संवाददाता.पटना. विधान सभा में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने बताया कि विगत कुछ वर्षों से उच्च कोटि की स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु राज्य सरकार सतत् प्रयासरत है। पिछले लगभग सवा साल से कोविड-19 महामारी की चुनौतियों से सामना करते हुए बिहार राज्य ने जहॉ एक ओर कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल एवं ईलाज पेशेवर ढंग से किया वहीं इसी क्रम में दृष्टिगत हुई कुछ कमियों को दूर किया गया है, जिसका परिणाम रहा कि विधान सभा निर्वाचन-2020, ईद, दशहरा, दीपावली, छठ महापर्व एवं होली त्योहार को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराया गया। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में अनवरत कार्य करते हुए राज्य के चिकित्सकों एवं प्रशासकों ने कोरोना से मृत्यु दर को न्यूनतम रखने में सफलता पाई है।
माले विधायकों द्वारा कोरोना काल में राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए श्री पांडे ने कहा कि सरकार इस दौर में भी समय-समय पर उत्पन्न नई चुनौतियों जैसे आवश्यक दवाओं एवं ऑक्सीजन की उपलब्धता सभी स्तरों से निरन्तर प्रयास कर सुनिश्चित कराया गया।इस दौरान विभिन्न प्रकार के पहल किये गये हैं।बिहार राज्य में उन्नत चिकित्सा संस्थान विकसित करने के उद्देश्य से अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप देश का पहला तथा विश्व का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल का निर्माण पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, पटना के पुनर्विकास योजना के रूप में कराया जा रहा है। 5540.07 करोड़ की योजना की लागत से कुल 5462 बेड के अस्पताल का निर्माण कार्य तीव्र गति से जारी है।प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत 11 सुपरस्पेशलिटी विभागों हेतु आधुनिक उपकरणों एवं तकनीकों से लैस 211 बेड के नए भवन का निर्माण भी इस वर्ष पूर्ण कर लिया जायेगा। नालन्दा चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, पटना में उपलब्ध चिकित्सकीय सेवाओं, मरीजों की संख्या में वृद्धि एवं भविष्य की आवश्यकता को दृष्टपथ रखते हुए संस्थान को 2500 बेड में परिवर्तित करने की योजना राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित है। परिसर में उत्कृष्ट डायग्नॉस्टिक सुविधाओं की उपलब्धता सेंटर ऑफ एक्सेलेंस में किए जाने का प्रस्ताव है। 100 बेड का नया मातृ शिशु अस्पताल डेडीकेटेड कोविड अस्पताल के रूप में कोरोना के द्वितीय लहर में मरीजों के ईलाज एवं प्रबंधन हेतु अत्यन्त कारगर रहा है।
श्री कृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, मुजफ्फरपुर में टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुम्बई के सहयोग से मोबाईल होम बेस्ड पेलियेटिव केयर की शुरूआत की गयी जिससे कैंसर के अंतिम चरण के मरीजों की पीड़ा में राहत हुई है। होमी भाभा कैंसर अस्पताल केनिर्माण हेतु लगभग रूपये 200 करोड़ की लागत के आधार पर निविदा शीघ्र प्रकाशित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि राज्य के 14 जिलों यथा-नालंदा, सीवान, बेगूसराय, भोजपुर, दरभंगा, गया, भागलपुर, सुपौल, वैशाली, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, समस्तीपुर, पटना एवं औरंगाबाद में कैंसर स्क्रीनिंग प्रोग्राम सुचारू रूप से संचालित है।