संवाददाता.पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ से सुरक्षा हेतु बचे हुए सभी कटाव निरोधक कार्य एवं बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य को मानसून के पहले पूर्ण करें। बाढ़ की स्थिति में तटबंधों की निगरानी हेतु विशेष सतर्कता बरती जाए। इसके लिये गश्ती कार्य नियमित रुप से किये जायें। निगरानी कार्य में लगाये जाने वाले लोगों का विशेष प्रशिक्षण कराएं। जल संसाधन विभाग इसे सुनिश्चित कराये। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में नावों की पर्याप्त उपलब्धता रखें। अभी कोरोना की विशेष परिस्थिति है। इसको ध्यान में रखते हुए संभावित बाढ़ की पूरी तैयारी रखनी है।
सोमवार को 1अणे मार्ग स्थित संकल्प में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह निर्देश दिया। बैठक के दौरान भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि ने इस वर्ष मॉनसून सत्र के दौरान वर्षा का पूर्वानुमान तथा पिछले 10 वर्ष के वर्षापात की स्थिति की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि 13-14 जून तक बिहार में मॉनसून आने की संभावना है, जून महीने में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारियों से संबंधित मुख्य बातों की जानकारी दी।उन्होंने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया (एस0ओ0पी0) के अनुसार बाढ़ आपदा प्रबंधन किया जाएगा। संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। उन्होंने नाव, पॉलिथिन शीट, राहत सामग्री की उपलब्धता, दवा, पशुचारा आदि के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।
जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, लघु जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव रवि मनु भाई परमार, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव, कृषि सह पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन0 सरवन कुमार ने अपने-अपने विभागों द्वारा संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति से निपटने को लेकर की गई तैयारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।समीक्षा के दौरान सभी जिलों के जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे। इस दौरान कुछ बाढ़ प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों से उनके जिलों की तैयारियों के संबंध में जानकारी ली गई।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ की स्थिति में प्रभावित क्षेत्रों का टीम बनाकर सही आकलन करवाएं। प्रभावित परिवारों की सूची बनाते समय पूरी पारदर्शिता बरती जाए ताकि कोई भी लाभ से वंचित न रहे। कोई भी वास्तवित हकदार लाभ से वंचित न रहे, यह सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत एवं बचाव कार्यों में लगाए जाने वाले सभी लोगों का शत-प्रतिशत टीकाकरण कराएं। कम्युनिटी किचेन, राहत शिविर में काम करने वाले लोगों, विभिन्न विभागों में बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य करने वाले सभी लोगों का टीकाकरण करायें। बाढ़ के दौरान प्रभावित लोगों को बाढ़ राहत शिविर में आने के बाद उनकी कोरोना जांच अवश्य कराएं। अगर कोई कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं उन्हें राहत शिविरों में अलग से आइसोलेट कर उनके इलाज की समुचित व्यवस्था रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव दवा, पशु दवा, सांप काटने की दवा, कुत्ता काटने की दवा, ब्लीचिंग पाउडर, डायरिया की दवा, हैलोजन टेबलेट आदि की पर्याप्त उपलब्धता रखें। पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त होने वाली सड़कों की मरम्मति की पूर्ण तैयारी रखें। विशेष आक्राम्य स्थलों को चिह्नित करें। इसको लेकर जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय लोगों से विचार-विमर्श करें। डायवर्सन का सुदृढ़ीकरण करायें। पिछले वर्ष बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों एवं पुल/पुलियों की मरम्मति कार्य 15 जून तक पूर्ण करें। पुल/पुलियों के साफ-सफाई का कार्य भी मानसून के पहले पूर्ण करें। नवगठित नगर निकायों में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति से निपटने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। डिजास्टर रिस्क रिडक्षन रोडमैप के क्रियान्वयन हेतु समुचित कार्रवाई करें। कैटल ट्रफ की समुचित व्यवस्था, पशुचारा, बाढ़ राहत सामग्री, दवा के साथ-साथ अन्य चीजों की उपलब्धता को लेकर पूरी तैयारी रखें। 13 जून के पूर्व सारी तैयारी पूर्ण रखें। आपदा प्रबंधन विभाग सतत् अनुश्रवण करते रहे। हर चीजों पर नजर बनाए रखें। पूर्व के बाढ़ के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए योजनाबद्ध ढंग से काम करना है।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री सह आपदा प्रबंधन मंत्री रेणु देवी, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा,कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री रामप्रीत पासवान, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज, श्रम संसाधन मंत्री जिवेश मिश्रा सहित अन्य मंत्रीगण, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व्यास जी, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य पी0एन0 राय, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक एस0के0 सिंघल, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद, अपर मुख्य सचिव पथ अमृत लाल मीणा, अपर मुख्य सचिव शिक्षा संजय कुमार, स्वास्थ्य सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव, कृषि सह पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन0 सरवन कुमार सहित संबद्ध विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारीगण, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, सभी रेंज के आई0जी0/डी0आई0जी0, सभी जिलों के जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक जुड़े हुए थे।