संवाददाता.पटना.बक्सर में ईटीवी भारत के लिए रिपोर्टिंग करने वाले उमेश पांडेय के खिलाफ एक भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य परशुराम चतुर्वेदी द्वारा दर्ज कराए गए मामले पर वेब जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (WJAI) ने संज्ञान लिया है. WJAI पत्रकारों ने इसे पीड़क कार्रवाई माना है। WJAI की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद कौशल, महासचिव डॉ. अमित रंजन और कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश अश्क़ ने एक बयान जारी कर कहा है कि पत्रकार पर लगाए गए आरोप पहली नजर में बदले की कार्रवाई दिख रहे हैं। इसलिए कि रिपोर्टर ने सीरीज में एक केंद्रीय मंत्री के खिलाफ खबरें लिखीं, लेकिन मंत्री की ओर से इसका खंडन नहीं किया गया और भाजपा नेता द्वारा उल्टे सीधे कई गंभीर आरोप लगाते हुए पत्रकार पर मामला दर्ज करा दिया गया।
डब्ल्यूजेएआई ने कहा है कि अगर खबरें तथ्यहीन या गलत थीं तो पहले मंत्री महोदय का पक्ष आना चाहिए था. रिपोर्टर अगर उसे अपने पोर्टल में या खबरों में स्थान नहीं देता तो उसे लीगल नोटिस भेजा जाना चाहिए था। पर ऐसा न कर सीधे रिपोर्टर पर केस दर्ज करना यह दर्शाता है कि भाजपा नेता मीडिया को दबाना चाहते हैं.
संगठन के अध्यक्ष आनंद कौशल ने मंत्री महोदय से हस्तक्षेप करते हुए रिपोर्टर पर दर्ज करवाए गये मुकदमे को वापस कराने और मामले के निपटारे का आग्रह किया है. साथ ही कहा है कि उन्हें खबरों पर आपत्ति है तो अपना पक्ष संबंधित रिपोर्टर के पास भेजें. केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा आईटी मंत्रालय ने भी इसी फरवरी में एक्ट लाकर यह प्रावधान किया है कि अगर किसी को पोर्टल पर चली खबरों पर आपत्ति है तो इसकी शिकायत पहले ग्रिवांस अधिकारी से करना है न कि संबंधित रिपोर्टर पर मुकदमा दायर कर दिया जाए।
संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमिताभ ओझा, रजनीशकांत, माधो सिंह, हर्षवर्धन द्विवेदी, आशीष शर्मा, राष्ट्रीय सचिव निखिल केडी वर्मा, सुरभित दत्त, मुरली मनोहर श्रीवास्तव, टी. स्वामिनाथन, संयुक्त सचिव मधूप मणि पिक्कू, रमेश पांडेय, डॉ. लीना, जीतेन्द्र कुमार सिंह, डॉ. राजेश अस्थाना, बिहार प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण बागी, महासचिव रजनीकांत पाठक समेत सैकड़ों की तादाद में वेब पत्रकारों ने इस प्रकरण पर खेद व्यक्त करते हुए मुकदमे को वापस लेने की अपील की है।