संवाददाता.पटना.मॉनसून की शुरूआत में ही नेपाल में लगातार हो रही बारिश बिहार आने वाली नदियों का जलस्तर अचानक बढने लगा है।गंडक और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर खतरे के निशान की ओर बढ रहा है।मंगलवार रात 9 बजे तक गंडक बराज से 3 लाख 3 हजार 800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।पिछले 10 वर्षों में 15 जून तक इतना पानी कभी नहीं छोड़ा गया।स्थिति को देखते हुए मंगलवार देर शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नेपाल एवं गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में पिछले 24 घंटे से भारी बारिश के मद्देनजर उच्चस्तरीय बैठक कर कई आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बताया कि नेपाल एवं गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हो रही भारी वर्षापात के कारण गंडक नदी के जलश्राव (डिस्चार्ज) एवं नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि होने की संभावना है। इसे लेकर विभाग पूरी तरह मुस्तैद है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारी वर्षापात एवं संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुये आपदा प्रबंधन विभाग, जल संसाधन विभाग एवं सभी संबंधित जिलाधिकारियों को पूरी तरह अलर्ट में रहने का निर्देष दिया। उन्होंने कहा कि मौसम पूर्वानुमान एजेंसियों के माध्यम से प्राप्त सूचना के आधार पर भारी बारिष की संभावना को देखते हुये आपदा प्रबंधन विभाग को पूरी तरह अलर्ट रहे। उन्होंने कहा कि तटबंधों के निकट रहने वाले लोगों के बीच माइकिंग के जरिये इसका विषेष रूप से प्रचार-प्रसार कराया जाय ताकि निष्क्रमण की कार्रवाई त्वरित गति से हो सके।
मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग को निर्देश दिया है कि जल संसाधन विभाग अपने सभी अभियंताओं को आक्रमण्य स्थलों पर पूरी तरह अलर्ट रखें ताकि तटबंधों की सुरक्षा की निगरानी की जा सके। जिलों में पूर्व से प्रतिनियुक्त एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमों को भी पूरी तरह अलर्ट मोड में रखा जाय ताकि किसी भी प्रतिकूल स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।
गौरतलब है कि बराज से पानी छोड़े जाने के बाद तटबंधों पर भारी दबाव उत्पन्न हो गया और कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया। पानी के दबाव में वाल्मीकिनगर गंडक बराज के सभी 36 फाटक खोलने पड़े। मौसम विभाग के बारिश के पूर्वानुमान के अनुसार, गंडक के जलस्तर में और वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री द्वारा उच्चस्तरीय बैठक के बाद जल संसाधन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग के साथ-साथ पश्चिम व पूर्वी चम्पारण और गोपालगंज जिलों के डीएम को पूरी तरह अलर्ट रहने को कहा।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बेतिया में गंडक, बूढ़ी गंडक, हरबोड़ा, बलोर, मसान, रामरेखा, कोहड़ा, कठहा, गांगुली, दोहरम और पंड़ई आदि नदियों में बाढ़ आ गई। वाल्मीकिनगर मौसम विज्ञान केंद्र के इंचार्ज विपुल चौधरी के अनुसार बेतिया में रिकॉर्ड 195 एमएम बारिश होने के बाद ऐसी स्थिति बनी। रामनगर के कई गांवों में मसान नदी का पानी घुसने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। नरकटियागंज और आस-पास के कई इलाकों में लोग सुरक्षित स्थानों की ओर जाने की तैयारी में हैं। बगहा, वाल्मीकिनगर के कई इलाकों में पानी घुसने लगा है। बेतिया के डीएम ने बताया कि देर रात तक पानी कई और इलाकों में फैल जाएगा।