संवाददाता.डुमरांव. कोरान सराय पंचायत के कचईनिया के रहने वाले और दिल्ली की एक अंतर्राष्ट्रीय सिक्यूरिटी कंपनी में सुपरवाइजर के रूप में काम करने वाले अरुण पांडेय का कोरोना के जागरूकता को लेकर गाया हुआ गाना सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. अरुण कुमार पांडेय पेशे से सिक्यूरिटी प्रोफेशनल हैं. फिलवक्त एक अंतर्राष्ट्रीय सिक्यूरिटी एजेंसी में कार्यरत हैं.
भोजपुरी संगीत से इनका गहरा लगाव है. नब्बे के दशक में, खासकर 1992, 1993 से लेकर 1996 और 1997 में इनके गाये भोजपुरी गानों और भजनों की ग्रामीण इलाकों में धूम रही. इन्होंने रामायण, महाभारत और शिव पुराण के कई प्रसंगों को भोजपुरी में लिखा और उसे स्वर दिया. इन्होंने बड़ी शिद्दत के साथ भोजपुरी के शब्दों को आंचलिकता की आंच पर तपाया और भाषा की मिठास को बरकार रखते हुए, उसे अश्लीलता से पूरी तरह दूर रखा. कैरियर में बदलाव की वजह से उनका गायन बीच में बाधित रहा. अब, एक बार फिर अपने कर्तव्यपथ पर अडिग रहते हुए उन्होंने भोजपुरी की सोंधी महक से सजी एक गीत की रचना की है. उसे अपना स्वर दिया है, जो कोरोना काल में लोगों को जागरूक करने के साथ उनका स्वस्थ्य मनोरंजन कर रहा है..
सोशल मीडिया पर गाना वायरल होने के बाद कोरान सराय पंचायत के युवा समाजसेवी सुमित गुप्ता, वरिष्ठ शिक्षक राकेश त्रिपाठी, पूर्णानंद मिश्रा, उपेंद्र पाठक और धीरज पांडेय ने स्वागत किया है. सुमित गुप्ता ने इसे सराहनीय प्रयास बताते हुए कहा है कि अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए आम ग्रामीणों के लिए भोजपुरी में जागरूकता के लिए गाना बहुत बड़ी बात है. इससे पंचायत के लोगों को फायदा होगा. वहीं राकेश त्रिपाठी ने कहा कि चूकी ग्रामीण इलाकों में सबके हाथों में मोबाइल है, इसलिए सबलोग इसे सुन रहे हैं और गाने में निहित संदेश का पालन कर रहे हैं.
वहीं गाना वायरल होने के बाद बक्सर जिले में अश्लील भोजपुरी गाना गाकर प्रसिद्धि पाने वाले परेशान हैं. अरुण पांडेय के गीत को बड़े-बुढ़े और बुजुर्ग भी चाव से सुन रहे हैं. अरुण पांडेय ने अपने बचपन के मित्रों विजय शंकर और नारायण दत्त पांडेय का शुक्रिया कहा है जिनकी प्रेरणा से उन्होंने दोबारा भोजपुरी के गानों को रिकॉर्ड करना शुरू किया है. वहीं युवा समाजसेवी सुमित गुप्ता ने कहा है कि कोरोना काल बीतने के बाद बदलाव ग्रुप की ओर से आयोजित सलाना कार्यक्रम में अरुण पांडेय को सम्मानित किया जाएगा.