बिहार को इस वर्ष राजस्व क्षतिपूर्ति के रूप में मिलेंगे 6186 करोड़-सुशील मोदी

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संवाददाता.पटना.पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील मोदी ने  देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के रूप में आजादी के बाद का सबसे बड़ा कर-सुधार (टैक्स रिफॉर्म) लागू करने की पांचवीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी। उन्होंने बताया कि कोरोना आपदा के समय बिहार को वर्ष 2020-21 में 3,905 करोड़ रुपये मिले थे, जबकि चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में 6,816 करोड़ रुपये मिलेंगे।

श्री मोदी ने कहा कि जिस तरह रियासतों का विलय करा कर सरदार पटेल ने राजनीतिक एकीकरण किया था, उसी तरह प्रधानमंत्री मोदी ने दूरदर्शिता और दृढ राजनीतिक इच्छाशक्ति से भारत का आर्थिक एकीकरण किया।जीएसटी लागू करने में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली का योगदान सदा याद रखा जाएगा।  जीएसटी लागू होने से 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सीमाओं पर लगे सारे चेकपोस्ट खत्म हो गए। इससे माल ढुलाई में लगने वाले समय में 20 फीसद की बचत हुई।

उन्होंने कहा कि ” एक देश, एक बाजार, एक कर ” का सूत्र लागू होने से निबंधन, रिटर्न भरना और कर चुकाना आसान हो गया। सारी प्रक्रिया आनलॉइन और पारदर्शी हो गई। जीएसटी से राज्यों को राजस्व क्षतिपूर्ति के रूप में केंद्र से मिलने वाली सहायता राशि बढी।जीएसटी परिषद की अब तक 43 बैठकें हुईं और इसके सारे फैसले सर्वसम्मति से हुए।यह कोआपरेटिव फेडरलिज्म का सबसे अच्छा उदाहरण है।

श्री मोदी ने बताया कि पहले केंद्र और राज्य मिलाकर विभिन्न प्रकार के 100 रिटर्न फाइल करने पडते थे। अब केवल एक रिटर्न भरना पड़ता है।जिस जीएसटी के लागू होने से व्यापार करना आसान हुआ, उसे कांग्रेस के वित्त मंत्री चिदम्बरम लागू करने की हिम्मत नहीं दिखा पाये थे।जब मोदी सरकार ने जीएसटी लागू किया, तब इस ऐतिहासिक कदम का स्वागत करने के बजाय राहुल गांधी ने इसे गब्बर सिंह टैक्स बता कर अपनी हताशा व्यक्त की।

 

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