संवाददाता.पटना.राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि जदयू प्रवक्ता द्वारा जिस चरवाहा विधालय का माखौल उड़ाया जा रहा है, उसकी प्रशंसा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हो चुकी है और वह महात्मा गांधी के बुनियादी विधालय का ही विस्तारित स्वरूप है। इसलिए जदयू प्रवक्ता गाल बजाने और राजद शासनकाल के बारे में अनर्गल बयानबाजी के बजाय अपनी खामियों और नाकामियों को ठीक करने में अपनी उर्जा लगायें वरना पिछले विधानसभा चुनाव में हाफ हुए हैं अबकी बार साफ हो जायेंगे।
राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि जदयू प्रवक्ताओं को जर्मन तानाशाह हिटलर के सलाहकार गोयेवेल्स के सिद्धांतों की ट्रेनिंग दी जाती है। इसलिए वे न तो सत्य बोल सकते हैं और न सच्चाई का सामना ही कर सकते हैं।उन्होंने जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार को चुनौती देते हुए कहा है कि राजद शासनकाल में शिक्षकों की नियुक्ति के सम्बन्ध में उन्होंने जो कहा है यदि हिम्मत है तो उन्हीं बातों को वे शपथ के साथ रखें।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि राजद शासनकाल में प्रतिवर्ष शिक्षकों के रिक्त होने वाले पदों पर नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया थी। शिक्षकों के स्वीकृत कुल 6 ,54,157 पदों के विरूद्ध एक भी पद खाली नहीं रहता था। नीरज कुमार जी ने जिस 34 000 शिक्षकों की नियुक्ति की चर्चा की है वह उन नवसृजित 21,253 प्राथमिक विद्यालयों के लिए सृजित किये गये थे जिनकी स्थापना “सर्व शिक्षा अभियान ” के तहत दलितों, अति पिछड़ों, पिछड़ों, अकलियतों के साथ हीं उन वंचित बस्तियों में की गई थी जहाँ के बच्चे किसी विधालय में नहीं पढते थे। पहली बार इन शिक्षकों की नियुक्ति बी पी एस सी के माध्यम से की गई थी। राजद शासनकाल में 21,253 नये प्राथमिक विद्यालय खोले गये और 19604 विधालयों को मध्य विद्यालय में उत्क्रमित किया गया इसलिए शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए कुल स्वीकृत 6,88,157 शिक्षक पदों के अतिरिक्त 1,96,000 शिक्षा मित्रों की नियुक्ति की गई थी।
2005 में एनडीए की सरकार बनने के बाद शिक्षकों के अवकाश ग्रहण करने के साथ ही उनका पद मृत मान लिया गया।और शिक्षकों की नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया बन्द कर दी गई।और नियमित शिक्षक की जगह नियोजित शिक्षकों बहाली की जाने लगी। काफी जदोजेहाद के बाद शिक्षकों के 2,75,255 रिक्त पदों के विरूद्ध अभी लगभग 1लाख 20 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। लेकिन अभी इसके अतिरिक्त भी डेढ लाख से ज्यादा शिक्षकों के पद रिक्त रह जायेंगे।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि सरकार द्वारा 2950 नये उच्च माध्यमिक विद्यालय खोले गये हैं पर इसके लिए शिक्षकों के अतिरिक्त पदों का सृजन नहीं किया गया है। इसी प्रकार नयी शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुसार बिहार में अभी पाँच लाख से ज्यादा शिक्षकों के पद सृजित होना चाहिए। पर एनडीए की सरकार शिक्षकों के पद सृजन करने के वजाय शिक्षकों की कमी को पुरा करने के लिए राजद शासनकाल में वंचित समुदाय के बीच खोले गये 21,253 प्राथमिक विद्यालयों को ही बन्द कर रही है या किसी दूसरे विधालय के साथ संलग्न कर रही है।