जल-जीवन-हरियाली अभियान की सीएम ने की समीक्षा,दिए कई निर्देश

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संवाददाता.पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कॉलेज, पुराने सरकारी स्कूलों के भवन, नए बनाए गए इंस्टीच्यूट के भवनों पर भी सौर प्लेट लगाएं। संबद्ध विभाग आपस में इसके लिए मीटिंग कर कार्य योजना बनाएं। जल-जीवन-हरियाली अभियान के बारे में लोगों के बीच प्रचार-प्रसार कराएं, उन्हें इस अभियान के उद्देश्य, फायदे के बारे में बताएं। लोगों को जलवायु संरक्षण के प्रति जागरुक करना है। निरंतर इस बात का आकलन और समीक्षा करें कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत किए जा रहे कार्य तेजी से पूर्ण हो। इस अभियान के तहत लक्षित कार्यों को पूरे मनोयोग से पूर्ण करें।

मंगलवार को 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह निर्देश दिया।

समीक्षा के दौरान ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। जल-जीवन हरियाली अभियान के मिशन निदेशक राजीव रौशन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। जल-जीवन-हरियाली अभियान के सभी अवयवों यथा आहर, ईन,तालाबध्पोखर, कुओं को चिन्हित कर उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराना एवं उनका जीर्णोद्धार कराना, वास भूमि विहिन परिवारों को वास भूमि उपलब्ध कराना, सार्वजनिक कुओं एवं चापाकल के किनारे सोख्ता का निर्माण, छोटी-छोटी नदियों/नालों एवं पहाड़ी क्षेत्रों के जल संग्रहण क्षेत्रों में चेकडैम एवं जल संचयन की संरचना का निर्माण, नए जल स्त्रोतों का सृजन, गंगा जल उद्वह योजना, भवनों में छत वर्षा जल संचयन की संरचना, पौधशाला एवं सघन वृक्षारोपण, सौर ऊर्जा का उपयोग एवं ऊर्जा की बचत के लिए प्रोत्साहन के संबंध में किए जा रहे कार्यों की अद्यतन प्रगति की विस्तृत जानकारी दी।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों को जब से बिहार में काम करने का मौका मिला है राज्य में विकास के कई कार्यों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। वृक्षारोपण के साथ-साथ जल संरक्षण को लेकर भी कार्य किए जा रहे हैं। राज्य के बंटवारे के बाद बिहार का हरित आवरण 9 प्रतिशत रह गया था। वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना की गई और 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया, जिसमें लगभग 22 करोड़ पौधे लगाए गए। अब राज्य का हरित आवरण 15 प्रतिशत से अधिक हो चुका है, हमलोगों ने इसे 17 प्रतिशत से अधिक करने का लक्ष्य रखा है और उसके लिए तेजी से वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है। 5 जून 2020 से 9 अगस्त 2020 तक 2 करोड़ 51 लाख पौधा लगाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन उससे अधिक 3 करोड़ 94 लाख वृक्षारोपण किया गया। 5 जून 2021 को 5 करोड़ पौधा लगाने के लक्ष्य की शुरुआत की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 19 जनवरी 2020 को पर्यावरण संरक्षण को लेकर 5 करोड़ 16 लाख से अधिक लोगों ने मानव श्रृंखला बनायी। पर्यावरण संरक्षण को लेकर सभी दलों के विधान पार्षदों एवं विधायकों के साथ वर्ष 2019 में बैठक की गई, जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय किया गया कि जल-जीवन-हरियाली अभियान को मिशन मोड में चलाया जाए। जल-जीवन-हरियाली का मतलब है, जल और हरियाली है तभी जीवन सुरक्षित है चाहे वह जीवन मनुष्य, पशु-पक्षी या किसी अन्य जीव जंतु की हो। जल-जीवन-हरियाली अभियान पर 24 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने का प्रावधान किया गया है, यह बिहार जैसे गरीब राज्यों के लिए बड़ी बात है। बिहार के जल-जीवन-हरियाली अभियान की विश्व स्तर पर प्रशंसा हो रही है। उन्होंने कहा कि बिल गेट्स जब पटना आए थे, उस समय उनसे जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर चर्चा हुई थी। यहां से जाने के बाद उन्होंने इस अभियान की प्रशंसा की थी। युनाईटेड नेशन में भी बिहार के जल-जीवन-हरियाली अभियान की सराहना हुयी थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को मौसम के अनुकूल कृषि तथा जैविक खेती करने को लेकर प्रेरित करें। फसल अवशेष को लेकर किसानों को जागरुक करें,उन्हें बताएं कि फसल अवशेष को नहीं जलाएं। सार्वजनिक चापाकल हर हाल में फंक्शनल रहे। जीर्णोद्धार कराए गए कुओं एवं चापाकलों के किनारे सोख्ता का निर्माण जरुर कराएं। अतिक्रमण मुक्त कराए गए जल संचयन क्षेत्रों के किनारे बसे गरीब लोगों के पुनर्वास हेतु कार्रवाई करें। सौर ऊर्जा के उपयोग एवं उसके उत्पादन तथा ऊर्जा की बचत के लिए लोगों को प्रेरित करें।

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, संबंधित विभागों के मंत्रीगण, मुख्य सचिव  त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव एवं अन्य वरीय पदाधिकारी जुड़े हुए थे।

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