संवाददाता.पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राज्य के इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेजों में नामांकन में न्यूनतम एक तिहाई सीट छात्राओं के लिए आरक्षित की जाए। इससे छात्राओं की संख्या और बढ़ेगी। यह यूनिक चीज होगा। इससे छात्रायें उच्च और तकनीकी षिक्षा की ओर और ज्यादा प्रेरित होंगी। राज्य के सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं, कई मेडिकल कालेज भी खोले गये हैं। हमलोगों का उद्देश्य है कि इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए बिहार के बच्चे एवं बच्चियों को बाहर नहीं जाना पड़े।
बुधवार को 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अभियंत्रण विश्वविद्यालय तथा चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित करने के संबंध में प्रस्तावित विधेयक के प्रस्तुतीकरण के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह निर्देश दिया।
विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से ‘द बिहार इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी एक्ट-2021’ तथा ‘पावर एंड फंक्शन ऑफ यूनिवर्सिटिज, जुरिडिक्शन एवं अन्य प्रॉविजन’ के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से ‘बिहार यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ साइसेंज’ तथा पावर एंड फंक्शन ऑफ यूनिवर्सिटिज, जुरिडिक्शन एवं अन्य प्रोविजन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियंत्रण विश्वविद्यालय एवं चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित होने से इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं मेडिकल कालेजों का बेहतर ढंग से प्रबंधन हो सकेगा। साथ ही कॉलेजों में अध्यापन कार्य को बेहतर ढंग से नियंत्रित भी किया जा सकेगा।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार,मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी जुड़े हुए थे।