संवाददाता.अयोध्या.श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में जमीन खरीद के मामले में भ्रामक प्रचार कर कुछ राजनीतिक लोग समाज को गुमराह कर रहे हैं जो राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित है।जिस भूमि पर विवाद खड़ा किया जा रहा है उस भूमि को खरीदने के लिए वर्तमान विक्रेतागणों ने वर्षों पूर्व जिस मूल्य पर रजिस्टर्ड अनुबंध किया था,उस भूमि को उन्होंने 18 मार्च 2021 को बैनामा कराया तत्पश्चात ट्रस्ट के साथ अनुबंध किया।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उक्त जानकारी देते हुए कहा कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने अभी तक जितनी भूमि क्रय की है वह खुले बाजार की कीमत से बहुत कम मूल्य पर खरीदी है। उन्होंने बताया कि क्रय और विक्रय का यह कार्य आपस के संवाद और परस्पर पूर्ण सहमति के आधार पर किया जा रहा है।सहमति के पश्चात सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होते हैं।सभी प्रकार की कोर्ट फीस व स्टाम्प पेपर की खरीदारी ऑन-लाइन की जा रही है,सहमति पत्र के आधार पर भूमि की खरीदारी हो रही है,उसी के अनुसार सम्पूर्ण मूल्य विक्रेता के खाते में ऑन-लाइन स्थानान्तरित किया जाता है।
उन्होंने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का परकोटा और रिटेनिंग दीवार को वास्तु के अनुसार सुधारने के लिए मंदिर परिसर के पूर्व और पश्चिम दिशा में यात्रियों के आवागमन मार्ग को सुलभ बनाने के लिए खुला मैदान रखने के लिए,साथ ही साथ मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए पास-पड़ोस के कुछ छोटे-बड़े मंदिर,ग्रहस्थों के मकान खरीदना अत्यावश्यक है।जिनसे खरीदा जाएगा उनके पुनर्वास के लिए उन्हें कहीं अन्यत्र भूमि भी दी जाएगी।इस कार्य के लिए भी भूमि की खरीदारी की जा रही है।
श्री राय ने कहा कि 9 नवम्बर 2019 को श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने के पश्चात अयोध्या में भूमि खरीदने के लिए देश के असंख्य लोग आने लगे,उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या के सर्वांगीण विकास के लिए बड़ी मात्रा में भूमि खरीद रही है।इस कारण अयोध्या में एकाएक जमीनों के दाम बढ गए।जिस भूखण्ड पर अखबारी चर्चा चलाई जा रही है वह भूखण्ड रेलवे स्टेशन के पास बहुत प्रमुख स्थान है।