार का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है।